वायरल वीडियो की जांच करने खैरागढ़ पहुंचे ज्वाइंट डायरेक्टर और कार्यपालन अभियंता, बयान देने नहीं आया उपाध्यक्ष को नोट देने वाला ठेकेदार।
खैरागढ़. तीन माह पहले नोट लेते वायरल हुई वीडियो के मामले में नगर पालिका उपाध्यक्ष रामाधार रजक की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। सोमवार (14 दिसंबर) को खैरागढ़ पहुंचे नगरीय प्रशासन विभाग दुर्ग के ज्वाइंट डायरेक्टर एसके दुबे और कार्यपालन अभियंता (ईई) प्रमोद दुबे ने वीडियो वायरल करने वाले राजा सोलंकी का बयान लिया।
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दोनों अफसर तीन घंटे तक नगर पालिका में रुके। वायरल वीडियो को बारीकी से देखा। उपाध्यक्ष और शिव बोरवेल्स के ठेकेदार के बीच हुई बातचीत को गौर से सुना। इसके बाद बोर खनन से जुड़ी फाइलें भी देखीं। जानकारी के अनुसार अफसरों ने राजा सोलंकी से वीडियो का सोर्स पूछा और इसके अलावा वीडियो वायरल करने के पीछे उसका इरादा भी जाना।
बयान के लिए शिव बोरवेल्स के संचालक को भी बुलाया गया था, लेकिन वह नहीं आया। अब उसे समन जारी कर बुलाया जाएगा और वीडियो में हुई बातचीत को लेकर उसके बयान लिए जाएंगे। वीडियो से संबंधित सभी लोगों का बयान लेने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
वीडियो में उजागर हुआ ब्याज का कारोबार
जेडी और ईई से मिलने के लिए सभापति मनराखन देवांगन भी पहुंचे थे। उन्होंने अफसरों से कहा कि पूरी वीडियो देखेंगे तो उपाध्यक्ष रामाधार रजक ने ब्याज का कारोबार स्वीकारा है। इससे स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी की कमाई को वह ब्याज के कारोबार में लगाता है। मनराखन ने अफसरों से कहा कि उपाध्यक्ष के आय के स्रोत भी जांच के दायरे में आना चाहिए।
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वीडियो में सीएमओ से सांठगांठ का भी इशारा
मनराखन ने कहा कि वायरल वीडियो में उपाध्यक्ष रजक ने ठेकेदार के साथ बातचीत में सीएमओ के साथ मुर्गा पार्टी आदि की भी चर्चा की है। इससे साफ हो जाता है कि पूरे प्रकरण में तत्कालीन सीएमओ से उनकी सांठगांठ रही है। दस्तावेजों से भी जाहिर है कि उपाध्यक्ष ने पहले शिकायत की और उसके बाद ठेकेदार से रुपए लिए।
ऐसा है पूरा मामला
तीन माह पहले 25 सितंबर को जोगी कांग्रेस के युवा नेता राजा सोलंकी ने एक फोटो वायरल की जिसमें रामाधार को नोट की गड्डी लेते दिखाया गया। दूसरे दिन वीडियो का पहला भाग सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और तीसरे दिन पूरा वीडिया। इस वीडियो में रामाधार किसी फाइल को लेकर दो अन्य लोगों से बात कर रहे हैं। इसे आगे बढ़ने से रोकने के लिए सौदा चल रहा है। रामाधार के बाएं खड़े व्यक्ति द्वारा 30 हजार देने पर 20 की डिमांड भी की जा रही है, जिसका चेहरा भी वीडियो में है।
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उपाध्यक्ष कह चुके हैं- वीडियो की मिक्सिंग हुई है
रामाधार पहले ही आरोप लगा चुके हैं कि तीन साल पुरानी किसी घटना को गलत तरीके से वीडियो रिकॉर्डिंग किया गया। इसके बाद वीडियो मिक्सिंग, फोटो शॉप आदि जैसी तकनीकों का इस्तेमाल कर किसी चर्चा को गलत तरीके से फेसबुक पर पोस्ट किया गया है। इसके जरिए उनकी राजनीतिक छबि धूमिल करने की कोशिश की गई है।
यहां देखिए पूरा वीडियो... और जानिए क्या उपाध्यक्ष ने स्वीकारा है ब्याज का कारोबार