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- मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी के बच्चों समग्र विकास के लिए ‘चकमक अभियान‘ और ‘सजग कार्यक्रम‘ की वेब लाॅन्चिंग की
- ‘चकमक‘ अभियान में बच्चे परिवारिक सदस्यों के साथ सीखेंगे रचनात्मक गतिविधियां
- ‘सजग‘ कार्यक्रम से बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण और समग्र विकास की प्रक्रिया को मिलेगा बढ़ावा
- सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर बच्चों के अभिभावकों को भेजे जाएंगे टास्क-दिशा निर्देश
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर इन कार्यक्रमों के बारे में अभिभावकों को करेंगी जागरूक
- बच्चों के लिए गोंड़ी में ‘मोद्दोल डाका‘ और हल्बी में पहिल डांहका अर्थात पहला कदम पुस्तिका का विमोचन
रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज आंगनबाड़ी के बच्चों के समग्र विकास के लिए महिला बाल विकास विभाग द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से तैयार किए गए ‘चकमक अभियान‘ और ‘सजग कार्यक्रम‘ का शुभारंभ किया। बच्चों के रचनात्मक विकास के लिए ’चकमक अभियान’ के तहत लाॅकडाउन के समय जब आंगनबाड़ी बंद है बच्चों को घरों में ही पारिवारिक सदस्यों के साथ दादा-दादी, नाना-नानी के साथ रचनात्मक गतिविधियों में व्यस्त रख कर सिखाने की पहल की जाएगी। पारिवारिक सदस्यों को बच्चों के साथ आनंदपूर्ण गतिविधियां करायी जाएगी। इसके साथ ही बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण और समग्र विकास की प्रक्रिया को घर तक बढ़ावा देने के उद्देश्य से यूनिसेफ के तकनीकी सहयोग से तैयार किए गए ’सजग कार्यक्रम’ की शुरूआत की गई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने हल्बी एवं गोंडी बोली में दो पुस्तिका ’मोद््दोल डाका’ और ’पहिल डांहका’ और छत्तीसगढ़ की स्थानीय बोलियों के विकासखंडवार नक्शा का विमोचन भी किया। गोंडी बोली में मोद््दोल डाका एवं हल्बी बोली में पहिल डांहका का अर्थ ’पहला कदम’ होता है।
आंगनबाड़ी के बच्चों के समग्र विकास के लिए आज महिला बाल विकास विभाग द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से तैयार किए गए #चकमक_अभियान और 'सजग कार्यक्रम' का शुभारंभ किया। pic.twitter.com/e0MvtiSito
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) April 25, 2020
इस अवसर पर महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, महिला बाल विकास विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, संचालक जन्मेजय महोबे, यूनिसेफ फील्ड आॅफिस प्रमुख जोब जकारिया उपस्थित थे। यूनिसेफ की भारत की प्रमुख सुश्री यास्मिन अली हक वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुई।
यूनिसेफ द्वारा प्रदेश में कोविड-19 की रोकथाम के उपायों की सराहना :
We’d like to applaud the efforts of @ChhattisgarhCMO in containment and preparedness of #COVID19.
