कांकेर/अंतागढ़. ताड़ोकी थाना के आमागांव में नक्सलियों ने रविवार की रात कुल्हाड़ी से मार कर एक युवक की हत्या कर दी और उसके पिता को 200 मीटर तक सड़क पर घसीट कर पिटाई की। 22 साल में यह इस गांव में मुखबिरी के शक में की गई तीसरी हत्या है। एक साल पहले गांव में नक्सलियों ने एक चिठ्ठी भेजी थी। जिसमें गांव में पुलिस का मुखबिर होने का आरोप लगाया था।
रविवार 16 सितंबर की रात 9 बजे 60 से अधिक वर्दीधारी हथियारबंद नक्सली आमागांव पहुंचे। चौक में गणेश पंडाल के पास पहुंच लोगों को घर भगा दिया। इसके बाद नक्सली गांव के पुजारी 60 वर्षीय दयालूराम जैन के घर पहुंचे। यहां उसे घर बाहर निकाल पीटना शुरू कर दिया।
इसके साथ ही पुजारी के छोटे बेटे 35 वर्षीय गैंदलाल जैन को घर से निकाल उसके हाथ बांध दिए और उसे गांव से बाहर 200 मीटर दूर गाड़ा घाट ले गए। यहां उसकी पिटाई शुरू कर दी। सिर व सीने में किए वार से गैंदलाल गिर पड़ा। जिसके बाद कुल्हाड़ी से मार कर उसकी हत्या कर दी। युवक खुद का सवारी वाहन क्रूजर चलाता था। युवक के साथ-साथ लाए पिता की भी जमकर पिटाई की।
पुत्र की हत्या के बाद पिता को छोड़ दिया। जाते-जाते नक्सली युवक का की-पैड मोबाइल भी अपने साथ ले गए। पिता ने जैसे तैसे गांव पहुंचकर इसकी जानकारी दी। गंभीर रूप से घायल पिता को नक्सली दहशत के चलते रातभर ग्रामीणों ने गांव में ही रखा। सुबह घायल पिता को अस्पताल पहुंचा इसकी जानकारी पुलिस को दी गई।
बुजुर्ग पिता को पीटा, बड़े भाई को पूछताछ कर छोड़ा : नक्सलियों ने युवक के पिता दयालूराम को घर से निकालने के बाद से उनकी पिटाई शुरू कर दी थी। इसके साथ बड़े भाई महेंद्र जैन के भी हाथ बांधने लगे। जब महेंद्र ने अपनी गलती पूछी तो उसे छोड़ दिया। इसके बाद पिता और छोटे पुत्र को साथ लेकर गाड़ा घाट की ओर गए।
इस दौरान 200 मीटर तक सीसी सड़क पर बुजुर्ग पिता को घसीटा गया। मारपीट व सड़क पर घसीटने से बुजुर्ग की स्थिति गंभीर बनी हुई है। जिन्हें अंतागढ़ अस्पताल में प्राथमिक उपचार देने के बाद कांकेर रेफर कर दिया गया है।
रामायण सुनने जाने वाला था मृतक का परिवार : रात 9 बजे गैंदलाल और उसका पूरा परिवार घर पर ही था। युवक की पत्नी और भाभी बगल के घर में महिला स्वसहायता समूह की बैठक में गई थीं। गैंदलाल व परिवार के अन्य सदस्य रंगमंच के गणेश पंडाल में रामायण कथा सुनने जाने वाले थे। इसी दौरान नक्सली वहां पहुंच गए।
22 साल में इन लोगों की हत्या : आमागांव में नक्सलियों द्वारा यह पहली हत्या नहीं है। 10 साल पहले नक्सलियों ने गायता दुर्गूराम ध्रुव और 22 साल पहले रजऊराम राणा की हत्या की थी। इसके चलते गांव में दहशत है।
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एक पर्चे और तीन बैनर में लगाया आरोप : नक्सलियों हत्या के बाद लाश के पास ही एक पर्चा रख दिया था। एक बैनर युवक के घर की बाड़ी में, दूसरा घटना स्थल से दस मीटर दूर और तीसरा बैनर घटना स्थल से 50 मीटर दूर निर्माण कार्य में लगी जेसीबी मशीन में बांध दिए।
इन सभी में युवक को पुलिस का मुखबिर बताया गया है। इसी बैनर में सालभर पहले गांव में भेजे गए पत्र का भी उल्लेख किया गया है। इस पत्र के बाद गांव में बैठक भी हुई थी। लेकिन किसी ने मुखबिरी करने की बात नहीं की थी। उक्त बैनर किसकोड़ो दलम की ओर से लगाए हैं।
वर्दीधारी नक्सलियों ने की हत्या: एसडीओपी
अंतागढ़ एसडीओपी पुप्लेश पात्र ने बताया कि आमागांव में युवक की हत्या वर्दीधारी हथियारबंद नक्सलियों ने की है। पुलिस मामला दर्ज इसकी जांच कर रही है।