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श्रीराम की राह पर सरकार: कुटिया में लगेंगी दुकानें, आश्रमों में खुलेंगे योग-ध्यान केंद्र, बनेगी यज्ञशाला भी Featured

श्रीराम वन गमन पथ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रही सरकार। श्रीराम वन गमन पथ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रही सरकार।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- राम वन गमन पथ में व्यावसायिक दृष्टिकोण से पर्यटन को दिया जाए बढ़ावा ताकि स्थानीय लोगों को मिले रोजगार।

  • राम वन गमन पथ के सभी स्थलों में लगाए जाएं पौधे, सौंदर्यीकरण में हो एकरूपता।
  • सप्त ऋषि आश्रम, राजिम के लोमश ऋषि आश्रम में यज्ञशाला, योगा और मेडिटेशन सेंटर के साथ बने प्रवचन केन्द्र भी।
  • सिरपुर को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन केंद्र के रूप में किया जाए विकसित।

रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार राम वन गमन पथ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने जा रही है। इसका कांसेप्ट प्लान बनकर तैयार है। जिसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ में पर्यटन को बढ़ावा देना और उन पर्यटन स्थलों को व्यावसायिक दृष्टिकोण से विकसित कर उसके आसपास रहने वालों को रोजगार मुहैया कराना है। रविवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंत्री मंडल के साथ बैठ कर इस प्लान की समीक्षा की।

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राम वन गमन पथ के चिन्हित 51 स्थानों में से प्रथम चरण में 9 स्थानों सीतामढ़ी-हर चौका, रामगढ़, शिवरीनारायण तुरतुरिया, चंदखुरी, राजिम, सिहावा सप्त ऋषि आश्रम, जगदलपुर और रामाराम को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राम वन गमन पथ के स्थलों में व्यवसायिक दृष्टिकोण से पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास किए जाएं, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अच्छे अवसर प्राप्त हो सके।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटकों के ठहरने की सुविधा नहीं होने की वजह से पर्यटन क्षेत्र का समुचित विकास नहीं हो पा रहा है और स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ नहीं मिल पा रहा है। यदि पर्यटकों को ठहरने एवं अन्य बुनियादी सुविधाएं मिलेंगी तो यहां पर्यटन सहित आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी और स्थानीय लोगों को इसका लाभ मिलेगा। सीएम बघेल ने कहा श्री राम वन गमन पथ में शामिल स्थलों में जहां पक्के स्ट्रक्चर नहीं हैं, वहां पीपीपी मॉडल पर टेंट की व्यवस्था की जानी चाहिए। सभी स्थलों पर सघन वृक्षारोपण किया जाए। उन्होंने राम वन गमन पथ के वास्तविक रुट के चिन्हांकन का निर्देश देते हुए इस मार्ग पर भी सघन वृक्षारोपण के निर्देश दिए।

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ऋषियों के आश्रम में योगा व ध्यान केंद्र

बघेल ने सप्त ऋषि आश्रम, राजिम के लोमश ऋषि आश्रम में यज्ञशाला, योगा और मेडिटेशन सेंटर व प्रवचन केन्द्र विकसित करने तथा लोमश ऋषि आश्रम के समीप एक धर्मशाला के निर्माण के निर्देश भी दिए। कांसेप्ट प्लान के अनुसार विभिन्न विभागों को जिम्मेदारी देकर योजना तैयार कराई जाए और संबंधित जिला कलेक्टर के समन्वय में कार्य कराए जाएं।

कुटिया में लगेंगी दुकानें

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थलों के आसपास दुकानों को कुटिया का स्वरूप दिया जाए, जहां नदी है वहां रिवर फ्रंट विकसित करने और तुरतुरिया आश्रम को इको टूरिज्म स्पॉट के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया। बताया गया कि राम वन गमन पथ के उन्नयन के लिए गठित अंतर विभागीय दल कांसेप्ट प्लान तैयार किया है।

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राम वन गमन पथ का प्रतीक चिन्ह भी बनाएं

राम वन गमन पथ के स्थलों में बनाए जाने वाले प्रवेश द्वार, इंटरप्रिटेशन सेंटर, कैफिटेरिया, दुकानों में एक रूपता रखने और जगह-जगह पर्यटकों को जानकारी देने के लिए साइन बोर्ड लगाने के निर्देश दिए गए। इन स्थलों पर बनाए जाने वाले इंटरप्रिटेशन सेंटर में स्थल विशेष की कथा भी दर्शायी जाए। उन्होंने कहा कि राम वन गमन पथ के लिए प्रतीक चिन्ह (लोगो) तैयार किया जाए जो इसके लिए ब्रांडिंग का काम करेगा।

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सिरपुर को बनाएं अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्र

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ का प्रमुख पर्यटन स्थल सिरपुर अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है। इसे तैयार किए गए डीपीआर के अनुसार विकसित करें। संबंधित विभागों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपें।

पर्यटन की वेबसाइट पर निजी होटल भी

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन विभाग की वेबसाइट में विभागीय होटल और मोटल के अलावा स्थानीय निजी होटलों की जानकारी भी दी जाए। वहां के स्थानीय गाइड के कांटेक्ट नंबर भी इसमें प्रदर्शित किए जाएं ताकि पर्यटकों को किसी भी चीज के लिए भटकना न पड़े।

बैठक में मंत्री व अधिकारी रहे मौजूद

बैठक में गृह एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, मुख्य सचिव आरपी मण्डल, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, अपर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ और पर्यटन विभाग के सचिव अंबलगन पी. सहित अन्य वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

 

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Last modified on Sunday, 26 April 2020 18:21

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