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घुंघरूओं की झंकार से गूंज उठा सांकरा Featured


कलाकारों को मंच देने और उनका सम्मान करने से प्रतिभाओं को प्रोत्साहन मिलता है - पांडे

राजनांदगांव. ग्राम सांकरा की धरती पर चार फरवरी की शाम घुंघरूओं की झकार से गूंज उठा। अवसर था चक्रधर कत्थक कल्याण केन्द्र, वेदांग पब्लिक स्कूल परिसर में आयोजित राष्ट्रीय सप्तरंग समारोह का। कार्यक्रम के अतिथि सांसद संतोष पांडे, सबेरा संकेत के संपादक सुशील कोठारी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भरत वर्मा, ज्योति कोठारी, डॉ. मोहन पारख, डॉ. पदमा पारख, विमल हाजरा, साहित्यकार दादूलाल जोशी एवं रघुवीर वाधवा और रमेश सोनवानी थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. कृष्ण कुमार सिन्हा ने की। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से सीएफपीजीएस स्कीम के अंतर्गत आयोजत राष्ट्रीय सप्तरंग समारोह के दूसरे दिन के अतिथि राजनांदगांव सांसद संतोष पांडे ने कहा कि इस तरह के आयेाजनों से कलाकारों को प्रोत्साहन मिलता है। चक्रधर कत्थक कल्याण केन्द्र का यह प्रयास निश्चित ही सराहनीय है। कलाकारों को मंच देना और उनका सम्मान करने से प्रतिभाओं को प्रोत्साहन मिलता है और वे अपने देश -प्रदेश की परंपरा और संस्कृति की छटा पूरी दुनिया में बिखेरते हैं।


सबेरा संकेत के संपादक सुशील कोठारी ने कहा कि आज नृत्य गुरू पद्म विभूषण पं. बिरझू महराज की 85वीं जयंती है। उनके जन्मोत्सव पर आयोजित यह कार्यक्रम निश्चय ही सराहनीय है। उन्होंने कहा कि वे डॉ. कृष्ण कुमार सिन्हा को काफी समय से जानते हैं। उन्होंने शास्त्रीय संगीत एवं नृत्य की स्थापना के लिए काफी प्रयास किए। आज सांकरा में उनकी संगीत महाविद्यालय है जो अपने भवन में संचालित हो रही है। डॉ. सिन्हा का यह प्रयास सराहनीय है उन्होंने आशीष सिंह (वृन्दावन से आये कलाकार) एवं पलक उपाध्याय (गुरू डॉ. राखी राय (भिलाई) के साथ - साथ चक्रधर कत्थक कल्याण केन्द्र के बच्चों की प्रस्तुति की काफी सराहना की। डॉ. पदमा पारख ने भी संस्था के इस प्रयास की सराहना की।


कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. कृष्ण कुमार सिन्हा ने कहा कि उन्होंने जब संस्था प्रारंभ किया तब कस्तूरबा महिला मंडल भवन में जगह दिलाने के लिए कोठारी की माताजी शीला कोठारी ने उनका काफी सहयोग किया। वे आज भी फोन पर उनसे उनका हाल चाल और संगीत महाविद्यालय के बारे में पूछती रहती है। उन्होंने कहा कि कला के प्रोत्साहन एवं कलाकारों को प्रेरित करने के लिए यह आयोजन किया जाता है। उनके गुरू और प्रख्यात कलाकार पद्मविभूषण स्व. पं. बिरझू महराज की आज 85वीं जयंती है। इस संगीत महाविद्यालय की नींव भी उन्होंने ही रखी थी। आज उन्हीं के आशीर्वाद से यह संगीत महाविद्यालय फल-फूल रहा है।
उद्बोधन के पूर्व अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। वृंदावन से आये कलाकार आशीष सिंह ने तराना, होली आदि नृत्यों से उपस्थित श्रोताओं का दिल जीत लिया। इसी तरह पलक उपाध्याय के भरत नाट्यम ने तथा चक्रधर कत्थक कल्याण केन्द्र के कलाकारों के शास्त्रीय नृत्य ने समां बांध दिया। सुधी दर्शकगण देर रात्रि तक कार्यक्रम का आनंद लेते रहे। कार्यक्रम का सचालन डॉ. विकास अग्रवाल और सूत्रधार तुषार सिन्हा थे। 

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