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- मनरेगा से अभी 13.55 लाख लोगों को रोजगार – टी.एस. सिंहदेव।
- लॉक-डाउन अवधि में बड़ी संख्या में रोजगार से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती।
- कोटा से लौटने वाले विद्यार्थियों को रखा जाएगा 14 दिनों के क्वारेंटाइन में।
- पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा स्वास्थ्य मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से पत्रकार-वार्ता को किया संबोधित।
रायपुर : 26 अप्रैल 2020, छत्तीसगढ़ में मनरेगा के अंतर्गत शुरू किए कार्यों में अभी 13 लाख 55 हजार श्रमिक कार्य कर रहे हैं। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से भी गांवों में ज्यादा से ज्यादा लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने कई गतिविधियां शुरू की गई हैं। लॉक-डाउन अवधि में गांवों में ही लोगों को रोजगार मिलने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिल रही है।
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पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य एवं वाणिज्यिक कर मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पत्रकार-वार्ता को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग कोविड-19 से निपटने पूरी तरह मुस्तैद है और इसकी रोकथाम के लिए पूरी क्षमता से जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। इसके इलाज के लिए विशेषीकृत अस्पताल बनाने के साथ ही कई चिकित्सालयों में बिस्तर और आवश्यक सुविधाएं आरक्षित की जा रही हैं। राज्य भर में कुल साढ़े पांच हजार से अधिक बिस्तरों पर कोविड-19 के उपचार के लिए संसाधनों की व्यवस्था की जा रही है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए स्वास्थ्य, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और जीएसटी विभाग के कार्यों के बारे में मीडिया के साथियों से चर्चा की। स्वास्थ्य विभाग कोविड-19 से निपटने पूरी तरह मुस्तैद है और पूरी क्षमता से इसकी रोकथाम की व्यवस्था कर रही है। (1/2) pic.twitter.com/oZhuXeMbS4
— TS Singh Deo (@TS_SinghDeo) April 26, 2020
उन्होंने कहा कि राजस्थान के कोटा से आने वाले विद्यार्थियों को 14 दिनों के क्वारेंटाइन के बाद ही घर भेजा जाएगा। जिला प्रशासन एवं ग्राम पंचायतों के माध्यम से प्रदेश के प्रवासी मजदूरों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग कोरोना वायरस संक्रमण के नियंत्रण की व्यापक व्यवस्था के साथ ही नियमित स्वास्थ्य सेवाओं को भी पटरी पर लाने में लगा हुआ है। टीकाकरण और अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं कम से कम प्रभावित हो, ऐसी कोशिश की जा रही है। लॉक-डाउन लंबा खींचने की स्थिति में विभाग गांवों तक स्वयं पहुंचकर लोगों को इलाज मुहैया कराने के बारे में विचार कर रहा है। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 108 और 102 एंबुलेंस सेवा के साथ ही मरीजों को लाने-ले जाने के लिए पांच अतिरिक्त वाहनों की व्यवस्था रखी गई है।
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सिंहदेव ने जानकारी दी कि रैपिड जांच किट के माध्यम से सर्विलांस को पुख्ता किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश के सभी शासकीय मेडिकल कॉलेजों को एक-एक हजार किट और सभी जिलों को उनकी आबादी के हिसाब से आरडी किट उपलब्ध कराए गए हैं। कोविड-19 की जांच का दायरा बढ़ाने एम्स और रायपुर मेडिकल कॉलेज लैब में पूल-टेस्टिंग भी की जा रही है। विभाग द्वारा रायगढ़, बिलासपुर, अंबिकापुर और राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में भी कोरोना वायरस की जांच के लिए लैब स्थापित करने की दिशा में काम किया जा रहा है।
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पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री सिंहदेव ने कहा कि आकस्मिक जरूरत के हिसाब से सभी ग्राम पंचायतों में दो क्विंटल चावल रखवाए गए हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सड़कों और पुलों के निर्माण कार्य जल्द शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए स्थानीय ग्रामीणों और ठेकेदारों की सहमति ली जा रही है। मनरेगा कार्यों के अंतर्गत अभी गांवों में जल संरक्षण और जल संचय के कार्य प्राथमिकता से किए जा रहे हैं। कृषि संबंधी कार्यों को भी इससे जोड़ने और खेती के संसाधनों को मजबूत करने की भी कोशिश की जा रही है।
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सिंहदेव ने भारत सरकार से जीएसटी क्षतिपूर्ति की शेष राशि जल्द जारी करने की मांग की है। प्रदेश को पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 में नवम्बर-2019 तक की ही राशि मिली है। जीएसटी क्षतिपूर्ति के रूप में प्रदेश को दिसम्बर-2019 से मार्च-2020 के लिए एक हजार 554 करोड़ 43 लाख 50 हजार रूपए और मिलने हैं।
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