नई दिल्ली. कोरोना संक्रमण के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लॉकडाउन-2.0 की घोषणा के दूसरे दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीडिया से बात की। राहुल बोले- लॉकडाउन कोविड-19 का हल नहीं है। यह एक तरह का पॉज बटन है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि वे पिछले एक-दो महीने से कई विशेषज्ञों के साथ बातचीत कर चुके हैं। लॉकडाउन कोरोना संकट का हल है ही नहीं। केवल कुछ समय के लिए यह कोरोना को रोक सकता है। इससे कोरोना खत्म नहीं होगा। जब देश लॉकडाउन से बाहर आएगा तो इसका असर फिर से दिखना शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन तैयारी का वक्त देता है।
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राहुल ने सलाह दी, बोले- टेस्टिंग बढ़ाना होगा
लॉकडाउन को पॉज बटन बताने के बाद राहुल गांधी ने मोदी सरकार को सलाह दी। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग बढ़ानी चाहिए। वही भी पूरी रणनीति के साथ। अगर कोरोना वायरस से लड़ना है तो वृहद पैमाने पर टेस्टिंग करनी होगी। जहां केस नहीं है, वहां भी टेस्टिंग करनी होगी। रैंडम टेस्टिंग की जरूरत है। पूरे देश को एकजुट होना पड़ेगा। राहुल गांधी ने सरकार को सलाह दी कि मुख्यमंत्रियों से खुलकर बात कीजिए और उनकी मांगों को सुनिए।
राहुल बोले- बदल दो न्याय योजना का नाम, पर दो पैसे
राहुल ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए देश को दो मोर्चों पर ज्यादा काम करने की जरूरत है- एक हेल्थ और दूसरा अर्थव्यवस्था। फूड का सेफ्टी नेट तैयार करना होगा। जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं, उन्हें भी मुफ्त राशन दीजिए। साथ ही न्याय योजना के तहत पैसे दीजिए, भले ही आप इस योजना का नाम न दें और दूसरा नाम यूज करें। सिर्फ लॉकडाउन से ही बात नहीं बनेगी, आपको अपनी ताकत और संसाधन का सही से इस्तेमाल करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि करोरोना को लेकर अभी देश में इमर्जेंसी जैसे हालात हैं।
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सैकड़ों लोग भूखे पेट और गोदाम में सड़ रहा है अनाज
राहुल ने कहा कि हम सरकार से अपील करते हैं कि इस संकट में आपातकालीन राशन कार्ड जारी किए जाएं। ये उन सभी के लिए हों जो इस लॉकडाउन में अन्न की कमी से जूझ रहे हैं। लाखों देशवासी बिना राशन कार्ड के पीडीएस का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। अनाज गोदाम में सड़ रहा है जबकि सैकड़ों भूखे पेट इंतज़ार कर रहे हैं। यह अमानवीय है।
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यह है स्थिति: गुरुवार को 414 हो गई मृतकों की संख्या
देश में कोरोना वायरस के कारण मरने वाले लोगों की संख्या गुरुवार को 414 हो गई और मामलों की संख्या बढ़कर 12,380 तक पहुंच गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि कोविड-19 के 10,477 मरीजों का अभी भी इलाज चल रहा है, जबकि 1,488 लोग ठीक हो चुके हैं और उन्हें अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है और एक विदेशी नागरिक अपने देश चला गया है। कुल मामलों में 76 विदेशी नागरिक शामिल हैं। मंत्रालय ने अपने अद्यतन आंकड़ों में कहा है कि बुधवार शाम से 22 मौतें हुई हैं।
महाराष्ट्र में नौ मौतें, आंध्रा में पांच
मंत्रालय के मुताबिक, इनमें से महाराष्ट्र में नौ, आंध्र प्रदेश में पांच, गुजरात में तीन, दिल्ली और तमिलनाडु में दो-दो और कर्नाटक में एक-एक मौत हुई है। अब तक कुल 414 मौतों में से, सबसे ज्यादा 187 मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं, इसके बाद मध्य प्रदेश में 53, गुजरात में 33, दिल्ली में 32 पर और तेलंगाना में 18 मौतें हुई हैं। तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में 14-14 लोगों के मारे जाने की सूचना है। पंजाब में 13 मौतें हुई हैं जबकि कर्नाटक में 12 मौतें हुई हैं और उत्तर प्रदेश में 11 मौतें हुई हैं। पश्चिम बंगाल में सात मौतें दर्ज की गई हैं।
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