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रायपुर. वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने राज्य में चालू वर्ष 2020 में तेन्दूपत्ता संग्रहण कार्य के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में इस वर्ष लगभग 16 लाख 71 हजार मानक बोरा तेन्दूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य निर्धारित है। इससे लगभग 12 लाख 53 हजार वनवासी-ग्रामीण गरीब परिवार लाभान्वित होंगे। अकबर ने विभागीय अधिकारियों को तेन्दूपत्ता संग्रहण में शासन द्वारा जारी निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित कर संग्राहकों को अधिक से अधिक लाभ दिलाए जाने के लिए भी कहा है। प्रदेश में वर्ष 2020 में शासकीय भूमि से तेन्दूपत्ता का संग्रहण दर 4 हजार रूपए प्रति मानक बोरा निर्धारित है।
इस संबंध में प्रमुख सचिव (वन) मनोज पिंगुआ द्वारा तेन्दूपत्ता संग्रहण के सुचारू संचालन के लिए शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों से राज्य के समस्त कलेक्टर और वन मंडलाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। इसके तहत उन्होंने संबंधित अधिकारियों को अपने-अपने जिले तथा वन मंडलों में हर आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया है। इनमें प्रत्येक फड़ पर शीघ्र फड़ अभिरक्षक की नियुक्ति सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। इसी तरह पोषण अधिकारी तथा जोनल अधिकारियों की नियुक्ति के संबंध में भी आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। इनमें पोषण अधिकारी की नियुक्ति 20 अप्रैल तक हर हालत में सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा शाखकर्तन कार्य का भली-भाति संचालन और वनों की अवैध कटाई तथा अग्नि से कोई हानि ना होने पाये, इसका विशेष रूप से ध्यान रखने के लिए निर्देश दिया गया है।
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चालू वर्ष में लगभग 17 लाख मानक बोरा तेन्दूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य : जोनल अधिकारी, पोषक अधिकारी तथा फड़ अभिरक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि एक फड़ का पत्ता दूसरे फड़ पर कदापि ना जाए तथा कोई अवैध फड़ क्रेता अथवा किसी व्यक्ति के द्वारा ना लगाई जाए। यदि समीपवर्ती समिति में अग्रिम में क्रेता नियुक्त हैं तो जिन समितियों में अग्रिम में क्रेता नियुक्त नहीं हैं इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। इनको यह भी सुनिश्चित करना है कि अग्रिम में नियुक्त क्रेता केवल उसी मात्रा का उपचारण, बोरा भर्ती तथा परिवहन करे जो कि उसकी प्राथमिक समिति के द्वारा फड़ विशेष पर प्रदाय की गई है। यह भी अवगत कराया गया है कि संग्रहण वर्ष 2020 के लिए तेन्दूपत्ता संग्रहण से संबंधित विभिन्न कार्यों पर किये जाने वाले व्ययों के मापदण्ड संघ मुख्यालय से निर्धारित किए गए हैं।
विगत वर्षों में तेन्दूपत्ता संग्रहण के दौरान यह देखने में आया है कि जिला यूनियन से प्राथमिक वन समितियों के खातों में राशि के हस्तांतरण के उपरांत भी बहुत समय तक नकद राशि बैंक की स्थानीय शाखा में उपलब्ध नहीं हो पाती है। इस कारण भुगतान में विलम्ब होता है। इसके मद्देनजर बैंकों से अपेक्षा की गई है कि उनके जिला स्थित मुख्यालय से बैंकों की स्थानीय शाखा तक नगद राशि की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाए ताकि संग्राहकों को भुगतान में विलम्ब ना हो। शासन द्वारा जारी निर्देश में यह भी अवगत कराया गया है कि तेन्दूपत्ता क्रय करते समय तेन्दूपत्ता की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। किसी भी हालत में कटा-फटा, दाग वाला, बहुत छोटा तथा कच्चा पत्ता कदापि क्रय नहीं किया जाए। गड्डियों में पत्तों की संख्या भी 48 से कम तथा 52 से अधिक नहीं होनी चाहिए।
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इसी तरह संग्रहण कार्य में लगे फड़ मुंशियों, कर्मचारियों तथा अधिकारियों को पर्याप्त प्रशिक्षण दिया जाए तथा संग्राहकों को भी उचित मार्गदर्शन दिया जाए। तेन्दूपत्ता क्रय की प्रविष्टि संग्राहक कार्ड में प्रत्येक दिन अवश्य की जाए और भुगतान की प्रविष्टि भी संग्राहक कार्ड में की जाए। यह कार्ड संग्राहक के पास रहेगा। इसके अलावा वर्तमान में लॉकडाउन के ध्यान में रखते हुए जारी निर्देशों का भी पालन सुनिश्चित किया जाए। इसके तहत समस्त फड़ मुंशियों तथा फड़ अभिरक्षकों को तेन्दूपत्ता संग्रहण के पूर्व कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार कर समस्त संग्राहकों को जागरूक करने के लिए कहा गया है। संग्राहक तेन्दूपत्ता संग्रहण के दौरान मास्क पहनकर कर तथा एक-दूसरे से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाकर संग्रहण करेंगे। उनके द्वारा संग्रहण पश्चात अनिवार्य रूप से साबुन से हाथ धोया जाएगा। संग्रहित पत्ता फड़ पर देते समय भी अनिवार्य रूप से मास्क को पहना जाना है।
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