×

Warning

JUser: :_load: Unable to load user with ID: 807

वार्डवासियों ने एसडीएम को लिखा- नाले पर अतिक्रमण पब्लिक न्यूसेंस और राजस्व मंत्री को भी भेजी प्रतिलिपि Featured

खैरागढ़ एसडीएम को किए बिंदुवार आवेदन कर राजस्व व नगरीय प्रशासन मंत्री सहित प्रमुख सचिव और कलेक्टर को भेजी प्रतिलिपि।

खैरागढ़ में मुख्य मार्ग पर जैन मंदिर के बाजू वाले नाले नाले पर अतिक्रमण को प्रशासन नजरअंदाल कर रहा है, लेकिन वार्डवासी जाग गए हैं। उन्होंने एसडीएम को आवेदन लिखकर इसे पब्लिक न्यूसेंस करार दिया है और िनवेदन किया है कि विधि सम्मत कार्रवाई अतिक्रमण हटवाएं व नाले को मूल स्वरूप में लाएं।

यह भी पढ़ें: सांसद पांडेय बोले- किसानों के प्रदर्शन में अर्बन नक्सली भी… पढ़िए सोनिया गांधी और योगेंद्र यादव के बारे में क्या कहा…

वार्डवासियों ने बिंदुवार आवेदन लिखकर वस्तुस्थिति का उल्लेख करते हुए आवेदन की कॉपी राजस्व मंत्री, नगरीय प्रशासन मंत्री, प्रमुख सचिव व कलेक्टर को भी भेजी है। उन्होंने स्पष्ट लिखा है कि नाला रियासतकालीन है, लेकिन खबरों से पता चला कि राजस्व नक्शे में यह दर्ज नहीं। नाले की बाजू वाली जमीन का डायवर्सन करते वक्त भी नगरीय क्षेत्रों के अधिकार अभिलेख के कॉलम-12 कैफियत में इसका उल्लेख नहीं किया गया।

इसके अलावा नाले पर अतिक्रमण भवन अनुज्ञा की शर्त-3 और 14 का खुला उल्लंघन है। इसके बावजूद नगर पालिका किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर रही है, न अतिक्रमण हटाया जा रहा है। जबकि इसी नाले को पूरा बनाने का प्रस्ताव भी है।

यह भी पढ़ें: सांसद पांडेय बोले- किसानों के प्रदर्शन में अर्बन नक्सली भी… पढ़िए सोनिया गांधी और योगेंद्र यादव के बारे में क्या कहा…

वार्डवासियों का कहना है कि इसी नाले के जरिए अटल उद्यान, सिविल लाइन, राजफेमली, टिकरापारा आदि का पानी मोती नाले में मिलता था। 2005-06 में आई बाढ़ के दौरान इसी नाले के उफान पर होने से टिकरापारा के ज्यादातर घरों में पानी भरा था।

विश्वविद्यालय के भीतर और बाहर देखने से ही पता चल जाता है कि नाले के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ की गई है। जैन मंदिर के बाजू में नाले पर दुकान बना दी गई है। नाले को नाली बनाकर डायवर्ट किया गया है और आधा नाला पाट दिया गया है।

Rate this item
(1 Vote)
Last modified on Saturday, 12 December 2020 17:33

Leave a comment

Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.