रायपुर। पिछले एक महीने से आंदोलनरत मंत्रालय के अधिकारियों-कर्मचारियों के सब्र का बांध आखिरकार टूट ही गया। अब यह तय हो गया है कि मंगलवार को मंत्रालय में कोई भी अधिकारी-कर्मचारी काम पर नहीं जाएगा। अधिकारियों से लेकर चतुर्थ वर्ग तक के कर्मचारियों के अवकाश पर होने से मंत्रालय में तालाबंदी की स्थिति बनेगी।
मंत्रालयीन कर्मचारी संघ ने प्रशासन की हठधर्मितो को तालाबंदी की वजह बताया है। सोमवार को मुख्य सचिव अजय सिंह से मंत्रालय के कर्मचारियों की वार्ता विफल हो चुकी है। कर्मचारी आश्वासन पर मानने को तैयार नहीं हुए जबकि मुख्य सचिव आश्वासन ही देते रहे।
मंत्रालय के कर्मचारी मंत्रालय समेत पूरे प्रदेश के लिपिकों की वेतन विसंगति दूर करने, सहायक ग्रेड का पदनाम केंद्र सरकार के पदनाम के अनुरूप करने, चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयुसीमा 62 से बढ़ाकर 65 करने, मंत्रालय में पदस्थ डॉक्टर को मेडिकल बिलों के सत्यापन के लिए पत्र व्यवहार का अधिकार देने और मंत्रालय के कर्मचारियों को उनके पद के अनुरूप अटल नगर के सेक्टर 29 में आवास सुविधा देने की मांग को लेकर पिछले अगस्त से आंदोलन कर रहे हैं।
काली पट्टी बांध कर काम करने, मुख्य सचिव व मुख्यमंत्री से गुहार लगाने, लंच टाइम में नारे लगाने से लेकर शांतिपूर्ण आंदोलन के तौर पर जितना हो सकता था किया लेकिन बात नहीं बनी। अब मंत्रालय में तालाबंदी की नौबत आ गई है। मंत्रालय प्रदेश का प्रमुख प्रशासनिक कार्यालय होता है।
यहां काम ठप हुआ तो प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था पर असर होगा। मंत्रालय पर केंद्र सरकार के कार्मिक विभाग और प्रधानमंत्री की भी सीधी नजर रहती है। यह एतिहासिक मौका है जब मंत्रालय बंद रहेगा। मंत्रालयीन कर्मचारी संघ ने सोमवार को मंत्रालय के डी गेट के सामने प्रदर्शन किया। इस मौके पर मांगें पूरी करने को लेकर जमकर नारेबाजी की गई।