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रायपुर. राज्य में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के तहत स्वास्थ विभाग ने अब हाई रिस्क (ज्यादा जोखिम) वाले लोगों का कोरोना टेस्ट प्राथमिकता से कराए जाने का निर्णय लिया है। प्रथम चरण में हाई रिस्क वालों का चिन्हांकन कोरोना संक्रमितों के संपर्क में रहे लोगों, हॉटस्पॉट एरिया, प्रवासी श्रमिकों के शिविर और क्लस्टर एरिया में क्वारेन्टीन लोगों में से किया जाएगा।
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आज यहां स्टेट कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में स्वास्थ्य विभाग की सचिव निहारिका बारिक सिंह की मौजूदगी में आयोजित विभागीय अधिकारियों की बैठक में हाई रिस्क वाले लोगों के कोरोना टेस्ट को लेकर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में इस बात पर विशेष रूप से जोर दिया गया कि राज्य में कोरोना हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित कटघोरा नगरीय क्षेत्र में क्वॉरेंटाइन किए गए लोगों में से अधिक उम्र वाले, ऐसे लोग जो हार्ट, लीवर, दमा, मधुमेह, किडनी आदि रोगों से पीड़ित हैं। उनकी पहचान कर, उनका कोरोना सैंपल टेस्ट तत्काल किया जाना चाहिए, ताकि संक्रमित पाए जाने की स्थिति में उन्हें त्वरित चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा सके।
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इसी तरह राज्य के अन्य जिलों में कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों, प्रवासी श्रमिकों के शिविरों तथा क्लस्टर एरिया में क्वारेंटाइन किए गए लोगों में से हाई रिस्क वाले लोगों का टेस्ट प्राथमिकता से किया जाएगा। बैठक में कोविड-19 के लक्षण और सर्दी, खांसी, बुखार से पीड़ित सामान्य मरीजों के लक्षण के बारे में विस्तार से चर्चा की गई और स्पष्ट गाइडलाइन जारी करने के निर्देश दिए गए।
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बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि कटघोरा नगरीय क्षेत्र के चिन्हित लोगों की तथा राजनांदगांव, दुर्ग और रायपुर में क्वारेंटाइन किए गए लोगों में से 10 से 20 लोगों की रेंडम सैंपल की जांच प्राथमिकता से की जाए। बैठक में ट्रू-नेट मशीन के माध्यम से संक्रमित लोगों की पहचान के संबंध में भी चर्चा की गई। ट्रू-नेट मशीन के जरिए स्क्रीनिंग में पॉजिटिव पाए गए लोगों का ही आगे आरटीपीसीआर टेस्ट कर यह वास्तविक रूप से पता किया जा सकेगा कि वह कोविड-19 से संक्रमित है या नहीं। बैठक में संचालक स्वास्थ्य नीरज बंसोड़, संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ. प्रियंका शुक्ला, डीएमई डॉ. आदिले सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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