— UNICEF India (@UNICEFIndia) April 25, 2020
Appreciate & congratulate @bhupeshbaghel ji for his leadership for this achievement & the launch of @ChakmakCG & Sajag parenting in partnership with #UNICEF @WCDCgGov & @MCCR_CG. pic.twitter.com/oOHts10E2N
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया सहित विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों और यूनिसेफ के प्रतिनिधियों को ‘चकमक‘ और ‘सजग‘ कार्यक्रमों के शुभारंभ के अवसर पर बधाई देते हुए कहा कि लाॅकडाउन के दौरान अभिभावक और बच्चे घरों पर हैं। कोविड-19 से सुरक्षित रहने का सबसे अच्छा उपाय घरों में ही रहना है। ऐसे समय में इन दोनों कार्यक्रमों से बच्चों को रचनात्मक गतिविधियों में व्यस्त रखकर उन्हें परिस्थितियों में ढालने और संभालने में मदद मिलेगी और बच्चों के समय का सदुपयोग हो सकेगा और वे अच्छी बाते सीख सकेंगे।
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मुख्यमंत्री ने दंतेवाड़ा के बिंजाम गांव के दो बच्चों लिपिका और कविता अनुसुईया तथा उनके पालकों ललिता नेताम और राजो बाई नेताम से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग से बात भी की। मुख्यमंत्री ने ललिता से पोषण आहार वितरण और रेडी-टू-ईट की सामग्री वितरण के संबंध में पूछा- ललिता ने बताया कि उन्हें सामग्री मिल गई है। उन्होंने कहा कि बच्चों के साथ समय बिताना अच्छा लग रहा है। बच्चों ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में खेल गतिविधियां भी करके दिखाई। रस्सी से बने गोले को बच्चों ने कूद कर पार किए और रस्सी पर चलकर दिखाया। मुख्यमंत्री सहित उपस्थित सभी लोगों ने तालियां बजाकर उन्हें प्रोत्साहित किया। इसी तरह मुख्यमंत्री ने पुरानी टोली जशपुर की बसंती बड़ाईक और उनकी बेटी परिधि बड़ाईक, पुष्पा चैहान और नैन्सी चैहान और दुर्ग जिले के अखरा पाटन गांव की कामिनी कंडरा और उनके बेटे सुशील कंडरा, भीष्मा ठाकुर और उनकी बेटी याचना ठाकुर से बात कर गतिविधियों की जानकारी ली।
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महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया ने बताया कि चकमक अभियान बच्चों के लिए अभिव्यक्ति का एक महत्वपूर्ण मंच है, पूरे परिवार के साथ मिलकर हंसी-खुशी से सीखने-सिखाने का अवसर है। सजग कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं के मोबाइल पर आॅडियो मैसेज में बच्चों के सही परवरिश के सुझाव, गतिविधियां संबंधी कहानी, गीत भेजे जा रहे हैं।
यूनिसेफ की भारत की प्रमुख सुश्री यास्मिन अली हक ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ प्रदेश में कोविड-19 से बचाव और रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों की मुक्त कंठ से सराहना की। सुश्री हक ने चकमक और सजग कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इन दोनों कार्यक्रमों से समाज को बच्चों के साथ घरों में ही व्यस्त रखने और बच्चों को रचनात्मक गतिविधियां सिखाने में मदद मिलेगी। छत्तीसगढ़ का यह नवाचार माॅडल पूरे देश के लिए उदाहरण होगा। सुश्री हक ने छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा 24 लाख हितग्राहियों को घर-घर जाकर पोषण आहार वितरण, बच्चों के लिए रेडी-टू-ईट सामग्री और मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में सूखा राशन के वितरण का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे महिलाओं एवं बच्चों को पोषण की पूर्ति में सहायता मिली है। सुश्री हक ने गरीब परिवारों को लाॅकडाउन के दौरान 3 माह का निःशुल्क राशन का वितरण, मनरेगा के माध्यम से 11 लाख से अधिक श्रमिकों को रोजगार दिलाने, आश्रय शिविरों के माध्यम से जरूरतमंदों के रहने खाने की व्यवस्था जैसे राज्य सरकार के कार्याें की सराहना की। उन्होंने कहा कि यूनिसेफ छत्तीसगढ़ सरकार के एक विश्वसनीय सहयोगी के रूप में साथ मिलकर काम करेगी।
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चकमक और सजग कार्यक्रम के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मोबाइल पर बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म फेसबुक और वाट्सएप पर टास्क दिशा निर्देश दिए जाएंगे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर इन कार्यक्रमों के बारे में जागरूक करेंगे और अभिभावकों के मोबाइल पर यह जानकारी भेजेंगे।
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