खैरागढ़. विधायक यशोदा वर्मा ने इतवारी बाज़ार में आई बाढ़ के लिए जिला प्रशासन और सिंचाई विभाग को आड़े हाथों लिया है। विधायक ने कहा कि प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्रों व शहर में बिना मुनादी के प्रधानपाठ बैराज का गेट खोल दिया। जिसकी वजह से इस विभीषिका का सामना करना पड़ा है। विधायक ने कहा कि सन 2005 में आमनेर नदी में आये भयानक बाढ़ के बाद तत्कालिन सरकार ने बाढ को रोकने के लिये प्रधानपाठ बैराज में लगभग 70 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की थी। जिसके तहत सिंचाई विभाग ने उक्त बैराज में करोड़ो की अनुपूरक बजट में पास कर स्वीकृति हुआ था लेकिन विभाग ने उक्त बैराज में घटिया क्वालिटी का गेट लगाया गया परिणाम स्वरूप गेट टूट गया। जिसके बाद विभग द्वारा उक्त गेट की मरम्मत हेतु करोड़ो की राशि स्वीकृत कर खर्च किये फिर भी बैराज भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गया। यदि आज बैराज सही तरीके से बना होता तो खैरागढ़ नगर के विभिन्न वार्ड व ग्राम सण्डी, राहुद, धनगांव, कामठा, मडौदा, बफरा, को इस नुकसान का सामना नहीं करना पड़ता।
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बायपास सड़क 15 साल में भी पुरा नहीं हुआ
लोक निर्माण विभाग के उदासीनता व ठेकेदार के लापरवाही के कारण खैरागढ़ बायपास रोड आज 15 वर्ष बित जाने के बाद भी नहीं बना है, जिसके कारण बाढ़ आने पर खैरागढ नगर से संपर्क टूट जाता है, लोक राजनांदगांव से कवर्धा आने जाने वाले यात्रीगण पुरे दिनभर भटकते रहे, अगर बायपास सड़क पुरा हुआ रहता तो यह मंजर देखने नहीं मिलता, आज 15 साल बित जाने के बाद भी कार्य अधुरा है जिसके खामयाजा जनता भुगत रही है. लगता है बायपास बनने के दौरान चुनिन्दा व्यापारियों और नेताओं ने जरूर चांदी काट ली है, मुआवजा प्राप्त करने के बाद उन व्यापारियों एवं नेताओं द्वारा कोई पहल नहीं किया जा रहा है. जिसके कारण से शासन प्रशासन के साथ भी विभाग गहरी नींद में सोये हुये है अगर बायपास रोड बन जाता तो यात्री इतना परेशान नहीं होते।