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Big Conspiracy : डायवर्सन से पहले देखा, पर नहीं लिखा नाला, आरआई बोले- पटवारी का दोष, तहसीलदार खामोश!

Khairagarh: जैन मंदिर के बाजू वाले नाले को लेकर राजस्व अमले की भूमिका संदिग्ध, इसीलिए नहीं हो रही कार्रवाई।

खैरागढ़. राजनांदगांव-कवर्धा मुख्य मार्ग पर स्थित जैन मंदिर का नाला रियासतकाल से है, लेकिन अधिकार अभिलेख के कॉलम-12 में इसका उल्लेख ही नहीं किया गया। प्लाट डायवर्सन से पहले आरआई की नजर पड़ी जरूर, लेकिन पिछले दस्तावेजों में हुई गलती उन्होंने भी नहीं सुधारी। Khairagarh पालिका का प्रमाण: नाले पर हुआ है अवैध निर्माण, पहले तोड़ी दीवार, अब तोड़ेंगे दुकान!

यही कारण है कि मौके पर तो नाला है, लेकिन नक्शे में नहीं। कमाल की बात ये है कि नगर पंचायत के समय इस नाले को पत्थर से बांधकर पक्का बनाने की कवायद हुई। सरकारी रकम खर्च की गई। तब भी दस्तावेजों में नाले का उल्लेख नहीं किया गया।

लाल घेरे में खसरा नंबर 236 की जमीन है, लेकिन इसमें नाले की रेखा नहीं है।

राजस्व विभाग के अफसरों को मानें तो अधिकार अभिलेख के कॉलम-3 और 4 में संशोधन होने पर कॉलम-12 में इसका उल्लेख किया जाता है। अतिक्रमण और फसल की प्रविष्टि भी इसी के अनुसार भरी जाती है। लेकिन जैन मंदिर के बाजू वाले नाले का उल्लेख ही नहीं किया गया। 

जीर्णशीर्ण अवस्था में है 2004 में बनाया गया नक्शा

जानकारी के अनुसार 2004 में तत्कालीन पटवारी द्वारा बनाया गया नक्शा जीर्णशीर्ण अवस्था में है। हालांकि उसमें भी नाले की रेखा नहीं खींची गई है। अधिकार अभिलेख में भी इसका उल्लेख नहीं किया गया है। हालांकि संगीत विश्वविद्यालय परिसर में इसी नाले के मूल स्वरूप को संजोकर रखा गया है, लेकिन परिसर के बाहर रिकॉर्ड की कमजोरी का फायदा उठाकर नाले को भी पाट दिया गया।

नगर पंचायत ने बनाया पर राजस्व ने कॉलम-12 में नहीं बताया

ताज्जुब इस बात का है कि तब नगर पंचायत ने उसी नाले को दुरुस्त किया था। बताते हैं कि पत्थर का पक्का नाला बनाया गया। सरकारी राशि खर्च की गई, लेकिन तत्कालीन पटवारी कॉलम-12 में इसका उल्लेख नहीं किया। नगर पंचायत के अफसरों ने भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं ली।

आरआई सुभाष खोब्रागढ़े ने कहा- पटवारी को है पॉवर

सवाल: आप मुझे ये बताइए कि जब आपने शैलेंद्र जैन के प्लाट का डायवर्सन करने मौका निरीक्षण किया तो वहां नाला था क्या?

जवाब: पीछे था ना, नाला!

सवाल: पीछे नहीं, मैं जैन मंदिर के बाजू वाले नाले की बात कर रहा हूं?

जवाब: अच्छा सामने, जहां नगर पालिका वाले कुछ बनाए हैं वही!

सवाल: हां वही। तब आपने कॉलम-12 में इसका उल्लेख किया था क्या?

जवाब: कॉलम-12 में तो पटवारी भरता है। खसरा में पटवारी ही उल्लेख करता है। पटवारी को पॉवर है। वह कोई बड़ी बात नहीं है।

अफसर कहेंगे तो दर्ज कर सकते हैं

पटवारी कृष्णा पटेल का कहना है कि नाला पुराना है, और मैं नया हूं। कॉलम नंबर 12 में इसका उल्लेख मेरे आने से पहले होना चाहिए था। मैं अचानक दर्ज नहीं कर सकता। अगर उच्चाधिकारियों का आदेश होगा कि यह प्राकृतिक नाला है और उसे रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए तो प्रकरण का उल्लेख करते हुए दर्ज कर सकते हैं। इसे पढक़र जानें क्या है पूरा मामला... देखिए मैडम... अध्यक्ष-उपाध्यक्ष सहित 96.7% ने देखा है बहता हुआ नाला, 80% मान रहे नक्शे से गायब होना साजिश

 

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Last modified on Wednesday, 09 September 2020 06:43

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