नई दिल्ली. कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए केंद्रीय केबिनेट ने कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। इसके तहत सांसद निधि के दस करोड़ का फंड दो साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। सांसदों के वेतन से 30 फीसदी की कटौती करने के अध्यादेश को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। सोमवार को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सरकार की ओर से इस बात की जानकारी दी। इससे पहले राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति व राज्यपालों ने स्वेच्छा से अपने वेतन में कटौती का फैसला लिया। यह राशि देश की संचित निधि में जमा कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी, जानिए क्या लिखा?
बताया गया कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, सभी राज्यपाल और सांसद एक साल तक अपने वेतन का 30 फ़ीसदी हिस्सा नहीं लेंगे। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। अब इस फैसले को कार्य रूप देने के लिए अध्यादेश लाने की तैयारी है। इसके बाद संसद सत्र शुरू होने पर कानून पारित करा लिया जाएगा।
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प ने मोदी से मांगी मदद
कोरोनावायरस से लड़ने जमा होगी सांसद निधि
सांसदों को हर साल मिलने वाली निधि या एमपी लोकल एरिया डेवलपमेंट फंड को दो साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। इस मद में हर साल 10-10 करोड़ रुपए सांसदों को मिलते थे, अब यही दस करोड़ कंसोलिडेटेड फंड ऑफ़ इंडिया में जमा होंगे, ताकि उससे कोरोनावायरस के दंश से लड़ा जा सके।
प्रधानमंत्री की अपील बाद दीप जलाने से पहले लयबद्ध हुई संगीत नगरी
वीडियो कान्फ्रेंसिंग कर प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से की चर्चा
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए कोरोना वायरस पर चर्चा की। कहा कि लॉकडाउन के नियम और सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो किया जाना ही चाहिए। लॉकडाउन खत्म होने के बाद पैदा होने वाले हालात के लिए रणनीति बनाना जरूरी है। उन्होंने मंत्रालयों से 10 बड़े फैसलों और 10 प्राथमिकता वाले इलाकों की लिस्ट बनाने के निर्देश दिए।
रागनीति के ताजा अपडेट के लिए फेसबुक पेज को लाइक करें और ट्वीटर पर हमें फालो करें।