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पनप रहा अक्रोश: पांच माह बाद भी नहीं हटा अतिक्रमण, फिर जाम हुआ जैन मंदिर वाला नाला Featured

हद हो गई: पब्लिक न्यूसेंस की स्थिति निर्मित होने के बावजूद ध्यान नहीं दे रहा प्रशासन।

खैरागढ़. जैन मंदिर के बाजू वाला नाला फिर से जाम हो गया है।  निर्मल त्रिवेणी भवन से लगे हिस्से में तकरीबन पांच फीट तक पानी भर चुका है। वहां जलकुंभी उग आई है। इसके बावजूद प्रशासन नक्शे में नाला तलाश रहा है। जबकि दो माह पहले (12 दिसंबर) वार्डवासियों ने एसडीएम को पत्र लिखकर नाले को मूल स्वरूप में लाने और उस पर से अतिक्रमण हटाने के लिए आवेदन किया था।

पांच माह पहले अगस्त में हुई मूसलाधार बारिश से राजनांदगांव-कवर्धा मुख्य मार्ग पर स्थित जैन मंदिर के बाजू वाले नाले पर अतिक्रमण की पोल खुली थी। इसके बाद भी अधिकारी निष्क्रिय रहे। निवर्तमान पार्षद शेष नारायण यादव ने जेसीबी ले जाकर नाले पर बनी दीवार तुड़वाई। तब जाकर राहत मिली। इस प्राकृतिक आपदा के बाद छानबीन से पता चला कि नाले की दिशा मोड़कर इसे नाली में परिवर्तित कर दिया गया है।

राजस्व अफसरों के साथ नगर पालिका के अधिकारियों ने भी मौका मुआयना किया। सब इंजीनियर दीपाली तंबोली ने तो नाले पर अतिक्रमण स्वीकार कर लिया है। उन्होंने यह भी स्वीकारा है कि नाले पर अतिक्रमण भवन अनुज्ञा की शर्त-3 और शर्त-14 का खुला उल्लंघन है, लेकिन पालिका ने अब तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की।

इधर मौके पर राजस्व का अमला भी पहुंचा था, लेकिन उन्होंने आंखों से दिखने वाले नाले को नकार दिया और नक्शे में नाला ढूंढने की जिद लेकर बैठ गए। अध्यक्ष-उपाध्यक्ष सहित 97 फीसदी लोगों के कथन भी प्रशासन को नहीं डिगा पाए। इसलिए एक बार फिर यह नाला वार्डवासियों की परेशानी का सबब बन गया है।

बिंदुवार समझें कैसे सबकुछ जानकर अंजान बन रहा प्रशासन

0 जैन मंदिर के बाजू वाले नाले पर मोटा स्लैब डालकर उस पर दुकान बना दिया गया है और बाजू में तीन मंजिला बिल्डिंग तानी जा रही है। यह भवन अनुज्ञा की शर्तों का उल्लंघन है।

0 विश्वविद्यालय परिसर में हिस्से नाले के हिस्से की चौड़ाई से जैन मंदिर के बाजू वाले हिस्से की तुलना करने पर इसके सकरा होने का प्रमाण मिलता है, यानी नाला अपने मूलस्वरूप में नहीं है।

0 भीतर नाले की दिशा बदलकर रुढ़ि पत्रक की धारा 203/204 के साथ सुखाधिकार की धारा 131, 132 और 133 का भी उल्लंघन किया गया है, जिसमें स्पष्ट है कि नदी-नाले को रोक कर बाधा पहुंचाने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

0 प्लाट का डायवर्सन करते समय मौका मुआयना करने वाले पटवारी व आरआई ने भी नगरीय क्षेत्रों के अधिकार अभिलेख के कॉलम-12 कैफियत में इसका उल्लेख नहीं किया, किन्तु यह खामियां अफसरों को नजर नहीं आ रहीं।

नियमों का उल्लंघन कर धड़ल्ले से चल रहा बिल्डिंग का काम

नगर पालिका के अफसर अतिक्रमण स्वीकारने के बावजूद कार्रवाई से परहेज कर रहे हैं। इधर व्यवसायी शैलेंद्र पिता कुशालचंद जैन के नाम से लिए गए भवन अनुज्ञा के तहत बिल्डिंग का निर्माण धड़ल्ले से जारी है। नगर पालिका के अफसरों ने नोटिस भी जारी नहीं की है। अब सब इंजीनियर दीपाली तंबोली का कहना है कि वहां नाले को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। राजस्व विभाग ही इस बारे में कुछ बताएगा।

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Last modified on Thursday, 11 February 2021 17:54

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