The RAGNEETI is periodical magazine and the news portal of central India with the political tone and the noise of issues. Everything is in this RAGNEETI. info@ragneeti.co.in
Owner/Director : Bhagwat Sharan Singh
Office Address : New Bus Stand, Shiv Mandir Road, Khairagarh. C.G
एजेंसी नई दिल्ली. Corona के खिलाफ लड़ रहे डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। सरकार ने ऐसे अपराधों को गैरजमानती बना दिया है। इसमें अधिकतम 7 साल की जेल और 5 लाख रुपए का जुर्माने का प्रावधान है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी इसे मंजूरी दे दी है। इस बीच देश में विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना संक्रमितों के आंकड़े 21000 के पार हो गए हैं। वहीं मृतकों की संख्या 680 से अधिक हो गई है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कैबिनेट की एक बैठक के बाद कहा कि उन डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल कर्मियों और आशा कार्यकर्ताओं को निशाना बनाकर की जाने वाली हिंसा को सरकार बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करती जो इस महामारी से लड़ने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
The Epidemic Diseases (Amendment) Ordinance, 2020 manifests our commitment to protect each and every healthcare worker who is bravely battling #COVID19 on the frontline. It will ensure safety of our professionals. There can be no compromise on their safety! : PM Narendra Modi pic.twitter.com/jAuWh9WmnQ
— ANI (@ANI) April 22, 2020
कैबिनेट बैठक में ‘इंडिया कोविड-19 इमर्जेंसी रिस्पॉन्स एंड हेल्थ सिस्टम प्रिपेयर्डनेंस पैकेज' के लिए 15 हजार करोड़ रुपये मंजूर किए गए, जिसका इस्तेमाल महामारी को रोकने के लिए तत्काल प्रतिक्रिया के तौर पर निर्दिष्ट उपचार इकाइयां और प्रयोगशालाएं स्थापित करने में किया जाएगा। इस निधि का उपयोग तीन चरणों में किया जाएगा।
यह भी पढ़ें: कोटा में फंसी बेटी को घर ले आए बिहार के बीजेपी विधायक, पास जारी करने वाला एसडीएम सस्पेंड
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों से कहा है कि कोविड-19 से लड़ रहे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने एक पत्र में कहा कि सभी पेशेवरों में, इन स्वास्थ्य कर्मियों का कौशल और सेवाएं उन्हें जीवन बचाने की एक अनोखी स्थिति में रखती है।
27 अप्रैल की सुब मुख्यमंत्रियों से फिर मुखातिब होंगे पीएम
आधिकारिक सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 अप्रैल की सुबह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे। इससे पहले 11 अप्रैल को हुई बातचीत में कई मुख्यमंत्रियों ने 21-दिवसीय लॉकडाउन को दो सप्ताह तक बढ़ाने की सिफारिश की थी, जो पहले 14 अप्रैल को समाप्त होना था। मोदी ने इसके बाद इसे तीन मई तक बढ़ा दिया था।
यह भी पढ़ें: जशपुर की महिलाओं ने महुआ से शराब नहीं, बनाया हैंड सैनिटाइजर
पश्चिम बंगाल में 15 मौतें
केंद्र और राज्य सरकार के बीच चल रहे राजनीतिक गतिरोध के बीच पश्चिम बंगाल में अब तक 15 मौतें हुईं और 394 मामले सामने आये हैं, हालांकि राज्य में कम से कम 79 लोग कोविड-19 के संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। पीटीआई द्वारा तैयार की गई तालिका के अनुसार, रात नौ बजे तक देशभर में संक्रमण के मामलों की कुल संख्या 21,293 पर पहुंच गयी है और कम से कम 683 लोगों की मौत इस महामारी से हो चुकी है। अब तक 4,103 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से शाम पांच बजे प्राप्त अपडेट के अनुसार संक्रमित मामलों की संख्या 20,471 है जबकि मृतक संख्या 652 और ठीक हुए लोगों की संख्या 3949 है।
महाराष्ट्र में सबसे अधिक 5600 संक्रमित
महाराष्ट्र में कोविड-19 के सबसे अधिक, 5600 से ज्यादा मामले सामने आये हैं और कम से कम 269 मौतें हुई हैं। गुजरात में 2400 से ज्यादा मामले और दिल्ली में 2200 से अधिक मामले सामने आये हैं। राजस्थान में 1800 से अधिक मामले, तमिलनाडु में 1600 से अधिक मामले और मध्यप्रदेश में संक्रमण के 1500 से अधिक मामले सामने आये हैं। उत्तर प्रदेश में अभी तक संक्रमण के 1400 से अधिक मामले सामने आए हैं।
यह भी पढ़ें: चीन का पलटवार- AIDS, स्वाइन फ्लू और मंदी पर अमेरिका से सवाल नहीं तो हमसे क्यों?
केंद्रीय मंत्रीमंडल ने दी अध्यादेश को मंजूरी
देश के कुछ हिस्सों में अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर हुए हमले को देखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक अध्यादेश को मंजूरी दी, जिसमें कोविड-19 के खिलाफ लडाई में लगे स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के खिलाफ हिंसा एवं प्रताड़ना के कृत्य को गैर जमानती अपराध बनाया गया है। इसके लिए अधिकतम सात वर्ष की सजा और पांच लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। यह स्वास्थ्य पेशेवरों की उन पर हाल के हमलों के मद्देनजर एक प्रमुख मांग थी।
राष्ट्रपति ने अध्यादेश पर लगाई मुहर
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोविड-19 महामारी से लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों पर हिंसा के कृत्यों को संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध बनाने वाले एक अध्यादेश को बुधवार को अपनी मंजूरी दी। महामारी रोग अधिनियम, 1897 में संशोधन करने वाला इस अध्यादेश में स्वास्थ्यकर्मियों को पहुंचे जख्म तथा संपत्ति को नुकसान पहुंचाने या उसे नष्ट करने के लिए मुआवजे की व्यवस्था की गई है।
यह भी पढ़ें: एक बार फिर पुलिस और स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला किया गया
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति ने इस अध्यादेश की उद्घोषणा के लिए अपनी मंजूरी दे दी। अध्यादेश के अनुसार ऐसी हिंसक कृत्य करने या उसमें सहयोग करने पर तीन महीने से पांच साल तक कैद और 50 हजार से लेकर दो लाख रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। गंभीर चोट/जख्म पहुंचाने पर दोषी को छह माह से लेकर सात साल तक कैद की सजा होगी और एक लाख से लेकर पांच लाख रूपये तक उस पर जुर्माना लगेगा।
यह भी पढ़ें: हीरोइन अनुष्का शर्मा बोलीं- सब बदलेगा, समय, लोग और लोक, टीजर देखिए
इसके अलावा अपराधी को पीड़ित को मुआवजा भरना होगा तथा उसे संपत्ति को पहुंचे नुकसान के लिए उसके बाजार मूल्य का दोगुणा का भुगतान करना होगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महामारी के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों तथा संपत्ति की रक्षा के लिए महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश 2020 की उद्घोषणा को मंजूरी दी।