नई दिल्ली. कोरोना ट्रीटमेंट को लेकर एक राहत भरी खबर है। अब कोरोना से ठीक हुए मरीजों के खून में निहित प्लाज्मा से दूसरे रोगियों का इलाज संभव हो सकेगा। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने इसकी मंजूरी दी है। इसके बाद देश के पांच आयुर्विज्ञान कॉलेज और अस्पतालों में इसका क्लीनिकल ट्रायल किया जाएगा। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा विकसित प्रोटोकॉल के अनुसार, कोविड-19 रोगियों का प्लाज्मा के जरिए इलाज करने वाले इच्छुक संस्थानों को क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी दे दी गई है।
The Central Drugs Standard Control Organisation has given a green signal to interested institutes to conduct the clinical trial of convalescent plasma in COVID-19 patients, as per the protocol developed by Indian Council of Medical Research. pic.twitter.com/oWyGL6Ggm7
तिरुवतपुरम स्थित चित्रा तिरुनाल आयुर्विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान को कलीनिकल ट्रायल के तौर पर सीमित संख्या में इस तकनीक के इस्तेमाल की अनुमिति मिली है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चित्रा तिरुनाल आयुर्विज्ञान संस्थान की निदेशिका डॉ. आशा किशोर ने कोरोना वायरस से संक्रमण के ठीक हो चुके मरीज के रक्त प्लाज्मा की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता के लिए रक्त दान की उम्र सीमा में रियायत देने की मांग की है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) पहले ही रक्त प्लाज्मा से इस रोग के मरीजों के उपचार के ट्रायल की अनुमति दे दी है। एम्स के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर नवल विक्रम ने बताया कि कोरोना से ठीक हो चुके एक व्यक्ति के खून से कोरोना पीड़ित चार लोगों का इलाज किया जा सकता है।
इस तकनीक में ठीक हो चुके रोगी के शरीर से ऐस्पेरेसिस विधि से खून निकाला जाएगा। इस विधि में खून से सिर्फ प्लाज्मा या प्लेटलेट्स जैसे अवयवों को निकालकर बाकी खून को फिर से उस डोनर के शरीर में वापस डाल दिया जाता है। प्रोफेसर नवल विक्रम के मुताबिक एक व्यक्ति के प्लाज्मा से चार नए मरीजों को ठीक करने में इसका इस्तेमाल हो सकता है।
एक व्यक्ति से लिया जा सकता है 800 मिलीलीटर प्लाज्मा
दरअसल एक व्यक्ति के खून से 800 मिलीलीटर प्लाज्मा लिया जा सकता है। वहीं कोरोना से बीमार मरीज के शरीर में एंटीबॉडीज डालने के लिए लगभग 200 मिलीलीटर तक प्लाज्मा चढ़ाया जा सकता है। इस तरह एक ठीक हो चुके व्यक्ति का प्लाज्मा 4 लोगों के उपचार में मददगार हो सकता है।
दक्षिण कोरियाई कंपनी से छत्तीसगढ़ खरीदेगा रैपिड टेस्टिंग किट
इधर छत्तीसगढ़ सरकार भारत में स्थित एक दक्षिण कोरियाई कंपनी से रैपिड टेस्टिंग किट खरीदने जा रही है। खुद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने ट्वीटर पर यह जानकारी दी है। उन्होंने लिखा है कि 337 रुपए के बेंचमार्क मूल्य पर उच्च गुणवत्ता वाले 75000 रैपिड टेस्टिंग किट खरीदे जा रहे हैं। यह दर भारत में सबसे कम है।
We are procuring 75,000 high quality rapid testing kits at a benchmark price of ₹337 + GST from a South Korean company based in India, which has proven to be the lowest bidder. The rate we have been able to close at is the lowest in India. (1/2)