सूरजपुर जिले के कुदरगढ़ वन परिक्षेत्र में लकड़ी तस्कर काफी सक्रीय हैं।हरे भरे पेड़ों की अवैध कटाई करके उन्हें वे आसपास के क्षेत्रों में ही बेच रहे है। वन अधिकारी, कर्मचारियों की अनियमित उपस्थिति और वन क्षेत्रों की निगरानी नहीं होने की वजह से लगातार लकड़ियों की तस्करी बढ़ती जा रही है।
कुदरगढ़ वन परिक्षेत्र में इनदिनों लगातार हरे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई चल रही है। जंगल के सभी बड़े बड़े पेड़ों को कटा जा रहा है। तस्कर पड़ेडों को काटकर लकड़ियां वहीँ रख देते हैं फिर बाद में उसे सिल्ली या गोला बनाकर उठा लिया जा रहा है। सड़क के किनारे लगे हुए बड़े पेड़ ठूंठ में तब्दील हो चुके हैं।
ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार इस अवैध कटाई खेल लम्बे समय से चल रहा है, लेकिन अभी तक इस पर रोक लगाने कोई पहल नही की जा रही है। बड़े -बड़े पेड़ सड़क के किनारे काट कर रखे गए हैं। ठूंठ कटाई के नाम पर बड़े पेड़ों को काटने का खेल भी चल रहा है। वन अधिकारियों की भूमिका पूरे मामले में संदिग्ध है। स्थानीय लोगों का कहना है की जब से वर्तमान में पदस्थ रेंजर आए हैं, तभी से वन परिक्षेत्र में अवैध लकड़ी कटाई जोरो पर चल रही है।
इससे पूर्व इस क्षेत्र में चोरी छिपे लकड़ी कटाई की जाती थी। लकड़ी तस्करों में डर बना रहता था, लेकिन अब तो खुलेआम लकड़ी तस्करों सहित स्थानीय लोगों के द्वारा खुलेआम जंगलों में खड़े बड़े पेड़ों को गिराया जा रहा है जिसमें वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों की भी शामिल होने की बात सामने आयी है, तभी इनका मनोबल बढ़ा हुआ है।