खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में जनपदों को अधिकार बहाल करने की मांग तेज
खैरागढ़. जिले में जनपद पंचायतों के सचिवों ने एक सुर में जिला प्रशासन द्वारा राशन कार्ड निर्माण एवं सुधार कार्यों हेतु जनपद स्तर पर दिए गए ID-पासवर्ड को बंद करने के निर्णय का विरोध किया है। सचिव संघ ने कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि सिर्फ एक शिकायत के आधार पर पूरे जनपद के कामकाज को बाधित करना अनुचित है।
ज्ञापन में बताया गया कि 5 मई को आयोजित सुशासन तिहार समाधान शिविर में किसी व्यक्ति ने शिकायत की थी कि राशन कार्ड बनवाने के एवज में कर्मचारी पैसे ले रहे हैं। इस एकल शिकायत के आधार पर खैरागढ़ एवं छुईखदान दोनों जनपद पंचायतों के आईडी पासवर्ड तत्काल प्रभाव से बंद कर दिए गए और समस्त कार्य जिला कार्यालय स्तर से किए जाने के निर्देश जारी हुए।
सचिव संघ का कहना है कि यदि किसी कर्मचारी द्वारा गड़बड़ी की गई थी, तो उस व्यक्ति पर व्यक्तिगत कार्रवाई की जानी चाहिए थी, न कि पूरे जनपद पंचायत को काम से रोक दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व में कई बार सीएससी सेंटर और राशन दुकान सेल्समैन द्वारा बिना सरपंच-सचिव के अनुमोदन के कार्ड बनाए गए, जिसकी शिकायतें लगातार जिला खाद्य विभाग को दी गईं, लेकिन उचित कार्रवाई नहीं हुई।
सचिव संघ ने स्पष्ट किया कि यदि जनपद स्तर पर कार्य पुनः प्रारंभ नहीं किया गया, तो राशन कार्ड संबंधित कार्य समय पर नहीं हो पाएंगे, जिससे हितग्राहियों में असंतोष और शिकायतें बढ़ेंगी। जिला कार्यालय में जनपद से भेजे गए आवेदनों पर भी समय पर कार्य नहीं हो पाता है, और कई बार उन्हें खो जाने की बात कही जाती है।
इसी बीच, समाधान शिविर से संबंधित एक अन्य पत्र में यह मांग उठाई गई है कि इन शिविरों में होने वाले खर्च का वहन केवल ग्राम पंचायतों से न करवा कर, सभी विभागों से संयुक्त रूप से आर्थिक सहयोग लेकर किया जाए, जिससे पंचायतों पर वित्तीय बोझ कम हो सके।
प्रमुख मांगे:
1. राशन कार्ड निर्माण/सुधार के लिए खैरागढ़ एवं छुईखदान जनपद पंचायतों को पुनः ID-पासवर्ड प्रदान किया जाए।
2. शिविरों में होने वाले खर्च की जिम्मेदारी सभी विभागों पर साझा की जाए।
3. शिकायत की निष्पक्ष जांच कर दोषी कर्मचारी पर व्यक्तिगत कार्यवाही की जाए।