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झूठ का पर्दाफाश: नर्स का बयान- हॉस्पिटल की आईपीडी में राउंड लगाते थे डॉ. साहू, केस शीट पर है उनकी हैंडराइटिंग भी… Featured

खैरागढ़ के माधव मेमोरियल हॉस्पिटल का मामला, नायब तहसीलदार के सामने हुआ नर्सों का बयान।

खैरागढ़. माधव मेमोरियल हॉस्पिटल के संचालक के झूठ की परतें खुलती जा रही हैं। वहीं के स्टाफ नर्स के बयान से पता चला है कि डॉ. दुग्धेश्वर साहू न केवल रोजा आईपीडी में राउंड पर आते थे, बल्कि उपचार भी किया करते थे। केस शीट पर उनकी हैंडराइटिंग की पुष्टि भी नर्स ने की है।

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गुरुवार (4 फरवरी) को स्टाफ नर्स दुर्पत बंजारे और पार्वती वर्मा (एएनएम) बयान देने पहुंचीं। नर्स दुर्पत बंजारे ने नायब तहसीलदार लीलाधर कंवर और वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. पीएस परिहार को बताया कि हॉस्पिटल की आईपीडी आरएमए डॉ. शैलेष बंजारे के भरोसे रहती थी। वे ही मरीजों का इलाज किया करते थे। इस दौरान हॉस्पिटल संचालक डॉ. दुग्धेश्वर साहू भी राउंड पर आते थे।

जब नर्स को जब्त की गई केस शीट दिखाई गई तो उन्होंने अपने हस्ताक्षर की पुष्टि की और उसमें मौजूद हैंडराइटिंग को पहचाना। नर्स बंजारे ने कहा कि केस शीट में डॉ. साहू और डॉ. आशुतोष भारती की हैंडराइटिंग है। हालांकि डॉ. भारती पहले ही कह चुके हैं कि वे दो-चार बार ही हॉस्पिटल आए थे।

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अब संचालक डॉ. साहू का बयान से परखें सच-झूठ

डॉ. दुग्धेश्वर साहू ने अपने बयान में कहा है, ‘माधव मेमोरियल हॉस्पिटल को नर्सिंग होम एक्ट के तहत हाेम्योपैथी प्रैक्टिस की भी अनुमति थी, इसलिए हॉस्पिटल के अलग केबिन में जाकर बैठता था। चूंकि मैं खैरागढ़ के पास के ही गांव का निवासी हूं, इसलिए हॉस्पिटल को मैनेज करता था, परन्तु अस्पताल के चिकित्सकीय कार्य में मेरा कोई हस्तक्षेप नहीं था।’

इससे पहले संचालक डॉ. साहू ने यह भी कहा था कि हॉस्पिटल की मशीनें पहले मेडिकल डायरेक्टर डॉ. अभिषेक बंजारे ने खरीदी हैं, और जाते-जाते उन्होंने पूरे हॉस्पिटल का संचालन डॉ. निशिकांत शर्मा को सौंप दिया था, लेकिन डॉ. अभिषेक बंजारे ने इसे सिरे से नकार दिया। उन्होंने कहा कि वे महीने 25000 रुपए के वेतन पर हॉस्पिटल में जॉब करते थे। मशीनों से उनका कोई लेना देना नहीं है।

एक्स-रे मशीन चलाने वालों पर भी कसेगा शिकंजा

हॉस्पिटल में बॉयल आपरेटस मिलने के बाद से अन्य मशीनों की उपलब्धता और उन्हें ऑपरेट करने के पैमाने पर भी छानबीन शुरू हो गई है। बताया गया कि माधव मेमोरियल हॉस्पिटल में एक्स-रे मशीन भी थी। बिना रेडियोलॉजिस्ट इसका उपयोग किया जाता रहा। इसके अलावा आवश्यक सावधानियां भी नहीं बरती गईं। फिलहाल यह मशीन हॉस्पिटल में नहीं है। जांच टीम इससे संबंधित जानकारियां भी खंगाल रही है।

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पूर्व के डायरेक्टरों से हो सकती है पूछताछ

रागनीति से हुई बातचीत में पूर्व मेडिकल डायरेक्टर डॉ. अभिषेक बंजारे के खुलासे बाद जांच टीम ने उनके अलावा डॉ. निशिकांत शर्मा से भी पूछताछ के बिंदु तय किए हैं। डॉ. आशुतोष भारती और डॉ. दुग्धेश्वर साहू का बयान विरोधाभासी है। नर्स के बयान से पुष्टि हो चुकी है कि डॉ. साहू न केवल आईपीडी में दखल रखते थे, बल्कि केस शीट पर दवाएं भी लिखा करते थे।

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यहां पढ़िए, ये है पूरा मामला

घाघरा कैंप के सीएएफ आरक्षक मोतीलाल यादव की शिकायत के 10 दिन बाद हुई छापेमार कार्रवाई में माधव मेमोरियल हॉस्पिटल के फर्जीवाड़े की परतें खुल गईं। इसके बाद हॉस्पिटल को सील किए 20 दिन से ज्यादा हो चुके हैं। सबसे पहले मेडिकल डायरेक्टर डॉ. आशुतोष भारती का बयान लिया गया। इसके बाद संचालक डॉ. दुग्धेश्वर साहू से उनका कथन लिखवाया गया। हालही में दो दिन पहले दो नर्सों के बयान लिए गए। आरएमए डॉ. शैलेष बंजारे का बयान अभी बाकी है।

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