खैरागढ़ में बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे माधव मेमोरियल हॉस्पिटल में मिली बड़ी गड़बड़ियां, एमबीबीएस की डिग्री देने वाले डॉक्टर का हुआ बयान, अब तक नहीं पहुंचा संचालक।
खैरागढ़. माधव मेमोरियल हॉस्पिटल की जांच में खुलासा हो चुका है कि मेडिकल डायरेक्टर डॉ. आशुतोष भारती ने केवल एमबीबीएस की डिग्री दी थी। हॉस्पिटल का संचालन होम्योपैथी डॉक्टर दुग्धेश्वर साहू और आरएमए डॉ. शैलेष बंजारे के जिम्मे था। जब्त किए गए दस्तावेजों में जिन सरकारी डॉक्टरों के नाम मिले हैं, वे भी गोलमोल जवाब दे रहे।
इधर अस्पताल में लाखों की मशीनें भी मिली हैं। इसमें से एक है बाॅयल मशीन (Boyle Machine)। यह मशीन हॉस्पिटल के ऑपरेशन थिएटर में मिली है। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. पीएस परिहार ने बताया कि बॉयल मशीन का उपयोग मरीज को लंबे समय के लिए बेहोश करने में होता है। इसे विशेषज्ञ के बिना संचालित नहीं किया जा सकता। एमडी एनीस्थििसया ही इस मशीन को ऑपरेट कर सकते हैं।
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बॉयल मशीन मिलने से यह बात साबित हो गई है कि हॉस्पिटल में बड़े-बड़े ऑपरेशन होते रहे हैं। महिलाओं की नसबंदी से मिले दस्तावेजों से इस बात का भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि यहां गर्भवती महिलाओं का भी इलाज होता रहा है। ऐसे में सिजेरियन ऑपरेशन से भी इनकार नहीं किया जा सकता। डायरेक्टर डॉ. भारती ने दुर्ग के गायनेकोलाजिस्ट डॉ. कृष्णकांत डहरिया को हॉस्पिटल का एम्पलॉई बताया था। हालांकि डहरिया ने इस बात से इनकार किया है।
संचालक के बयान से खुलेंगे कई राज
डॉ. भारती के बयान से यह तो स्पष्ट हो चुका है कि माधव मेमोरियल हॉस्पिटल में उपचार में गड़बड़ी के साथ-साथ आर्थिक अनियमिताओं के भी मामले हैं। यही नहीं हॉस्पिटल में असाध्य रोगों के उपचार का भ्रामक प्रचार कर गांव के लोगों को बरगलाया गया और उनसे भी राशि लूटी गई। अब संचालक डॉ. दुग्धेश्वस साहू के बयान से कई और खुलासे होंगे।
ऐसा है पूरा मामला
सीएएफ जवान की शिकायत बाद जब माधव मेमोरियल हॉस्पिटल में जांच टीम ने छापेमार कार्रवाई की तो पता चला कि नर्सिंग होम एक्ट के तहत इसका रजिस्ट्रेशन ही नहीं हुआ है। दस्तावेज खंगालने पर संदिग्ध चिकित्सकीय गतिविधियां सामने आईं। यह भी पता चला कि हॉस्पिटल में लेनदेन का कोई हिसाब ही नहीं है, यानी आर्थिक अनियमितता की जानकारी भी मिली।