खैरागढ़: माधव मेमोरियल हॉस्पिटल के संचालक डॉ. दुग्धेश्वर साहू ने मेडिकल डायरेक्टरों को ठहराया है लेनदेन का जिम्मेदार, अब जानिए क्या कह रहे हैं पहले डॉयरेक्टर डॉ. अभिषेक बंजारे…
माधव मेमोरियल हॉस्पिटल में छापेमार कार्रवाई के बाद कई गड़बड़ियां सामने आईं, लेकिन रविवार (24 जनवरी) को नायब तहसीलदार के सामने दिए अपने बयान में संचालक डॉ. दुग्धेश्वर साहू ने सारा दोष मेडिकल डायरेक्टरों पर मढ़ दिया। वहीं रागनीति से बातचीत में हॉस्पिटल के पहले डायरेक्टर डॉ. अभिषेक बंजारे ने प्रबंधन की पोल खोल दी।
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डॉ. बंजारे का कहना है कि वह किसी एजेंट सौरभ के जरिए माधव मेमोरियल के संचालक (डॉ. साहू) से मिले थे। तब सप्ताह में चार दिन ओपीडी में बैठने की बात हुई थी। इसके लिए उन्हें 25 हजार रुपए महीने की सैलरी दी जा रही थी। उन्होंने 12 महीने काम किया। इसके बाद उनकी सरकारी नौकरी लग गई। फिलहाल वे बालोद के जिला अस्पताल में पदस्थ हैं।
डॉ. बंजारे ने बताया कि उन्होंने 2018 में हॉस्पिटल ज्वाइन किया था, तब वहां आईपीडी में मरीज नहीं थी। ओपीडी ही चला करती थी और खुद संचालक (डॉ. साहू) भी ओपीडी देखते थे। हॉस्पिटल में खरीदी गई मशीनों के बारे में उन्हें कोई भी जानकारी नहीं है और न ही स्टाफ की नियुक्तियां उन्होंने कीं।
डॉ. बंजारे ने बातचीत में यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह किसी भी तरह के आर्थिक लेनदेन में शामिल नहीं थे। हॉस्पिटल का पूरा संचालन डॉ. साहू ही किया करते थे। वह तो यह भी नहीं जानते कि उनके बाद मेडिकल डायरेक्टर की जिम्मेदारी किसे दी गई। जबकि डॉ. दुग्धेश्वर का कहना है कि डॉ. बंजारे ने ही डॉ. निशिकांत शर्मा को संचालन की जिम्मेदारी सौंपी थी।
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