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रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बाहर से आए मजदूरों को मेहमान की संज्ञा दी और सूरजपुर के कलेक्टर-एसपी ने इसे सार्थक कर दिखाया। गुरुवार को कलेक्टर दीपक सोनी, एसपी राजेश कुकरेजा और एएसपी हरीश राठौर देवनगर के राहत शिविर में पहुंचे। वहां पटना बिहार के श्रमिकों के बीच पहुंचकर उनका हाल जाना। इसके बाद उनके साथ बैठकर भोजन किया। खाने में पुड़ी सब्जी के साथ खीर भी परोसा गया था।
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कोरोना संक्रमण के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है और विभिन्न राज्यों के लोग अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए हैं। छत्तीसगढ़ के बाहर से आए मजदूरों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आश्वस्त किया था कि वे चिंता न करें। वे छत्तीसगढ़ के मेहमान हैं और किसी को भूखा नहीं रहने दिया जाएगा। कलेक्टर दीपक सोनी ने पटना के श्रमिकों की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि कोरोना वायरस से डरने व घबराने की जरूरत नहीं है। हम आपके प्रत्येक प्रकार के समस्याओं के समाधान करने आपके साथ खड़े हैं।
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उन्होंने सरपंच और सचिव को निर्देशित करते हुए कहा ये श्रमिक हमारे मेहमान की तरह हैं, उनकी अच्छी देखभाल करें। आपके लिए सभी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति की जाएगी। कोरोना वायरस से बचाव के लिए निर्धारित मापदंड का पालन करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन पूरी ईमानदारी से करने कहा। एसपी राजेश कुकरेजा ने कहा कि डरने की आवशयकता नहीं है हम आपकी रक्षा के लिए खड़े है।
बताया गया कि जिले में 31 राहत शिविर स्थापित किया गया है, जिसमें 631 विभिन्न राज्य के श्रमिक रुके हुए हैं। सभी कैंपों में जिला के वरिष्ठ अधिकारी एसडीएम, तहसीदार व अन्य अफसर के द्वारा कैंप पहुंचकर श्रमिकों के साथ भोजन कर हौसला अफजाई कर रहे हैं। इन मेगा कैंपों में किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी न हो इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा हैं। सभी आगुन्तकों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण की भी सुविधा की गई हैं, जिसमें की स्वास्थ्य विभाग की टीम शिविर स्थलों में जाकर इनका स्वास्थ्य परीक्षण करती हैं। सभी के मूल निवास के जिला प्रशासन से संपर्क कर उनके परिवार की देखभाल करने के लिए आग्रह भी किया गया ताकि यहां रुके श्रमिकों को अपने परिवार की चिन्ता न हो और यह संतोष रहे कि उनके साथ-साथ उनके परिवार की चिंता भी सम्बंधित ज़िला प्रसाशन कर रहा है।
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