ज़मीन पर विश्वविद्यालय आवास समिति का दावा,कलेक्टर से मिलकर की मुआवजे की मांग
खैरागढ़. सेतु निगम भले ही 14 साल से सोनेसरार - राइस मिल के पास का पुल पूरा नहीं कर पाई हो। लेकिन पिपरिया से खमतराई को जोड़ने वाली पूर्व स्वीकृत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनने वाली सड़क पर बन रहे उच्च स्तरीय पुल का निर्माण तेज़ी से हो रहा है। एक तरफ बाईपास में आवाजाही पुल के इंतज़ार में अटकी हुई है,तो दूसरी ओर सड़क ही नहीं है। और पुल का निर्माण पूरा होने जा रहा है। पिपरिया - खमतराई सड़क में बन रहे इस पुल में नया पेंच सामने आया है। मंगलवार को डीई कार्यालय से लगी निजी कॉलोनी विश्वविद्यालय आवास समिति के प्लॉट मालिकों ने कलेक्टर से चंद्रकांत वर्मा से मिलकर उक्त सड़क निर्माण पर आपत्ति दर्ज कराई है कि जिस सड़क पर पुल जुड़कर कार्ययोजना तैयार की गई है,वह असल में सड़क नहीं बल्कि कॉलोनी की भूमि है। अब सेतु निगम से लेकर पूरा प्रशासनिक तंत्र बगले झाँक रहा है। क्योंकि इसका जवाब किसी के पास नहीं है कि निजी कॉलोनी में प्रधानमंत्री सड़क का प्रस्ताव किसने तैयार किया और उस पर उच्च स्तरीय पुल की कार्ययोजना किसके कहने पर तैयार की गई। जबकि जिस हिस्से पर सड़क निर्माण की कार्ययोजना बनाई गई है उस पर बसाहट ही नहीं है। आवास समिति के अध्यक्ष आलोक सिंह सहित अन्य सदस्यों ने निर्माण पर आपत्ति करते हुए मुआवजे की मांग की है।
विवि आवास समिति के नाम पर पंजीकृत है ज़मीन
कॉलोनी के सदस्यों ने कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि ग्राम पिपरिया, तहसील खैरागढ़, जिला राजनांदगाँव आवास,समिति के नाम से प.ह.न. 19/1 में खसरा नं. 1760, 1761/2, 1761/3, 1759/3, 1761/4, 1761/14. 1761/15, 1759/ /1.1759/2. 1755 एवं 1761/13 कुल रकबा 310 एकड 1761/1. भूमि विश्वविद्यालय आवास समिति के 30 सदस्यों के नाम वर्ष 1998 से पंजीकृत है एवं नगर तथा ग्राम निवेश विभाग राजनांदगाँव से पारित है। जिस पर ग्राम खम्तराई से पिपरीया नदी पर पुल एवं सड़क निर्माण, लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जा रहा है।कॉलोनी के सदस्यों ने विश्वविद्यालय आवास समिति के जमीन पर सडक निर्माण के फलस्वरूप आवास समिति को मुआवजा राशि दिलाने की मांग की है।
3 करोड़ की लागत से बन रहा पुल
पिपरिया - खमतराई मार्ग के इस उच्च स्तरीय पुल की लागत 2 करोड़ 82 लाख 92 हज़ार रूपए है। निर्माण लोक निर्माण विभाग के पुल निर्माण एजेंसी की देख रेख में ठेकेदार विनोद कुमार जैन कर रहे हैँ। बनने वाली सड़क व पुल का ठेका अलग - अलग है।
टिकरापारा और शिव मंदिर रोड में न पुल निर्माण न प्रस्ताव
नगर में चल रहे निर्माण कार्यो में ख़ासकर सेतु निगम के निर्माण कार्यों को लेकर न केवल सवाल उठ रहे हैं बल्कि विभाग भी सवालों के घेरे में है। एक तरफ टिकरापारा, शिव मंदिर रोड जैसे घनी बसाहट वाले वार्ड बाढ़ के दौरान शहर से कट जाते हैं वहाँ पुल निर्माण तो छोड़ उसकी कार्ययोजना पर भी विचार नहीं हो रहा। वहीँ पहले मोंगरा और अब पिपरिया - खमतराई के बीच पुल बन रहा है। जहाँ सड़क की ज़मीन ही अधिग्रहित नहीं हुई है। दूसरी ओर जहां सड़क बन चुका उस बाईपास पर पुल ही नहीं बन पा रहा है।
पहले हमें उक्त भूमि को सरकारी बताया गया था- इंजीनियर सेतु विभाग
सेतु विभाग राजनांदगांव इंजीनियर संतोष बिनवार ने बताया कि उक्त भूमि पर पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा सड़क निर्माण करने अलाइनमेंट तैयार किया था और कुछ दूर तक सड़क निर्माण भी कराया गया है। हमें नदी के बीच में पूल निर्माण करना था हमें पहले बताया गया कि उक्त भूमि सरकारी है जैसे ही हमने पूल निर्माण करना शुरू किया जमीन मालिक द्वारा शिकायत किया गया। जिसके बाद राजस्व विभाग को उक्त भूमि की सीमांकन कर सरकारी और निजी भूमि को चिन्हांकित करने लेटर लिखा गया। राजस्व विभाग द्वारा सरकारी और निजी भूमि को चिन्हांकित किया जाएगा उसके बाद मुआवजा की कार्रवाई शुरू की जाएगी।