बिना रख रखाव के निकाले स्वच्छता श्रृंगार के 10 लाख 93 हज़ार
खैरागढ. नगर पालिका फर्जी बिलों के सहारे राशि आहरण का दौरा अभी भी लगातार जारी है। आरसीसी कुर्सिया, जिम सामाग्री के नाम पर लाखों का घालमेल करने वाली पालिका ने केन्द्र सरकार के स्वच्छता श्रृगांर योजना को भी नही छोड़ा बीते माह ही लगभग 10 लाख 93 हज़ार रूपयें की राशि को स्वच्छता श्रृंगार के नाम एक साथ आहरित किया गया है। यह राशि पालिका को सार्वजनिक शौचालय की सफाई व रखरखाव के लिए मिलते है। खैरागढ नगर पालिका को प्रतिमाह इस योजना के तहत शौचालय की स्वच्छता व रखरखाव के लिए 1 लाख 81 हजार रूपए प्रतिमाह प्रदान किए जाते है। इसके बावजूद लगभग सभी सार्वजनिक शौचालयों के हालात बद से बदतर है।
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कहीं सीट टूटा,कहीं नालियाँ जाम
पालिका में रिकॉर्ड अनुसार 19 सार्वजनिक शौचालय हैं। जिनमें से एक दो को छोड़ सभी शौचालय बदहाल हैं। कहीं सीट टुटा है, कहीं नालियाँ जाम है. तो कहीं की दीवाल उखड़ चुकी हैं तो कहीं पानी की व्यवस्था ही नहीं है। इसके बावजूद पालिका में लगभग 10 लाख 93 हज़ार रूपए की राशि निकालकर बंदरबाट कर लिया गया है। सूत्रों की माने तो अध्यक्ष निधि / पार्षद निधि की राशि को जिस तरह से आपस में बाँट लिया गया था उसी तरह से उक्त राशि का भी बंटवारा कर लिया गया है।
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न जाँच ना कार्यवाही
खैरागढ़ नगरपालिका के साथ खैरागढ़ - छुईखदान - गंडई जिले का मुख्यालय भी है। इसके बावजूद पालिका की भ्रष्टाचार पूर्ण कार्यशैली पर जिला प्रशासन का कोई हस्तक्षेप नहीं है। गड़बड़ियों की शिकायत लगातार होने के बावजूद न ही जांच की जा रही है और न ही कार्यवाही की जा रही है।
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पीएम की महत्वकांक्षी योजना में भी भ्रष्टाचार
स्वच्छता श्रृंगार देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन की महत्वकाक्षी योजना का ही अंग है। उसके बावजूद योजना के तहत मिल रही राशि के सदुपयोग तो छोड़ उस पर भी भ्रष्टाचार करने से गुरेज नहीं किया जा रहा है।
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ज़ब श्रृंगार में खर्च दिए पैसे तो फिर क्यों किया प्रावधान
जानकारी अनुसार पालिका में परिषद की हाल की बैठक में शौचालयों की मरम्मत के लिए फिर से 5 लाख रूपए का प्रावधान किए जाने की जानकारी मिली है. अब इसका जवाब तो पालिका के अधिकारी और जनप्रतिनिधि ही दे सकते हैं कि ज़ब स्वछता श्रृंगार से पूर्व में 10 लाख रूपए मरम्मत में खर्च किए जा चुके हैं तो 5 लाख फिर से कहाँ खर्च किया जाना है।
नस्ती देखकर बता पाउँगा - प्रमोद शुक्ला,सीएमओ
मामले में मुख्य नगरपालिका अधिकारी प्रमोद शुक्ला ने बताया कि नस्ती देखकर ही बता पाउँगा। अभी छुट्टी पर हूं। बाहर जा रहा हूं।
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जानकारी अकाउंट विभाग देगा - टोडर सिंह,सफाई प्रभारी
स्वच्छता प्रभारी टोडर सिंह ने बताया कि भुगतान की जानकारी अकाउंट विभाग देगा। 1 लाख 81 हज़ार प्रतिमाह भुगतान होता है। साल भर से पैसा न होने की वजह से भुगतान नहीं हुआ था। एक साथ 10 लाख से अधिक राशि का भुगतान हुआ है। देखरेख ठेकदार करता है। 2020 से भिलाई के ठेकेदार को मिला है। मॉनिटरिंग इंजिनियर करता है।
अभी भुवनेश्वर में हूं - दुष्यंत कुमार,अकाउंटेंट
पालिका में अकॉउंट विभाग के दुष्यंत कुमार ने बताया कि मैं भुवनेश्वर में हूं। चेक कटा है,कितने का कटा है। यह देखकर ही बता पाउँगा।
नहीं की कोई मॉनिटरिंग एक माह ही हुए हैं - शहबाज़,सब इंजिनियर
पालिका के सब इंजिनियर शहबाज़ ने बताया मुझे एक माह ही हुआ है, मैंने अभी कोई मॉनिटरिंग नहीं की है। आप सीएमओ साहब से पूछ लीजिए
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