रायपुर. कोरोना वायरस की चेन तोड़ने के लिए 21 दिन का लॉकडाउन है। इस संकट की घड़ी में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनका न घर है और न परिवार। इसमें रोज कमाकर पेट भरने वाले भी हैं और काम करने में असमर्थ भी। ऐसे ही लोगों की मदद के लिए सामाजिक संगठन और सेवाभावी संस्थाएं सामने आ रही हैं। कुछ उनके घर तक अनाज पहुंचा रहे तो कुछ ने पका पकाया भोजन बांटने का बीड़ा उठा रखा है। इस जनसेवा के बीच वे कोरोना से बचाव के लिए जरूरी संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं और संबंधित लोगों को भी जागरूक कर रहे हैं।
रायगढ़ के समाजसेवी सुनील रामदास ने अग्रवाल समाज से की अपील
छत्तीसगढ़ के प्रमुख समाजसेवी रायगढ़ निवासी सुनील रामदास ने पूरे देश में निवासरत राष्ट्रवादी अग्रवाल समाज के बंधुओं से आगे आने की अपील की है। सुनील रामदास का कहना है कि लॉकडाउन की स्थिति में आर्थिक मंदी के चलते सैकड़ों लोग भुखमरी से पीड़ित हो सकते हैं। इसलिए उन्होंने देशभर के अग्रवाल बंधुओं से कहा है- “हम ये सुनिश्चित करें कि देश में एक भी नागरिक भूखा ना सोए।”
खैरागढ़ में निर्मल त्रिवेणी के साथ शांतिदूत, पहल ने भी बढ़ाया कदम
संगीत नगरी खैरागढ़ में निर्मल त्रिवेणी अभियान के सदस्य सेनेटाइजर और मास्क बनाकर जरूरतमंदों को सप्लाई कर रहे हैं। कीर्ति वर्मा और जयश्री ताम्रकार ने बताया कि इसे शहर के साथ गांव में भी बांटा जा रहा है। इधर श्रीराम गो सेवा समिति, शांतिदूत और पहल के सदस्य सिविल अस्पताल में मरीज व उनके परिजनों के साथ नगर में जरूरतमंदों को दो वक्त का भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। वहीं जैन समाज के कुछ साथियों ने आवारा मवेशियों की चिंता की है।
बस्तर के गांवों में बांटी दाल, चावल और सब्जी
इधर राज्य शासन भी जंगल के गांवों तक पहुंच रही है। बस्तर के ग्राम पंचायतों में सरपंच, उपसरंपच, ग्राम पंचायत सचिवों, रोजगार सहायक और मितानिन के द्वारा गाँव के जरूरतमंदो एवं निःशक्तजनों के लिए दाल, चावल, सब्जी आदि का वितरण किया जा रहा है। खाद्यान्न सामग्री के वितरण के समय ग्रामीणों के मध्य सामान्य दूरी बनाकर ही सामग्री का वितरण किया जा रहा है। जिले के ग्राम पंचायत मांदर, बडाजी, मटनार, सुआचोंडा, ढोंढरेपाल, नेंगानार सहित अन्य ग्रामों में भी इस प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराकर लोगों को राहत पहुंचाई जा रही है।