खैरागढ़. छुईखदान जनपद पंचायत में करोड़ों की राशि के गबन और फर्जी भुगतान के सनसनीखेज मामले में अब जांच के नाम पर लीपापोती की कोशिशें शुरू हो गई हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिन पंचायतों के हक की राशि सीधे वेंडरों को दी गई थी, अब उन्हीं पंचायत सचिवों और सरपंचों पर दबाव बनाया जा रहा है कि वे बैकडेट में सहमति पत्र तैयार करें। इसमें यह दर्शाया जा रहा है कि उनके अनुरोध पर ही सीधे वेंडरों को भुगतान किया गया था। वहीं कैश बुक में भी जबरन एंट्री करवाई जा रही है, ताकि भविष्य में गड़बड़ी को कागजों में वैध ठहराया जा सके।
गौरतलब है कि पहले उजागर हुई रिपोर्ट में सामने आया था कि सचिव, ऑपरेटर, सरपंच पति और अधिकारियों की मिलीभगत से पंचायतों को दरकिनार कर जनपद स्तर से सीधे वेंडरों को लाखों का भुगतान किया गया। इसमें भोथली, नादिया, खुड़मुड़ी, भुरभुसी, बागुर और आमगांव-बिडौरी जैसी पंचायतों का नाम प्रमुख रूप से सामने आया है। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि स्वयं कंप्यूटर ऑपरेटरों को वेंडर बनाकर लाखों की राशि उनके खातों में ट्रांसफर कर दी गई। नियमों को ताक पर रखकर सचिवों और प्रतिनिधियों के निजी खातों में राशि भेजी गई।
जनपद के बाबू और सीईओ संदेह के घेरे में
सूत्रों का कहना है कि इस पूरे फर्जीवाड़े में 15वें वित्त आयोग से संबंधित फंड को देखने वाला बाबू भी संदेह के घेरे में है। वहीं जनपद पंचायत छुईखदान के सीईओ रवि कुमार पर आरोप है कि उन्होंने पूरे मामले को दबाने की कोशिश की। पहले तो उन्होंने बयान देने से इनकार कर दिया, फिर बयान दिया कि “यह राशि पंचायतों के खातों से जाती है, जनपद से नहीं”, जबकि सच्चाई यह है कि राशि सीधे जनपद खाते से वेंडरों को ट्रांसफर की गई।
दबाव में सचिव-सरपंच, नेता भी कर रहे हस्तक्षेप
जानकारी यह भी सामने आई है कि दोषी अधिकारियों को बचाने के लिए कुछ स्थानीय "छूट भैया" नेता भी सक्रिय हो गए हैं। वे पंचायत सचिवों व सरपंचों पर सहमति पत्र देने के लिए दबाव बना रहे हैं और जांच अधिकारियों पर राजनीतिक दवाब भी डाला जा रहा है। वहीं चार दोषी ऑपरेटरों को तत्काल प्रभाव से हटाने के बाद अब वे नेताओं के दरवाजे खटखटा रहे हैं कि उन्हें फिर से नियुक्त किया जाए।
जांच प्रक्रिया चल रही, रिपोर्ट एक सप्ताह में
इस घोटाले पर नियुक्त जांच अधिकारी ताराम प्रकाश ने पुष्टि करते हुए कहा कि "जांच प्रक्रिया जारी है और एक सप्ताह में रिपोर्ट पूरी कर ली जाएगी। जो भी रिपोर्ट सामने आएंगे, उसे बता दिया जाएगा।