रानांदगांव जिले के खैरागढ़ में जैन समाज ने राशन के तीन हजार थैले बनाकर बांटे।
रायपुर. लॉकडाउन के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बाहर काम करने गए छत्तीसगढ़ियों की चिंता की तो दूसरी तरफ बाहरी श्रमिकों को मेहमान का दर्जा दिया। कहा- चिंता न करें, आप हमारे मेहमान हैं। बस उनके इतना कहते ही प्रदेशभर के हर जिले में प्रशासन के साथ स्वयंसेवी संस्थाओं ने ऐसे लोगों के रहने खाने की व्यवस्था कर दी। बताया गया कि करीब एक लाख 85 हजार गरीबों, मजदूरों और निराश्रितों को नि:शुल्क भोजन कराया जा रहा है। इस कार्य में स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाएं एवं दानदाता भी अपनी ओर से हरसंभव सहयोग कर रहे हैं।
मजदूरों व श्रमिकों के लिए अस्थाई कैंप की व्यवस्था की गई है, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य के अलावा दूसरे राज्यों के भी श्रमिक शामिल हैं, उन्हें जिला प्रशासन द्वारा भोजन, चाय नाश्ता एवं चिकित्सा सुविधा निःशुल्क मुहैया करायी जा रही है। एक अप्रैल को राज्य के 28 जिलों में एक लाख 84 हजार 712 लोगों को निःशुल्क भोजन एवं राशन का वितरण किया गया। स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से अब तक दो लाख एक हजार 298 लोगों को आवश्यक मदद एवं मास्क आदि का वितरण किया गया है।
रायपुर में सबसे ज्यादा एक लाख तीन हजार 606 लोगों को दिया भोजन
रायपुर जिले में सर्वाधिक एक लाख 3 हजार 606 लोगों को निःशुल्क भोजन एवं राशन प्रदाय किए जाने के साथ ही उन्हें कोरोना संक्रामक बीमारी से सुरक्षित रखने के लिए मास्क एवं अन्य सामाग्री का वितरण किया गया है। इसी तरह सुकमा जिले में 4077, राजनांदगांव में 98,893, रायगढ़ में 46,232, बस्तर में 13,648, कांकेर में 2749, बीजापुर में 570, जशपुर में 1720, कोरिया में 4908, सूरजपुर में 5146, बालोद में 13,557, कबीरधाम में 973, बलौदाबाजार में 7900, धमतरी में 5740, दुर्ग में 5530, महासमुंद में 2347, बलरामपुर में 2782, कोरबा में 14,803, सरगुजा में 1122, जांजगीरचांपा में 1052, बिलासपुर में 5395, कोण्डागांव में 2924, दंतेवाड़ा में 17,519, बेमेतरा में 2445, गरियाबंद में 5268, नारायणपुर में 636, मुंगेली में 11, 437 तथा गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 1529 जरूरतमंदों को निःशुल्क भोजन, राशन एवं अन्य सहायता उपलब्ध करायी गई हैं।
मदद के लिए सामने आईं वन समिति की महिलाएं
मास्क तैयार करती वनांचल की महिलाएं।
कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न परिस्थिति को देखते हुए दूरस्थ वनांचल स्थित फरसगांव वन परिक्षेत्र के पतोड़ा और बड़ेडोंगर वन परिक्षेत्र के मांझी आठगांव के संयुक्त वन प्रबंधन समितियों की महिलाएं भी सामने आ रही हैं। प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि केशकाल वन मण्डल के अंतर्गत इन समितियों के 14 महिलाओं द्वारा अब तक 5 हजार से अधिक मास्क का निर्माण कर लिया गया है। इनके द्वारा मास्क निर्माण का कार्य निरंतर जारी है। इसके अलावा विभाग द्वारा वन-धन योजना के तहत संचालन किए जा रहे 208 स्व-सहायता समूहों के समस्त सक्रिय सदस्यों दो हजार 80 लोगों को मास्क का वितरण किया जा रहा है। जिससे उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ लघु वनोपज कार्य संग्रहण तथा प्रसंस्करण कार्य करने के लिए कोई परेशानी न हो।