नई दिल्ली. देश में लॉकडाउन के दौरान निजामुद्दीन के मरकज बिल्डिंग हुई गतिविधियां अपराध हैं। इसी के चलते वहां के मौलाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि आपदा अधिनियम और संक्रामक रोग अधिनियम लागू होने के बाद पांच से अधिक लोगों को किसी भी सभा की अनुमति नहीं थी। फिर भी ऐसा किया गया। मंत्री जैन ने आयोजकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए लेफ्टिनेंट जीवी को लिखने की बात कही। दिल्ली सरकार ने एफआईआर के आदेश दिए। फिलहाल ड्रोन से पूरी मरकज बिल्डिंग की निगरानी की जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र ने जानकारी दी कि मरकज बिल्डिंग में मौजूद 24 लोग पॉजिटिव निकले हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार से अब तक 300 लोगों को अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। वहीं, 700 से 800 लोगों को क्वारैंटाइन किया गया है। उन्होंने कहा कि जब देश में लॉकडाउन था, उस वक्त इस तरह की गतिविधि करना अपराध है। ऐसा कहा जा रहा है कि मरकज बिल्डिंग में दो हजार लोग मौजूद थे। इसकी जानकारी मिलने के बाद मंगलवार को जांच के लिए पुलिस पहुंची है। इलाके की ड्रोन से निगरानी की जा रही है। यहां तब्लीगी जमात के मरकज में 1 से 15 मार्च तक 5 हजार से ज्यादा लोग आए थे। इनमें इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड के लोग भी शामिल थे। 22 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा के बाद भी यहां 2 हजार लोग ठहरे हुए थे। इनमें से 200 लोगों के कोरोना संक्रमित होने की आशंका है। इन्हें सर्दी, खांसी और जुकाम की शिकायत थी।
60 से ऊपर के थे ज्यादातर लोग
पुलिस ने बताया कि लॉकडाउन से पहले ही यहां से भीड़ हटाने के लिए प्रयास किए जा रहे थे। लोगों से अपील की जा रही थी। लेकिन, तब्लीगी मरकज में जमा लोगों ने बात नहीं सुनी। यहां रहने वाले लोगों में ज्यादातर लोगों की उम्र 60 साल से ऊपर है।