The RAGNEETI is periodical magazine and the news portal of central India with the political tone and the noise of issues. Everything is in this RAGNEETI. info@ragneeti.co.in
Owner/Director : Bhagwat Sharan Singh
Office Address : New Bus Stand, Shiv Mandir Road, Khairagarh. C.G
हेमा देशमुख महापौर ने भगवान श्री रामचंद्र जी की आरती उतार कर की सुख समृद्धि ,खुशहाली की कामना
राजनांदगांव. ग्राम खैरा के पंडाल में बैठकर श्रीमती हेमा सुदेश देशमुख महापौर राजनांदगांव ने कथा श्रवण किया।तत्पश्चात् भगवान श्री रामचंद्र जी की आरती उतार कर सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की। श्रीमती हेमा देशमुख जी को आयोजक समिति एवं ग्रामीण जनों ने पुष्पगुच्छ,बैच ,श्रीराम गमछा एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। ग्राम खैरा (कन्हारपुरी) में समस्त ग्राम वासियों के तत्वाधान में दो दिवसीय राम कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया।इस अवसर पर मुख्य वक्ता राजहंस भरद्वाज मानस मर्मज्ञ के मुखारविंद से किया गया। कथा व्यास पीठ से श्री राजहंस भरद्वाज ने कहा कि सबसे ज्यादा पढ़ने वाला ग्रंथ रामायण है। रामायण में सब कुछ है ,जीवन जीने की कला, रिश्ता निभाने की कला, स्वामी विवेकानन्द जी ने विदेश में भी रामायण की महिमा बताई, भरतीय संस्कृति को बताया तो विदेशियों के जिंदगी में परिवर्तन आ गया, धन्य है ऐसे स्वामी विवेकानंद जी जिन्होंने विदेशों में भी रामायण की कथा कहीं, भारत की मिट्टी,मिट्टी नहीं है चंदन है। रामायण के माध्यम से विदेशों में भी भारतीय संस्कृति का प्रचार किया। राजहंस भारद्वाज जी ने आगे कहा कि राम कथा में सब है, राम कथा समुद्र है, जीवन में उतारना चाहिए, सबसे भाग्यशाली है मनुष्य, छल कपट से कमाए गए धन अंतिम में दुख देता है। हमारे देश में संत और सिपाही के पास धैर्य और संतोष है।भगवान श्री राम से प्रेरणा लेनी चाहिए, राम धैर्य और संतोष का नाम है। कलयुग केवल नाम अधारा है। इस कली काल में भगवान का नाम ही आधार है ।कथा व्यास पीठ से राजहंस भरद्वाज ने कहा कि कलयुग में औषधि है सत्संग ।संत के वाणी से मन पवित्र हो जाते हैं आंख ज्ञान का भाव है और पैर भक्ति है। स्वार्थ से ऊपर उठकर निस्वार्थ सेवा करना चाहिए। अच्छे हाथ पिता और सद्गुरु के हाथों में दे देना चाहिए।धन्य है जिनके घर में बेटियां हैं ।रामकथा को अपने जीवन में उतारे ,माता-पिता सास-ससुर का आज्ञा का पालन करें, मेहनत का मीठा होता है।लक्ष्मण की त्याग की कथा सुनाई और श्रवण की मार्मिक कथा सुनकर सबके आँखे अश्रु से भीग गया।भरत की त्याग की कथा सुनाई।उक्त जानकारी चैतराम साहू एवं रूपेंद्र साहू ने दी।