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- प्रधानमंत्री की अपील के बाद बनी कोरोना वायरस के खिलाफ निर्मल त्रिवेणी महाभियान के इस अनूठे अनुष्ठान की रूपरेखा।
- लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिंग की सीख दे रहे अभियान के सदस्यों ने एक ही समय में अपने-अपने घर पर रहकर की प्रार्थनाएं।
रायपुर/खैरागढ़. दीये और मोमबत्ती की रोशनी में पूरे देश ने एक बार फिर एकजुटता दिखाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस अपील का दुनिया के कई देशों ने समर्थन किया। छत्तीसगढ़ की संगीत नगरी खैरागढ़ ने एक कदम आगे बढ़कर अनूठी पहल की। यहां दीप जलाने के दो घंटे पहले हिंदुओं ने गायत्री मंत्र का जप किया तो मुसलमानों ने अयात-ए-करीमा का वजीफा। एक तरफ हवन कुंड में जौं, तिल और घी की आहुतियां डाली गई तो दूसरी तरफ सैकड़ों हाथ दुआ के लिए उठे। बालकनी से शंखनाद हुआ तो छत से अजान भी दी गई। शाम साढ़े 6 बजे से रात तकरीबन आठ बजे तक खैरागढ़ में ‘ऊं भूर्भुव: स्व:’ के साथ ‘अल्लाह हो अखबर’ की गूंज सुनाई दी।
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एक बार फिर इस एकता का सूत्रधार बने निर्मल त्रिवेणी महाभियान के सदस्य, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग कायम रखते हुए अपने अभियान की पहली वर्षगांठ मनाई। दरअसल, 5 अप्रैल 2019 को ही नदियों की सफाई से निर्मल त्रिवेणी महाभियान की शुरुआत हुई थी। इसी के तहत यह आयोजन हुआ। अलग-अलग धर्म से जुड़े सदस्यों ने एक ही समय में अपने-अपने घरों से प्रार्थनाएं की ताकि कोरोना संक्रमण के इस संकटकाल से मुक्ति मिले।
सोशल मीडिया पर लाइव हुए पं. घनश्याम तिवारी
प्रधानमंत्री की अपील के बाद इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई। सबकुछ पहले से ही तय था। रविवार शाम साढ़े 6 बजे पं. घनश्याम तिवारी ने विधि विधान से मंत्रोच्चार शुरू किया। फिर घर पर बैठे सदस्यो ने गायत्री मंत्र दोहराते हुए आहुतियां डालीं। पूर्णाहुति के बाद कपूर आरती हुई। आरती के बाद शंखनाद हुआ।
यहां देखें मंगल सारथी के घर हुए हवन का वीडियो
शंखनाद की तरह है अजान भी
इधर अभियान से जुड़े हर मुस्लिम परिवार में आयत-ए-करीमा का वजीफा या जप किया गया। कोई छत पर था तो किसी ने हाल में आसनी लगा रखी थी। आयत-ए-करीमा के देश-दुनिया को कोरोना वायरस की मुसीबत से निजात दिलाने दुआ मांगी गई। इसके बाद अजान दी गई। सदस्य समसुल होदा खान का कहना है कि जैसे हिंदुओं में शंखनाद होता है, उसी तरह मुसलमानों में अजान। तरीके अलग हैं, लेकिन मकसद एक ही है।
यहां देखें समुसुल होदा खान ने दी अजान
9 बजते ही बत्ती बुझाई, दीप जलाए
निर्मल त्रिवेणी अभियान का यह कार्यक्रम रात तकरीबन आठ बजे तक पूरा हो चुका था। इसके बाद सभी 9 बजने का इंतजार करने लगे। चार-पांच मिनट पहले ही घर की बत्ती बुझा दी और जैसे बड़ी सुई 12 पर आकर रुकी, दिये और मोमबत्ती की रोशनी से एकता जगमगा उठी।
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देश के नाम समर्पित किया महाभियान का पूरा साल
अभियान के वरिष्ठ सदस्य लक्ष्मीचंद आहूजा ने बताया कि नदियों की सफाई के उद्देश्य से निर्मल त्रिवेणी अभियान की शुरुआत हुई थी। बारिश का मौसम आया तो हम नगर की स्वच्छता को लक्ष्य बनाकर आगे बढ़े। सफाई पूरी हुई तो सौंदर्यीकरण का ख्याल आया। प्रमुख मार्ग की दीवारें खूबसूरत कलाकृतियों से भर दीं। फिर हरेक त्योहार को अलग रूप दिया। निर्मल त्रिवेणी महाभियान के उद्देश्यों को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया। ऐसे कई आयोजन हुए। आज भी कोरोना के खिलाफ हमारी टीम प्रशासन के साथ खड़ी है। वर्षगांठ मनाने की बात आई तो सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल आया। जब प्रधानमंत्री ने लाइट बंद कर 9 मिनट दीप जलाने की अपील की तो दिमाग की बत्ती जली। और महाभियान का पूरा साल देश के नाम समर्पित करते हुए एक ही समय में हर सदस्य ने अपने-अपने धर्म के अनुरूप प्रार्थनाएं की ताकि देश-दुनिया से कोरोना का अंत हो।
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