लंबे समय से बीमार चल रहे दुर्ग के पूर्व सांसद मोहन लाल जैन उर्फ मोहन भैया का 84 वर्ष की आयु में रविवार सुबह करीब 6 बजे निधन हो गया। उनका भिलाई के सेक्टर 9 अस्पताल में उपचार चल रहा था। पूर्व सांसद की अंतिम यात्रा अपराह्न 3.30 बजे सदर बाजार गांधी चौक से हरना मुक्ति धाम के लिए निकलेगी। इससे पहले उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।
जनसंघ से शुरू हुआ था राजनीतिक करियर
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आपातकाल के दौरान गए जेल
जनता के प्रति समर्पित भाव को देखते हुए सन् 1968 में दुर्ग क्षेत्र से मोहन भैया को विधानसभा का उम्मीदवार घोषित कर मैदान में उतारा गया। हालांकि वे मामूली अंतरों से पराजित हो गए। इसके बाद जब देश में इंदिरा गांधी के कांग्रेस शासन काल में आपातकाल लगा तो उन्होंने इस अलोकतांत्रिक कृत्य के विरोध में झंडा बुलंद किया। जिसके चलते उन्हें लंबे समय तक जेल में बंद कर दिया गया।
आपातकाल के बाद पहली बार चुने गए सांसद
आपातकाल के बाद हुए लोक सभा चुनाव में 1977 में मोहन भैया दुर्ग लोक सभा से पहली बार गैर कांग्रेसी सांसद के रूप में जनसंघ (भाजपा) से निर्वाचित होकर दिल्ली पहुंचे। वहां देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के साथ देश सर्वोच्च सदन में कार्य किया। मोहन भैया उन नेताओं में से एक थे जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन गरीबों व जरूरतमंदों की सेवा में समर्पित कर दिया।