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बिना अनुमोदन खर्च और 70 हजार के नाश्ते पर बवाल, वीडियोग्राफी भुगतान पर भी उठे सवाल Featured

खैरागढ़.छुईखदान जनपद पंचायत की सामान्य सभा की बैठक गुरुवार को भारी हंगामे और अफसरशाही के खिलाफ नाराजगी के साथ संपन्न हुई। बैठक में सदस्यों ने अधिकारियों पर मनमानी, जानकारी छुपाने और बिना अनुमोदन के लाखों खर्च करने जैसे गंभीर आरोप लगाए। खासकर शपथ ग्रहण समारोह में 70 हजार रुपये सिर्फ नाश्ते पर खर्च किए जाने और खैरागढ़ जिला मुख्यालय में आयोजित गणतंत्र दिवस कार्यक्रम की वीडियोग्राफी का भुगतान जनपद छुईखदान से किए जाने को लेकर सदस्यों ने तीखी आपत्ति दर्ज कराई और पूछा गया कि छुईखदान का इस जिला स्तरीय आयोजन से क्या लेना देना, तो अधिकारी जवाब नहीं दे पाए।

 

बैठक की शुरुआत ही अव्यवस्था से हुई। सामान्य प्रशासन समिति की बैठक पूर्व बैठक में मांगी गई जानकारी नहीं दिए जाने के कारण स्थगित कर दी गई और अब इसे 23 जुलाई को पुनः बुलाया गया है। सदस्यों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें कार्यवाही विवरण तक नहीं दिया गया जिससे यह साफ झलका कि अधिकारी जवाबदेही से बचना चाहते हैं।

 

बैठक से पूर्व रेस्ट हाउस में चली गोपनीय मीटिंग 

 

बैठक से पूर्व भाजपा की अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सभापतियों सहित सदस्यों की पीडब्लूडी रेस्ट हाउस में एक गोपनीय रणनीतिक बैठक भी हुई, जिसमें प्रस्तावों पर पहले से चर्चा कर ली गई थी। इसके चलते सामान्य सभा की बैठक एक घंटे विलंब से शुरू हुई और शुरुआत से ही आरोप-प्रत्यारोप के बीच गरमाहट देखी गई।

 

 

बिना अनुमोदन के 80 लाख का खर्च, कैश बुक छिपाने पर बवाल

 

सदस्य राजू जंघेल ने बिना अनुमोदन 70 से 80 लाख रुपये खर्च का मुद्दा उठाया, जिसे अतिरिक्त सीईओ गोपाल गिरी ने स्वीकारा। सदस्यों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर इस राशि की वसूली एवं जिम्मेदार अधिकारी पर कार्यवाही हेतु कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ और राज्य शासन को पत्राचार करने का निर्णय लिया। यह राशि कर्मचारियों के वेतन, सुशासन तिहार, चाय-नाश्ता, वाहन खर्च और एसीईओ के नाम से निकासी में खर्च होना बताया गया। साथ ही यह भी खुलासा हुआ कि अफसर के नाम पर 6000 रुपये तक के नकद निकासी भी की गई है। हालांकि कैश बुक का अवलोकन कराया गया, लेकिन सदस्यों को उसकी प्रति देने से साफ इनकार कर दिया, जिससे बैठक में बवाल मच गया। 

 

इस बार भी अनुपस्थित रही महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी 

 

सामान्य सभा की बैठक में तीन बार से अनुपस्थित महिला एवं बाल विकास और सहकारिता विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हेतु उच्च कार्यालय को पत्राचार करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। जिसमें सहकारिता विभाग के सीईओ की वेतनवृद्धि रोकने प्रस्ताव भी पारित किया गया।

 

वहीं सदस्यों ने ब्रोशर नहीं देने पर भी नाराजगी जताई और तर्कपूर्ण चर्चा के लिए आंकड़ों की मांग की। अध्यक्ष ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि आगामी बैठक से कम से कम 3 दिन पूर्व ब्रोशर उपलब्ध कराएं।

 

भ्रष्टाचार की आशंका पर जांच समिति गठित

 

बैठक में एक अहम प्रस्ताव पारित किया गया कि अगर जनपद के किसी अधिकारी या कर्मचारी पर भ्रष्टाचार या रिश्वतखोरी की शिकायत आती है, तो तत्काल जांच समिति गठित की जाएगी, जिसमें 3 जनपद सदस्य और 2 वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।

 

सभी जनपद क्षेत्र में लगेगा, राशन कार्ड बनाने विशेष शिविर

 

सुधीर गोलछा ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा जिसमें सभी ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि सभी जनपद क्षेत्र में एक बार राशन कार्ड बनाने के लिए खाद्य विभाग का एक व्यक्ति, एवं सरपंच सचिव रोजगार सहायक एवं पटवारी उपस्थित रहेंगे। जिसमें नया राशन कार्ड बनाने का आवेदन नाम जोड़ने काटने सहित अन्य समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। साथ ही गोलछा ने दानिया मार्ग की सड़क मरम्मत करने पीडब्लूडी अधिकारी को कहा जिस पर अधिकारी ने एक सप्ताह में सड़क मरम्मत करने का आश्वाशन दिया। 

 

ज्योति जंघेल का अधिकारियों पर तीखा हमला

 

सभापति ज्योति जंघेल ने अधिकारियों पर जानकारी न देने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर सदस्यों की बातों को अनसुना किया गया तो वे बैठक में आना बंद कर देंगे। उन्होंने मार्च की कैश बुक, बीज वितरण, पानी टंकी समस्या और ऑनलाइन पोर्टल पर खर्च व कैश बुक के आंकड़ों में अंतर को लेकर भी सवाल उठाए। पीएचई विभाग के एसडीओ को मांगी गई जानकारी को तीन दिन में देने का निर्देश दिया गया।

 

स्थानीय समस्याओं पर भी उठा सवाल

 

जनपद सदस्य दुष्यंत जंघेल ने साल्हेकला, कुटेली, बोरई और कोटरा पंचायत की समस्याएं उठाईं, जिसमें जल संकट, बिजली पोल हटाने, स्कूल और आंगनबाड़ी मरम्मत तथा राशन कार्ड से जुड़े शिविर की मांग शामिल रही। इस बार की बैठक में 10 से 15 पृष्ठों की विस्तृत प्रोसीडिंग तैयार की गई, जो अब तक की सबसे बड़ी कार्यवृत्ति मानी जा रही है।

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