रायपुर. लॉकडाउन में जरूरतमंदों को मदद के लिए उमड़ रही भीड़ से फिजिकल डिस्टेंसिंग के सिद्धांतों का उल्लंघन होता देख शासन ने सभी नगरीय निकायों को आदेश दिया है। इसके तहत कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान महापौर, अध्यक्ष और पार्षद निधि का उपयोग राशन सामग्री खरीदने में किया जा सकेगा। लेकिन अब ऐसी सामग्रियां जनप्रतिनिधियों, दानदाताओं या संस्थाओं के द्वारा नहीं बांटी जा सकेंगी। केवल जिला प्रशासन ही इसका वितरण करेगा।
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कोरोना संक्रमण रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए कई संस्थाएं व दानदाता आगे आए। उनके द्वारा आवश्यक सामग्रियां वितरित की गईं, लेकिन देखा गया कि राहत सामग्री वितरण के दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग के सिद्धांत का पालन नहीं हो पा रहा है। इसी के मद्देनजर जन स्वास्थ्य सुरक्षा को देखते हुए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के कार्यपालन अभियंता (अनुदान) श्याम पटेल ने आदेश जारी किया। इसमें निर्देशित किया गया है कि लॉकडाउन का पूर्ण पालन सुनिश्चित किया जाए। राशन सहित सभी सामग्रियों का वितरण जिला प्रशासन के माध्यम से ही हो। इच्छुक दानदाताओं व संस्थाओं से निवेदन किया जाए कि वे सारी सामग्रियां जिला प्रशासन को उपलब्ध कराए और प्रशासन के जरिए ही वह जरूरतमंदों तक पहुंचे। सभी नगर निगमों के आयुक्त व नगर पालिका और नगर पंचायत के सीएमओ से ऐसे दानदाताओं के प्रति सोशल मीडिया में धन्यवाद ज्ञापित करने भी कहा गया है।
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मंत्री लखमा पहुंचे तो उमड़ी थी भीड़
हालही में आबकारी मंत्री कवासी लखमा मदद बांटने के लिए धमतरी पहुंचे थे, जहां लोगों की भीड़ जुटी थी। इस पर लखमा ने कहा था कि जहां जनप्रतिनिधि जाएंगे वहां भीड़ तो रहेगी ही।
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