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अधिनियम कहता है निजी जमीन से भी नाले की निकासी नहीं रोक सकता मालिक, यहां Khairagarh प्रशासन को नजर ही नहीं आ रहा अतिक्रमण।
खैरागढ़. राजनांदगांव-कवर्धा रोड पर जैन मंदिर के बाजू वाला नाला गायब हो चुका है। नाले को नाली बनाकर ऊपर कांक्रीट का स्लैब डाला गया और ऊपर निर्माण किया गया है। भीतर जाकर देखा गया तो नाली भी अधूरी है। भीतर सीमेंट पाइप डालकर निकासी की अस्थाई व्यवस्था की गई है। नेता जी! कल उम्मीद की टोंटी थी, आज टोटा है!
रोड से दिखती है नाले पर बनी दीवार...
इसी वजह से बारिश के दिनों में हालात बद से बदतर हो जाते हैं। बीते दो दिनों से फिर वही स्थिति बनी हुई है। रोड किनारे स्थित घरों में पानी घुस रहा है। महिलाएं और बच्चे सो नहीं पा रहे हैं। पूरी रात जागकर काटनी पड़ रही है, लेकिन पालिका प्रशासन की नींद नहीं टूटी है। 32 करोड़ की योजना पर भाजपा पार्षदों की चुप्पी, अब उसी मुद्दे पर विधानसभा में बोलेंगे डॉ. रमन
वार्डवासी परस राजपूत ने बताया कि उनका 37 साल का बड़ा लडक़ा पूरी तरह विकलांग है। घर में पानी घुसने से बहुत ज्यादा तकलीफ होती है। समझ नहीं आ रहा, कैसे करें, कहां जाएं? वे 2010 से वहां रह रहे हैं। बहन से जमीन लेकर मकान बनाया था। रिटायरमेंट के बाद 1800 रुपए पेंशन मिलता है। मकान को किराए में देकर अतिरिक्त आय हो जाती थी, लेकिन पानी भरने से किराएदारों ने भी मकान खाली कर दिया।
बताया गया कि 2017 से ऐसे ही हालात हैं। वार्ड की महिलाएं बता रही हैं कि वे 17-18 आवेदन दे चुके हैं। पालिका से यही जवाब मिलता है कि 22 लाख रुपए आए हैं, नाले का निर्माण किया जा रहा है। फिर तकलीफ नहीं होगी। पवन यादव का कहना है कि पार्षद को भी हालात बताए हैं। वार्ड की महिलाएं बता रही हैं कि वे 17-18 आवेदन दे चुके हैं। पालिका से यही जवाब मिलता है कि 22 लाख रुपए आए हैं, नाले का निर्माण किया जा रहा है। फिर तकलीफ नहीं होगी। 'नेताजी' अभी भी वक़्त है, सम्भल जाइए! ...
नाली में तब्दील हुआ 30 फीट का नाला?
सबसे बड़ी बात ये कि प्रशासन असल कारण पर ध्यान नहीं दे रहा है। शिवमंदिर रोड के वार्डवासियों का कहना है कि रियासत काल से ही वहां 25 से 30 फीट का नाला हुआ करता था। यह वही नाला है जो इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय परिसर के भीतर से होकर गुजरता है। बाहर इसे नाली में तब्दील कर दिया गया। बताया गया कि जनप्रतिनिधियों सहित प्रशासनिक अफसरों ने भी कई दफे मौका मुआयना किया, लेकिन असल कारण को नजरअंदाज कर गए।
नजूल रिकॉर्ड से गायब नहीं होगा नाला: शिरीष
हालही में हुई नगर पालिका परिषद की बैठक में विधायक प्रतिनिधि शिरीष मिश्रा ने यह मामला उठाया था। शिरीष का कहना है कि हम बचपन से देखते आ रहे हैं कि वहां एक बड़ा नाला था और बारिश का पानी इसी नाले के जरिए पीछे नदी में मिलता था। अचानक वहां बिल्डिंग बन गई। मैंने सीएमओ से कहा है कि आप नजूद रिकॉर्ड चेक करिए। सडक़ और नाला रिकॉर्ड से थोड़े ही गायब हो जाएगा! मैंने कहा है कि जांच कर पहले अतिक्रमण को तोड़वाइए। 'नेताजी' अभी भी वक़्त है, सम्भल जाइए! ...
नाले के 22 लाख में से आठ लाख नाली के लिए दिया
पार्षद शेष नारायण यादव का कहना है कि नाला निर्माण के लिए आए 22 लाख में से आठ लाख रुपए मंदिर के बाजू से बनी नाली के लिए दिया हूं। अब दोनों ही काम अधूरे रह गए हैं। शेष ने बताया कि नरेंद्र बोथरा के अनुसार नाला उनकी निजी जमीन पर है और वह नाली बनाने के लिए जमीन देने के लिए तैयार हैं। केवल नाली के ऊपर निर्माण की अनुमति चाहते हैं। 'नेताजी' अभी भी वक़्त है, सम्भल जाइए! ...
यहां सरकार का नाला कभी नहीं रहा: बोथरा
नाले पर निर्माण करने वाले नरेंद्र बोथरा का कहना है कि वहां एक्चुअल सरकार का नाला कभी नहीं रहा। आज नहीं 50 साल का रिकार्ड भी देंखें तो उसमें नाला कभी नहीं था। 200 फीट का नाला तो हम खुद ही बनाए हैं। बाद में पाइप फिट करके कार्नर से निकाले हैं ताकि पानी किनारे से चला जाए। मैंने तो कहा है कि मैं दे देता हूं, मुआवजे के लिए लगा दूंगा। परिसीमन या 'पर' कतरन! ...
जानिए क्या कहता है भू-राजस्व संहिता अधिनियम
वरिष्ठ अधिवक्ता मिहिर झा का कहना है कि भू-राजस्व संहिता अधिनियम की धारा-131 के तहत रुढ़ीगत रास्ता या जलशरणी चाहे वह निजी जमीन पर भी हो उसे नहीं रोका जा सकता। धारा-32 का उपयोग कर तहसीलदार या सक्षम अधिकारी किसी आवेदन अथवा स्वयं संज्ञान लेकर कार्रवाई कर सकता है।
इस वीडियो के जरिए जानिए वार्डवासियों की पीड़ा
इस वीडियो में जानिए दिव्यांग के पिता ने क्या कहा
रिकॉर्ड देखने के बाद की जाएगी कार्रवाई
एसडीएम निष्ठा पांडेय तिवारी का कहना है कि यदि दिव्यांग को तकलीफ हो रही है तो इसे मैं कल ही दिखवा लेती हूं। फिर देखेंगे कि रिकॉर्ड में जमीन किसकी है। वस्तुस्थिति देखने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।