दिल्ली: लॉक डाउन के बीच दिल्ली में काम करने वाले दिहाड़ी मजदूर - हम लोग गरीब हैं, चार-पांच बच्चे हैं। हमें न तो मजदूरी मिल रही है न खाना मिल रहा है न पानी। हमारी मदद कीजिए। गाड़ी भिजवा दें तो घर चले जाएंगे। एक मजदूर-हम लोग कोरोना बीमारी से पहले भूख से मर जाएंगे।
दिल्ली से सैकडों किमी दूर आजमगढ़,मैनपुरी,कानपुर, एटा,इटावा,बदायूं ,अलीगढ़ जैसे शहरों के लिए पैदल ही निकल पड़े

दिल्ली में रहकर मजदूरी करने वाले इन गरीबों लिए सबसे बड़ा सवाल आजीविका का पैदा हो गया है.
काम बंद. दिहाड़ी बंद.घर जाने के साधन नहीं तो पैदल ही आजमगढ़ और बदायूं के लिए निकल पड़े हैं .
इनका क्या होगा ?कैसे होगा ?
मजदूर वर्ग के लोग जो अपना गांव, अपना राज्य छोड़कर, दिल्ली में रोटी की तलाश में आते हैं, और अपना जीवन यापन करते हैं इस संकट की घड़ी में उनकी हालत और भी बदतर हो गई है दिल्ली लॉक डाउन के बीच दिल्ली में काम करने वाले दिहाड़ी मजदूर-हम लोग गरीब हैं, चार-पांच बच्चे हैं। हमें न तो मजदूरी मिल रही है न खाना मिल रहा है न पानी। हमारी मदद कीजिए। गाड़ी भिजवा दें तो घर चले जाएंगे। एक मजदूर-हम लोग कोरोना बीमारी से पहले भूख से मर जाएंगे।
कंधे में 10 महीने के मासूम बच्चे को बैठाए हुए सैकड़ों किलोमीटर अपने गांव के लिए पैदल ही निकल पड़े, आखिर इन मजदूरों का क्या होगा?
नेशनल हाईवे पर इन गरीब मजदूरों की कोई मदद करने वाला नहीं यातायात की कोई सुविधा ना होने के कारण अपने घरों के लिए पड़े,कुछ औरतें गर्भवती हैं.कई लोग अपने साथ अपने बच्चों को लिए हुए हैं इस कड़कती धूप में चलते जा रहे हैं किसी ने कहा कि 3 दिन से कुछ खाया भी नहीं है ना ही पैसे हैं कई लोग इस उम्मीद में चले जा रहे हैं कि कोई रास्ते में लिफ्ट दे देगा
NDTV
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