लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में कोविड़-19 के 6 या उससे अधिक मामलों वाले 15 जिलों के अत्यधिक प्रभावित इलाकों को सील करने के आदेश दिए हैं। ये इलाके 15 अप्रैल तक सील कर दिए गए हैं। अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद और पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी ने पत्रवार्ता में इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के 15 जिलों के गंभीर रूप से संक्रमित इलाकों को सील करने का निर्देश दिया है। अब ऐसे जिलों के हॉटस्पॉट इलाकों के अलावा बाकी जगहों पर साधारण लॉकडाउन लागू रहेगा। सील की यह प्रक्रिया बुधवार रात 12 बजे से लागू हो गई है। यही नहीं प्रदेश सरकार ने 30 अप्रैल तक घर से बाहर निकलने के दौरान मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है।
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जानिए उत्तर प्रदेश में कहां कितने हॉटस्पॉट
15 जिलों के हॉटस्पॉट इलाकों को बुधवार की रात 12 बजे से 15 अप्रैल की सुबह तक के लिए पूरी तरह सील कर दिया जाएगा। आगरा में 22, गाजियाबाद में 13, गौतमबुद्धनगर में 12, कानुपर नगर में 12, वाराणसी में 4, शामली में 3, मेरठ में 7, बरेली में एक, बुलंदशहर में 3, बस्ती में 3, फिरोजबाद में 3, सहारनपुर में 4, महाराजगंज में 3, सीतापुर में एक और लखनऊ में 12 हॉटस्पॉट को चिह्नित किया गया है। सील किए गए इलाकों में 100 प्रतिशत लॉकडाउन का पालन करना होगा। लोगों को एक मोहल्ले से दूसरे मोहल्ले में भी जाने की इजाजत नहीं होगी।
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जानिए लॉकडाउन है, फिर हॉटस्पॉट सील क्यों?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटों में कोरोना के 773 नए मामले सामने आए हैं, 32 लोगों की मौत हुई है। देश में 5 हजार से ज्यादा पॉजिटिव मामले हैं, 150 मारे जा चुके हैं। 21 दिन के लॉकडाउन के बावजूद मामले बढ़ते जा रहे हैं। उत्तरप्रदेश में भी संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। इसीलिए हॉटस्पॉट सील करने का निर्णय लिया गया है। लॉकडाउन के दौरान, जरूरी सामान लेने बाहर जा सकते हैं। फल, सब्जियां, राधन, दूध, दवाइयों के लिए बाहर जाने की इजाजत होती है। इमरजेंसी सर्विसेज चलती रहती हैं। मगर बेवजह घरों से निकलने पर कानूनी रोक है।
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अब दूध-राशन भी नहीं मिलेगा
अब हॉटस्पॉट इलाकों में घरों से बाहर निकलने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है। दूध-राशन के लिए भी नहीं निकल पाएंगे। डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग होगी। संदिग्धों के सैंपल लिए जाएंगे। हर पॉजिटिव केस की कान्ट्रेक्ट ट्रेसिंग होगी ताकि कोई छूट ना जाए। कुछ मिलाकर इन इलाकों को बाकी दुनिया से भौतिक रूप से काट दिया गया है, ताकि संक्रमण इन इलाकों से बाहर ना जाए। कई जिलों में हालात ऐसे बने कि पूरे जिले को सील करना पड़ा। भीलवाड़ा और इंदौर इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं।
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