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नई दिल्ली. Corona virus संक्रमण से शनिवार को दिल्ली में सबसे छोटे मरीज की मौत हो गई। वह केवल डेढ़ माह का था। दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज से जुड़े कलावती सरन अस्पताल के आईसीयू में भर्ती था। एक दिन पहले ही उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। मासूम के पिता की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। उधर, एम्स में भी एक नर्सिंग अधिकारी और उनका 20 माह का बच्चा संक्रमित पाया गया है। Corona Treatment
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पहले डॉक्टर-नर्स, फिर बच्चे आए चपेट में
अस्पताल में ही भर्ती 10 माह का एक और बच्चा संक्रमण की चपेट में आ गया है। दरअसल, सबसे पहले अस्पताल के पीडियाट्रिक आईसीयू में काम करने वाले एक डॉक्टर इसकी चपेट में आए। उसके बाद दो नर्स कर्मचारियों में संक्रमण की पुष्टि हुई। अस्पताल प्रशासन ने तुरंत इनके संपर्क में आने वाले बच्चों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की जांच कराई। इनमें कुल 10 लोगों को संक्रमण की पुष्टि हुई।
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अब ज्यादा टेस्ट नहीं, ICMR ने तय कीं 5 श्रेणियां
कोरोना संक्रमितों की लगातार मिल रही संख्या के बावजूद भारत ज्यादा टेस्ट के पक्ष में नहीं है। माना जा रहा था कि रैपिड टेस्ट किट मिलने के बाद भारत में ज्यादा से ज्यादा टेस्ट होंगे, लेकिन आईसीएमआर के ताजा निर्देशों से स्पष्ट है कि सरकार फिलहाल पांच किस्म के संदिग्ध लोगों की ही रैपिड टेस्ट कराएगी। इसके लिए राज्यों को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। कोरोना को हराने डीएसपी ने गाए गाने
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आईसीएमआर की एडवाइजरी में मौके पर दो तरह की किट से रैपिड टेस्ट की मंजूरी दी गई है। इनमें एक रियल टाइप पीसीआर टेस्ट और दूसरा एंटीबॉडीज टेस्ट है। इनसे फौरन नतीजा निकाला जा सकता है। आईसीएमआर ने जो पांच मानक तय किए हैं, उनमें पहला है पिछले 14 दिनों से विदेश यात्रा से लौटा व्यक्ति। अभी ऐसे लोग नहीं हैं, क्योंकि विमान सेवाएं बंद हैं। शुरू होने पर उन्हें इस टेस्ट से गुजरना होगा।
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दूसरा, कोरोना रोगियों के संपर्क में आए लोग, जिनमें खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ के लक्षण हैं। तीसरे, सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ता जिनमें इस प्रकार के लक्षण पाए जाएंगे। चौथे श्रेणी में तीव्र श्वसन संबंधी बीमारी से ग्रस्त लोगों को रखा गया है। पांचवीं श्रेणी उनकी है जो किसी भी तरह से संक्रमितों के संपर्क में आए हों, भले ही उनमें कोई लक्षण न दिखे। ऐसे लोगों के पांचवें और 14वें दिन में दो बार टेस्ट किए जाएंगे।
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