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डॉक्टर का दांव: खुद को बताया हॉस्पिटल बिल्डिंग का मालिक और एमबीबीएस डिग्रीधारी पर मढ़ा सारा दोष

डॉक्टर का दांव: खुद को बताया हॉस्पिटल बिल्डिंग का मालिक और एमबीबीएस डिग्रीधारी पर मढ़ा सारा दोष फाइल फोटो

खैरागढ़ के किल्लापारा में स्थित माधव मेमोरियल हॉस्पिटल का मामला, नायब तहसीलदार ने लिया संचालक डॉ. दुग्धेश्वर साहू का बयान।

खैरागढ़. माधव मेमोरियल हॉस्पिटल के संचालक ने जिस एमबीबीएस डॉक्टर की डिग्री को आधार बनाया, उसी पर सारा दोष मढ़ दिया। नायब तहसीलदार के सामने दिए अपने बयान में डॉ. दुग्धेश्वर साहू ने कहा है कि डॉ. आशुतोष भारती ही उसके पास आए थे। दोनों के बीच हुए करार में पांच फीसदी हिस्सा डॉ. भारती को देने की बात हुई थी। डॉ. साहू के अनुसार बिल्डिंग का किराया भी प्रॉफिट में से ही लेना तय किया गया था।

डॉ. साहू का कहना है कि हॉस्पिटल के गतिविधियों की पूरी जिम्मेदारी डॉ. भारती की थी। इसका मतलब ये है कि हॉस्पिटल में मरीजों की भर्ती, ऑपरेशन और बिना डिग्री वाले स्टॉफ से संबंधित सारे प्रश्नों के उत्तर डॉ. भारती से लिए जाएं। इससे पहले डॉ. आशुतोष भारती का बयान भी हो चुका है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट कहा था कि वे हॉस्पिटल की तमाम गतिविधियों से अनभिज्ञ हैं।

नायब तहसीलदार लीलाधर कंवर के सामने ही वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. पीएस परिहार ने सवाल-जवाब किए थे, जिसमें हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. भारती ने साफ कहा था कि वे दो-तीन महीने से हॉस्पिटल ही नहीं आए हैं। उन्हीं के जरिए मालूम पड़ा कि दुर्ग के गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. कृष्णकांत डहरिया और रायपुर के डॉ. वैभव सिंह भी हॉस्पिटल में काम करते हैं।

ड्रग डिपार्टमेंट से नहीं आई रिपोर्ट

माधव मेमोरियल हॉस्पिटल में छापेमारी के दौरान ड्रग इंस्पेक्टर भी टीम में शामिल थे। वे भी दवा दुकान से सैंपल ले गए थे, लेकिन दवा दुकान से अब तक कोई रिपोर्ट नहीं आई है। ड्रग इंस्पेक्टर की रिपोर्ट से दवा दुकान के लेनदेन का पता चलेगा।

नर्स का लिया जाएगा बयान

डॉ. परिहार ने बताया कि डॉ. दुग्धेश्वर साहू के अलावा हॉस्पिटल की रिसेप्शनिस्ट का बयान हो चुका है। अभी नर्स का बयान लेना बाकी है, जिसकी हैंडराइटिंग रजिस्टर में है। इसके बाद जांच रिपोर्ट एसडीएम को सौंप दी जाएगी।

हॉस्पिटल में हुई कार्रवाई को सिलसिलेवार समझिए

30 दिसंबर: CAF कैंप घाघरा के आरक्षक ने एसडीएम को लिखित शिकायत कर माधव मेमोरियल हॉस्पिटल की अनियमितताओं के बारे में बताया।

11 जनवरी: शिकायत के 13 दिन बाद इसका खुलासा हुआ, जिसमें इस बात के सबूत मिले की हॉस्पिटल की पर्ची में डॉक्टरों के नाम नहीं हैं और मरीजों को मांगने पर ही रसीद दिए जाने के प्रमाण मिले।

12 जनवरी: खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासन हरकत में आया और एसडीएम ने जांच टीम बनाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

14 जनवरी: नायब तहसीलदार के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने माधव मेमोरियल हॉस्पिटल में छापेमार कार्रवाई की, जहां कई तरह की अनियमितताएं मिलीं। देर रात तक हॉस्पिटल को आधा सील किया गया।

16 जनवरी: जांच टीम ने हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. आशुतोष भारती का बयान लिया, जिसमें डॉ. भारती ने तमाम गतिविधियों से अनभिज्ञता जाहिर की और संचालक को ही जिम्मेदार ठहराया।

24 जनवरी: हॉस्पिटल के संचालक डॉ. दुग्धेश्वर साहू का बयान लिया गया, जिसमें उन्होंने खुद को केवल बिल्डिंग का मालिक बताया है।

जांच के दौरान अब तक हुए मेडिकल से जुड़े बड़े खुलासे

टेम्प्रेरी रजिस्ट्रेशन: माधव मेमोरियल हॉस्पिटल तीन साल से टेम्प्रेरी रजिस्ट्रेशन पर ही संचालित हो रहा था, जिसकी अवधि समाप्त हो चुकी थी।

किराए की डिग्री: जांच के दौरान पता चला कि डॉ. भारती की केवल डिग्री का इस्तेमाल किया गया है। वे नियमित रूप से हॉस्पिटल कभी नहीं आए। सीधा मतलब है कि हॉस्पिटल के संचालन के लिए एमबीबीएस की डिग्री का इस्तेमाल किया गया। इससे पहले दो-तीन डॉक्टर और हैं, जिससे एग्रीमेंट कर उनकी डिग्री हासिल की गई।

कोविड टेस्ट: अधिकृत नहीं होने के बावजूद हॉस्पिटल के लैब में कोविड टेस्ट किए गए, जिसके लिए अवैधानिक तरीके से किट का इस्तेमाल भी किया गया।

सेवा पर सरकारी डॉक्टर: मेडिकल डायरेक्टर डॉ. आशुतोष भारती ने खुद दो डॉक्टरों के नाम लिए हैं, जो सरकारी अस्पताल में पदस्थ हैं, लेकिन हॉस्पिटल में सेवाएं देते रहे।

मिली बॉयल मशीन: हॉस्पिटल में बॉयल मशीन का मिलना प्रमाण है कि यहां सर्जरी भी होती रही है। गायनेकोलॉजिस्ट सहित अन्य सर्जन भी सेवाएं देते रहे हैं।

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Last modified on Thursday, 28 January 2021 21:52

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