खैरागढ़.रानी रश्मिदेवी सिंह जलाशय (छिंदारी डैम) में पर्यटन विकास के नाम पर ₹41 लाख की शासकीय राशि के दुरुपयोग के मामले में अब सियासत तेज हो गई है। लगातार एक महीने तक विभागीय चुप्पी के बाद अब विधायक यशोदा नीलांबर वर्मा ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। उन्होंने 25 जून को जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा और मांग की कि भ्रष्टाचार में लिप्त वन विभाग के जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
गौरतलब है कि 25 मई 2025 को विधायक यशोदा वर्मा के नेतृत्व में मिशन संडे टीम ने छिंदारी डैम के पर्यटन स्थल “छिंदारी के परिन्दे” का निरीक्षण किया था। मौके पर टीम को अधिकांश कार्य अधूरे और घटिया गुणवत्ता वाले मिले। स्थल पर बनाया गया किचन शेड, टेंट मचान, बैठने की व्यवस्था आदि बांस और जंगल की लकड़ी से बनी थी, जबकि कागजों में लाखों रुपये खर्च दिखाए गए थे। ग्रामीणों ने भी खुलकर बताया कि “काम के नाम पर खानापूर्ति हुई है और अधिकारी पूरी योजना की राशि आपस में बाँट चुके हैं।”
योजना की असलियत — कागजों पर चमक, ज़मीन पर घपला
वनमंडल सौरगढ़ द्वारा प्रस्तुत परियोजना “ईको-पर्यटन केंद्र छिंदारी, सुख्खा” के तहत 2024-25 में ₹41 लाख की राशि स्वीकृत हुई थी। कार्यों में स्थल समतलीकरण, सोलर लाइटिंग, बोटिंग, टेंट-मचान, बोर खनन जैसी सुविधाएं शामिल थीं। लेकिन मिशन संडे टीम के अनुसार, मौके पर 10–12 लाख से अधिक का कार्य भी नहीं हुआ, फिर भी वन विभाग ने पूरी राशि खर्च दिखाकर बंदरबांट कर ली।
जांच न होने पर उठे सवाल
मौके पर निरीक्षण के बाद विधायक ने प्रशासन से जांच की मांग की थी, लेकिन एक माह बीतने के बाद भी कोई जांच नहीं हुई, जिससे न केवल जनता में आक्रोश है, बल्कि सरकार की जनहितकारी योजनाओं पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
विधायक वर्मा ने कहा –यदि शीघ्र जांच कर दोषियों पर सख्त कार्यवाही नहीं की गई, तो मिशन संडे टीम को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।”
बीजेपी की भी हो सकती है घेराबंदी
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि यदि इस मामले की जांच में देरी हुई तो विपक्ष को भी एक बड़ा मुद्दा मिल सकता है, जो सरकार के विकास कार्यों की पारदर्शिता पर सीधा वार होगा। ऐसे में विधायक वर्मा का सक्रिय होना और आंदोलन की चेतावनी देना सरकार के लिए भी दबाव का विषय बन सकता है।
ज्ञापन देने के दौरान मिशन संडे की टीम रही साथ
ज्ञापन सौंपने के दौरान मिशन संडे संयोजक मनराखन देवांगन, दीपक देवांगन, रविन्द्र सिंह, हरि दर्शन समेत बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता उपस्थित थे।