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जानकारी देने केंद्रीय सूचना आयुक्त बिमला जुल्का ने AIIMS दिया था 30 दिनों का अल्टीमेटम
रायपुर. साइबर अटैक के जरिए लैपटॉप का डाटा गायब कर डॉलर में सौदा करने के मामले में नई गड़बड़ी उभर कर सामने आई है। पता चला है कि भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS Raipur) के पास 2008 से 2018 तक स्थाई-अस्थाई कर्मचारियों का डाटा ही नहीं है। वे ये भी नहीं बता पा रहे कि भर्ती के लिए कितने विज्ञापन जारी किए गए। इसी मामले को लेकर ६ जून को हुई सुनवाई में केंद्रीय सूचना आयुक्त बिमला जुल्का ने एम्स को 30 दिन का अल्टीमेटम दिया था। Also read: Cyber attack : AIIMS Raipur का मेल खोला और गायब हुए भ्रष्टाचार के सबूत, अब डेटा के बदले डॉलर मांग रहा हैकर ...
राजनांदगांव निवासी महेश शर्मा ने पुलिस को बताया है कि उन्होंने AIIMS Raipur में हुई LDC भर्ती में हुए भ्रष्टाचार से संबंधित कई जानकारियां सूचना के अधिकार में प्राप्त की थीं। एम्स के मेल पर क्लिक करने से उनका लैपटॉप हैक हुआ और सारी जानकारियां गायब हो गईं। अब हैकर डॉलर मांग रहा है। महेश ने बताया कि 2008 में AIIMS बना था। इसी दिन से 2018 तक स्थाई-अस्थाई कर्मचारियों की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई थी। उन्होंने उन विज्ञापनों की प्रति भी मांगी थी, जिसके तहत एम्स में भर्ती की प्रक्रिया हुई, लेकिन इनमें से एक भी जानकारी उन्हें नहीं दी गई। प्रथम अपील के बाद द्वितीय अपील में मुख्य आयुक्त बिमला जुल्का ने एम्स के असिस्टेंट कंट्रोलर एग्जाम मिलिंद मजूमदार को स्पष्ट कहा था कि 30 दिनों के भीतर जानकारी दी जाए। इसके बावजूद प्रकाशित विज्ञापनों की प्रतिलिपि नहीं दी गई और जो मेल आया उससे साइबर अटैक हो गया।
भर्ती विज्ञापनों की प्रति मांगने पर कहते हैं पैसे का अपव्यय है
महेश ने बताया कि जब सूचना के अधिकार के तहत AIIMS से भर्ती विज्ञापनों की प्रति मांगी गई तो एम्स ने लिखा कि यह आपके पैसों का अपव्यय है, जबकि एम्स प्रबंधन को चाही गई जानकारी देनी चाहिए थी। उन्होंने सुनवाई के दौरान यह बात आयुक्त को भी बताई थी और इसके बाद आयुक्त ने उन्हें आदेशित किया था। Also read: Cyber attack : AIIMS Raipur का मेल खोला और गायब हुए भ्रष्टाचार के सबूत, अब डेटा के बदले डॉलर मांग रहा हैकर ...
एम्स के एग्जाम कंट्रोलर मजूमदार बोले- रिकॉर्ड कंपाइल नहीं है
केंद्रीय सूचना आयुक्त बिमला जुल्का ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए की सुनवाई, जिसकी रिकॉर्डिंग Ragneeti के पास उपलब्ध है। पढि़ए सुनवाई के अंश:-
महेश: एम्स ने भर्ती विज्ञापनों की जानकारी नहीं दी है।
मजूमदार: अगर वो (महेश) आज की स्थिति मांगते हैं, तो हम देने को तैयार हैं सर, लेकिन 2008 से अब तक की जानकारी ये मांग रहे हैं।
आयुक्त: आप शपथ पत्र दे दीजिए कि इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं है। इस तरह का आप शपथ पत्र देंगे, ये आपके विपरीत जाएगा। ये मैं बता रहा हूं आपको। बड़ा दुखद समाचार होगा कि आपको ये ही नहीं मालूम कि स्थाई-अस्थाई कर्मचारी कितने हैं?
मजूदार: हम ये कह रहे हैं सर कि रिकॉर्ड कंपाइल नहीं है।
आयुक्त: ठीक है, आप इसी का शपथ पत्र दे दीजिए कि रिकॉर्ड कंपाइल नहीं है।
मजूमदार: जैसा आप आदेश करेंगे, वैसा दे देंगे सर।
आयुक्त: 30 दिन का टाइम दे देते हैं, ये आपके हित में है। महेश जी को धन्यवाद देना चाहिए आपको कि आपके हित में उन्होंने ऐसा प्रश्र उठा लिया।
मजूमदार: ठीक है सर हम दे देंगे।
आयुक्त: मजूमदार जी ये सारे प्रश्र महत्वपूर्ण हैं- हाईकोर्ट में कितने मामले गए, कितने चल रहे हैं, कितने में निर्णय हो गया। ये तो आपके पास होने चाहिए।
मजूमदार: हाईकोर्ट वाला तो देने को तैयार हैं सर। जहां तक भर्ती के विज्ञापनों की बात है तो वह सैकड़ों की संख्या में है सर। उतने का प्रिंट निकालना और कंपाइल करके देना।
आयुक्त: आपको कोई आइडिया है कि टोटल कितने हैं? लगभग एक संख्या तो बताइए?
मजूमदार: लगभग 250 होंगे। मैं कलेक्ट करके बता दूंगा सर।
महेश: सर ये तो कहते हैं कि जानकारी देंगे ही नहीं। आप परेशान कर रहे हो।
आयुक्त: हम इसमें आदेश करते हैं।
नौ केस सुने, सभी में मिली खामियां
मुख्य आयुक्त बिमला जुल्का ने कहा, 'मजूमदार जी आप आरटीआई की तरफ ध्यान दीजिए, लोग जागरूक हो रहे हैं। आपको सारी जानकारियां वेबसाइट पर डालनी पड़ेंगी। आप कुछ भी छुपा नहीं सकते। हमने नौ केसेस सुने हैं और सब में कुछ न कुछ खामी है। कई चीजें पारदर्शी तरीके से नहीं बता पा रहे हैं। आप रीएग्जामिन करिए और जानकारी दीजिए। हमें खुशी है कि आरटीआई के माध्यम से जागरूकता तो आई है।'
(नोट: 6 जून को हुई सुनवाई की रिकॉर्डिंग में आयुक्त ने कही थी ये बात।)
पुलिस कर रही है साइबर अटैक की जांच
बुधवार को महेश ने एसपी को लिखित में जानकारी दी कि एम्स का मेल खोलते ही उसके लैपटॉप पर साइबर अटैक हुआ और उसका पूरा डाटा गायब हो गया। लैपटॉप में एम्स में हुए भ्रष्टाचार के सबूत थे और उसकी व्यक्तिगत जानकारी भी। Also read: Cyber attack : AIIMS Raipur का मेल खोला और गायब हुए भ्रष्टाचार के सबूत, अब डेटा के बदले डॉलर मांग रहा हैकर ...