Corona से लड़ाई: 28 में से 23 जिले ग्रीन जोन में, केंद्र सरकार ने पीठ थपथपाई
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देश में सबसे कम कीमत पर जांच किट खरीदने वाला राज्य बना छत्तीसगढ़।
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337 रुपए में एक किट, कुल 75 हजार किट की दक्षिण कोरिया से हुई खरीदी।
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28 जनवरी से शुरू हो गई थी कोरोना संदिग्धों की स्क्रीनिंग।
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स्वास्थ्य और पंचायत विभाग एक ही मंत्री के पास होने का राज्य को मिला फायदा।
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पंचायत विभाग के माध्यम से गांवों तक कोरोना से बचाव के उपाय बताए गए।
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घर में रह रहे लोगों की सुविधा के लिए दो-दो महीने का राशन पहुंचाया गया।
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पंचायत स्तर पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता सर्वे कर लोगों को हाथ धोने के तरीके बताते रहे।
नई दिल्ली : Corona महामारी से लडऩे वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ टॉप-10 में शामिल है। केंद्र सरकार ने प्रदेश में हो रहे प्रयासों की तारीफ की है। यहां 36 पॉजिटिव केस मिले थे, उनमें से 25 ठीक होकर घर जा चुके हैं। रायपुर एम्स के कामकाज की सार्क देशों के डॉक्टरों ने सराहना करते हुए मदद की अपील भी की है। रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव में एक-एक पॉजिटिव मरीज मिले थे, अब यहां एक भी मरीज नहीं हैं। केवल कोरबा हॉटस्पॉट बना हुआ है। राज्य के 28 जिलों में से 23 ग्रीन जोन में हैं, यहां एक भी मरीज नहीं मिले हैं। वहीं लॉकडाउन की स्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध करवाने के साथ अन्य सुविधाएं दी जा रही है। दो-दो महीने का राशन भी दिया जा चुका है। राज्य की अच्छी स्थिति को लेकर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का कहना है कि 27 जनवरी से ही राज्य में कोरोना से निपटने की तैयारी शुरू हो गई थी। विदेशों से आने वालों को क्वारेंटाइन किया जाने लगा। 1 मार्च के बाद विदेश से 2300 से लोग आए, उनकी पहचान कर, जरूरत के हिसाब से क्वारेंटाइन किया गया। जांच की रफ्तार को लेकर सिंहदेव का कहना है कि 75 हजार नई किट दक्षिण कोरिया से मंगवा रहे हैं। एक किट की कीमत जीएसटी के अलावा 337 रुपए है। यह देश में सबसे कम कीमत पर उपलब्ध होने वाली किट है। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री ने अपने स्तर पर प्रयास किया। दक्षिण कोरिया के राजदूत के लगातार संपर्क में रहे और किट की व्यवस्था करवाई। इस किट से जांच में तेजी आएगी।
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वीडियो देखें: रैपिड टेस्टिंग किट के बारे में बता रहे हैं स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव
राशन का न हो संकट, इसलिए पहले हुई व्यवस्था :
लॉकडाउन के कारण ग्रामीण जनता को परेशान न होना पड़े, इसलिए पंचायत विभाग ने दो-दो महीने का राशन दे दिया गया है। वहीं रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए मनरेगा का काम शुरू कर दिया गया है। इसमें भी सोशल डिस्टेंस का पालन किया जा रहा है। बाहरी लोगों के गांव में प्रवेश के लिए सभी जगह बेरिकेड्स लगा दिया गया है। गांव के जो लोग बाहर से आ रहे हैं, उनके बारे में स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दे दी जाती है। फिर उन्हें होम क्वारेंटाइन या आइसोलेशन सेंटर भेज दिया जाता है। गांवों में इस तरह की जागरुकता लाने में पंचायत स्तर के कर्मचारियों और अधिकारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। घर-घर जाकर लोगों को हाथ धोने के तरीके बताए गए। सोशल डेस्टेंसिग का तरीका और फायदा बताया गया। मास्क के बारे में बताया गया। मास्क नहीं होने पर गमछा मुंह पर बांध रहे हैं। बस्तर में तो साल के पत्ते भी बांधे दिखे।
2000 करोड़ का प्रदेशभर में होगा काम :
छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य महकमे के साथ पंचायत विभाग ने स्थिति को संभालने का काम किया है। दोनों विभागों मेें समन्वय का काम किया है इनके मंत्री ने। टीएस सिंहदेव रोजाना इन दोनों विभागों के अधिकारियों समेत नोडल अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से स्थिति की समीक्षा करते हैं। एक-एक जिले की स्थिति पर चर्चा करते हैं। जानकारी लेने के साथ जरूरी निर्देश देते हैं। उनका कहना है कि केवल 4 घंटे सोते हैं, बाकी समय प्रदेश को देते हैं। प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए अगले 200 करोड़ रुपए का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। इसमें भी विशेषकर वे काम शामिल किए गए हैं, जो बरसात से पहले पूरे होने जरूरी हैं। इसमें सड़क, नाली, नहर की मरम्मत जैसे काम शामिल हैं। इससे गांवों के लोगों को घर के आसपास ही रोजगार मिल जाएगा।
मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी सहयोगी :
पंचायत एवं ग्रामीण विभाग की ओर से ग्राामीण क्षेत्रों में कोरोना के प्रति जागरूक करने का जिम्मा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य विभााग ने मितानिनों को दिया गया। वायरस के लक्षण, उससे बचाव आदि की जानकारी घर-घर दी गई। इस मॉडल का असर दिखा और प्रदेश में किसी भी ग्रामीण क्षेत्र में अब तक एक भी कोरोना संदिग्ध नहीं मिला है।
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राहुल गांधी ने भी की तारीफ :
छत्तीसगढ़ में कोरोना के खिलाफ किए जा रहे प्रयासों की राहुल गांधी ने तारीफ की है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग द्वारा 20 दिन में अलग से 200 बेड का विशेष कोरोना अस्पताल की सराहना की है। उनका कहना है कि जहां चाह, वहां राह। इस पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने पूरे विभाग के प्रयासों का नतीजा बताया है।
ऐहतियात के लिए समय से पहले उठाए गए कदम :
- 27 जनवरी को प्रदेश समेत जिलों में रैपिड रिस्पांस टीम की स्थापना।
- 28 जनवरी से एयरपोर्ट पर यात्रियों की स्क्रीनिंग।
- 31 जनवरी को रैपिड रिस्पांस टीम के सदस्यों की ट्रेनिंग।
- 1 फरवरी को माना में 30 बेड का आइसोलेशन सेंटर।
- 1 फरवरी को ही सभी जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों में आइसोलेशन व वेंटिलेटर्स की व्यवस्था।
- 5 मार्च से सभी जिला कलेक्टर्स से रोजाना तैयारियों की समीक्षा की जा रही है।
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