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निर्मल त्रिवेणी महाअभियान के एक वर्ष पूरा होने पर सदस्यों ने बनाई आयोजन की रणनीति ताकि लॉकडाउन का उल्लंघन न हो और कोरोना के खिलाफ आस्था की जंग भी शुरू की जा सके। एक साल में शहर की सूरत बदलने वाली इस टीम ने हरेक इवेंट को नया रंग दिया है।
खैरागढ़. कोरोना वायरस संक्रमण के संकट काल से उबरने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर देशभर में रविवार रात 9 बजे घर की लाइटें बंद कर मोमबत्ती, दीये और टॉर्च से रोशनी की जाएगी। इससे पहले संगीत नगरी में एक बड़ा आयोजन होने जा रहा है। नगर तथा आसपास के गांवों में रहने वाले निर्मल त्रिवेणी अभियान से जुड़े सदस्य घर पर रहकर अपने-अपने धर्म के अनुरूप अनुष्ठान करेंगे। हिंदू परिवार गायत्री मंत्र के साथ हवन कुंड में आहुति देगा। कपूर से आरती करेगा। वहीं मुस्लिम समाज के लोग आयत-ए-करीमा की तिलावत देंगे और अजान के बाद कोरोना से देश-दुनिया को निजात दिलाने अजान देंगे।
दरअसल, 5 अप्रैल को निर्मल त्रिवेणी अभियान का एक साल पूरा होने जा रहा है। अभियान के इस सफलतम वर्ष को देश-दुनिया के प्रति समर्पित करते हुए इस आयोजन की रूपरेखा बनाई गई है। इसके तहत रविवार शाम साढ़े 6 बजे पं. घनश्याम तिवारी फेसबुक पर लाइव होंगे। वहीं अभियान से जुड़ा हर हिंदू परिवार वेदी तैयार कर हवन सामग्री के साथ तैयार रहेगा। नियत समय पर 5100 गायत्री मंत्र के संकल्प के साथ आहुति डालने की शुरुआत होगी। पूर्णाहुति के बाद कपूर की आरती होगी। इसी दौरान अभियान से जुड़े मुस्लिम समाज के लोग शाम 7 बजे अपने-अपने घरों में आयत-ए-करीमा की तिलावत देने के बाद अजान देंगे। देश-दुनिया को कोरोना संकट से निजात दिलाने दुआ की जाएगी।
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गायत्री मंत्र का उच्चारण कर पंच काष्ट के कुंड में देंगे आहुति
पं. घनश्याम तिवारी ने बताया कि हवन कुंड में पंच काष्ट अर्थात बड़, पीपल, नीम, आम और बेल की लकड़ियों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें घी, तिल, जौं, लौंग, इलायची, चावल, जायपत्री और जटामासी के मिश्रण की आहुति दी जाएगी। आहुति से उठने वाला धुआं वातावरण को शुद्ध करेगा।
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बड़ी मुसीबत से निजात पाने अयात-ए-करीमा का जप
मुस्लिम समाज के सदर रज्जाक खान ने बताया कि अयात-ए-करीमा का वजीफा या जप बड़ी से बड़ी मुसीबत को टालने अथवा उससे निजात पाने के लिए किया जाता है और यही हम करेंगे। इसके बाद अजान देंगे। इसके लिए समाज पूरी तरह तैयार है।
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लॉकडाउन में भी निभा रहे तगड़ी भूमिका
लॉकडाउन के दौरान अभियान के सदस्य प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। सब्जी बाजार, फ्रूट मार्केट आदि में सोशल डिस्टेंसिंग की समझाइश दे रहे हैं। भूखों खाना खिलाने और गरीबों तक राशन पहुंचाने का काम कर रहे हैं।
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एक हजार से अधिक घंटों के श्रमदान ने बदली शहर की सूरत
निर्मल त्रिवेणी अभियान की शुरुआत 5 अप्रैल 2019 को पिपरिया नदी से हुई थी। उद्देश्य के अनुसार साल के 365 दिन रोज सुबह दो से तीन घंटे यानी तकरीबन एक हजार से भी अधिक घंटों के समर्पण ने शहर की सूरत बदल दी। मुख्य मार्ग और संगीत विश्वविद्यालय के आसपास का सौंदर्यीकरण के साथ 3000 से अधिक पौधे रोपे गए। उन्हें संरक्षित करने का काम आज भी जारी है।
हर आयोजन में दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
सफाईकर्मियों के पग पखारे: शहर की सफाई करने में जुटी महिलाओं को सम्मानित किया गया। उनके पग पखारे गए। इस आयोजन ने सफाईकर्मियों को नई ऊर्जा दी।
फ्रैंडशिप डे: इस दिन पुराने दोस्तों को तलाशा गया। उनसे दोस्ती के किस्से सुने। फिर उनकी दोस्ती के नाम पौधे भी रोपे गए। कई लोग स्वस्फूर्त इसमें शामिल हुए और आयोजन को सराहा।
रक्षा बंधन: इस दिन खैरागढ़ ब्लॉक में वृहद आयोजन हुआ। शहर तथा गांव की महिलाओं ने गोबर की राखियां बनाई और रक्षाबंधन के दिन पेड़ों को बांधी।
प्रार्थना से मिलेगी लड़ने की शक्ति / संयोजक भागवत शरण सिंह का कहना है कि हमने एक साल तक सफलता पूर्वक इस अभियान को पूरा किया। आगे भी जारी रखेंगे। प्रधानमंत्री की मंशानुरूप लॉकडाउन का पालन करेंगे और कोरोना संक्रमण के संकट काल से मुक्ति के लिए प्रार्थना भी करेंगे। इसी प्रार्थना के जरिए महामारी से लड़ने की शक्ति मिलेगी। अभियान से जुड़ा हरेक सदस्य चाहे वह शहर से हो या गांव से सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करते हुए अपने घर से ही इस आयोजन का हिस्सा बनेगा। इसके बाद अपने घरों में दीये भी जलाएंगे।
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