केसीजी जिले के महिला बाल विकास विभाग में सुपरवाईजर-अधिकारी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मिलकर बच्चो को मिलने वाले गर्म भोजन में लाखो का फर्जी वाड़ा कर शासन को नुकसान पहुंचा रहे है। आरटीआई कार्यकर्ता उमेश्वर वर्मा द्वारा महिला बाल विकास विभाग में आरटीआई लगाकर आंगनबाड़ी के बच्चो को मिलने वाले गर्म भोजन की जानकारी मांगी गई थी। दस्तावेज को पढने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ, सुपरवाईजर और अधिकारी मिलकर आंगनबाड़ी मे दर्ज संख्या से अधिक बच्चो को भोजन कराने के नाम पर फर्जी वाड़ा किया है।
रिकार्ड के अनुसार ठेलकाडीह सेक्टर के सिंगारपुर आंगनबाड़ी केन्द्र क्रमांक 2 में मई 2023 में 28 बच्चे दर्ज थे। और उस माह 25 दिवस आंगनबाड़ी में बच्चो को गर्म भोजन वितरण किया गया था। इस हिसाब से प्रतिदिन पूरा बच्चे भोजन करते तो 700 पोषण दिवस होता लेकिन विभाग के सुपरवाईजर और कार्यकर्ता मिलकर बढ़ी चतुराई से 1398 पोषण दिवस की फर्जी रिपोर्ट बनाकर 6291 रूपए समूह की खाते में भुगतान कर दिया। पोषण दिवस के हिसाब से मई माह में प्रतिदिन औसतन 56 बच्चो ने भोजन किया है। सवाल यह उठ रहे है कि आं बा. में जब 28 बच्चे दर्ज है तो प्रतिदिन 56 बच्चे कैसे भोजन कर सकते है।
वही अप्रैल 2023 में अचानक से 43 बच्चो का दर्ज बताया गया जबकि सालभर बच्चो की दर्ज संख्या 25 से अधिक नही गया है। इस माह दर्ज संख्या में फर्जीवाड़ा करने के बाद मन नही भरा और और प्रतिदिन औसतन 63 बच्चो को भोजन कराने फर्जी रिर्पोट पेश कर सुपरवाईजर द्वारा समूह को लाभ पहुचाया गया। मार्च, जनवरी और नवम्बर में अंबा में दर्ज संख्या से अधिक बच्चो को गर्म भोजन कराने के नाम पर फर्जीवाड़ा किया है।
विचारपुर केन्द्र क्रमांक 2 में 25 दर्ज को 64 बच्चो की दर्ज बताकर निकाले हजारो रूपए
विचारपुर के आंगनबाड़ी केन्द्र में भी फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया है। यह भी दर्ज बच्चो से अधिक को भोजन कराने के नाम पर फर्जीवाड़ा कर लाखो को अंजाम दिया है। यह भी मई में 64, अप्रैल मे 62, मार्च मे 49, जनवरी मे 41 बच्चो को औसतन भोजन कराने के नाम पर लाखो रूपए निकाले है। जबकि आंगन बाड़ी मे दर्ज संख्या ही 20 है।
रिकार्ड को सुपरवाईजर करते माॅनिटिरिंग
आंगनबाड़ी मे जो भी रिकार्ड बनता है उसे माॅनिटिरिंग की जिम्मेदारी सुपरवाईजर की रहती है गर्म भोजन की गोस्वारा सुपरवाईजर द्वारा की अंबा से दर्ज और उपास्थिति का जानकारी लेकर बनाया जाता है। और सुपरवाईजर द्वारा बनाए गए गोस्वारा के हिसाब से ही अंबा को संचालन कर्ता समूह को भुगतान होता है लेकिन सेक्टर के सुपरवाईजर समूह से सेटिंग कर रूपए के लालच मे गलत रिकार्ड बनाकर समूह के खाते में अधिक रूपए डाल रहे है। खाते में रूपए का भुगतान होने पर समूह के अध्यक्ष को रूपए को मांग लेते है।
इन आंगनबाड़ी केन्द्रो मे भी गडबड़ी
सिंगारपुर, विचारपुर के अलावा, चारभाठ, मरकामटोला, तुलसीपुर, महरूमकला, छेछानपहरी, गोपालखुर्द, ठेलकाडीह, तिलाई भाठ, पचपेडी सहित अन्य अंबा केन्द्र में भी सुपरवाईजारो ने भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है।
शिकायत आयेगा तो विभागीय जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
प्रीत राम ख़ुटेल, जिला परियोजना अधिकारी