रायपुर : वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ में बाघों और राजकीय पशु वनभैंसा की संख्या को बढ़ाने के लिए हरसंभव पहल की जा रही है। इस तारतम्य में उन्होंने शुक्रवार को राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में वन विभाग के प्रमुख सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिए। प्रदेश में वर्तमान में एक आंकलन के अनुसार बाघों की संख्या 19 है। इसी तरह वर्तमान में राजकीय पशु वनभैंसा उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व तथा इन्द्रावती टाइगर रिजर्व में ही पाए जाते हैं, जिनकी संख्या 25 से 35 तक होने का अनुमान है।

वन मंत्री अकबर ने बैठक में प्रदेश में बाघों की संख्या में वृद्धि के लिए कार्ययोजना के अंतर्गत मुंगेली जिले के अचानकमार टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में स्थित कुल 25 गावों के व्यवस्थापन कार्य की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने इसमें अपेक्षित गति लाते हुए व्यवस्थापन के लिए शेष बचे 19 गावों के व्यवस्थापन संबंधी प्रक्रिया को आगामी 15 जुलाई तक हर हालत में पूर्ण करने के निर्देश दिए। इनमें से प्रथम चरण में 6 गावों जल्दा, कूबा, बहाऊड़, बांकल, बोकराकछार तथा सांभरधसान का व्यवस्थापन किया जा चुका है।
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शेष बचे 19 गांवों में तिलाईडबरा, बिरारपानी तथा छिरहट्टा, अचानकमार, बिन्दावल तथा सारसडोल शामिल हैं। इसके अलावा छपरवा, लमनी, अतरिया-1, रंजकी, सुरही, अतरिया-2, बम्हनी, कटामी, जाकड़बाधा, निवासखार, महामाई, डगनिया और राजक गांव शामिल हैं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को शेष सभी 19 गांवों के व्यवस्थापन कार्य को एक ही चरण में पूर्ण करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
वन मंत्री अकबर ने राज्य में राजकीय पशु वनभैंसों की संख्या में बढ़ोतरी के लिए हरसंभव उपाय करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु वनभैंसा प्रदेश के उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व और इन्द्रावती टाईगर रिजर्व में ही पाए जाते हैं। उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व दो जिलों गरियाबंद तथा धमतरी में आता है तथा ओडिसा राज्य की सीमा से लगा हुआ है। इस टाईगर रिजर्व के उदंती अभ्यारण्य में वर्तमान में कुल 9 वनभैंसे है, जिनमें 8 नर (दो बच्चे सहित) तथा एक मादा वनभैंसा है। इनमें से 7 वनभैंसें लगभग 32 हेक्टेयर क्षेत्र के 4 बाड़ी में है, जबकि दो नर वन भैंसे जंगल में स्वतंत्र रूप से विचरण कर रहे हैं।
प्रदेश में वनभैंसों की संख्या में बढ़ोतरी के लिए वन विभाग द्वारा आधुनिक पद्धति क्लोनिंग का भी सहारा लिया जा रहा है। इसके तहत राज्य में एक मादा वनभैंसा का जन्म 2014 में हुआ है, जो अब वयस्क हो गई हैं। इस क्लोन मादा वनभैंसा को नंदनवन जंगल सफारी में रखा गया है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ राज्य वन्य-जीव बोर्ड, पर्यावरण, वन एवं मौसम परिवर्तन विभाग भारत सरकार तथा असम सरकार की सहमति से असम राज्य के मानस राष्ट्रीय उद्यान से 5 मादा वनभैंसा तथा एक नर वनभैंसा राज्य के बारनवापारा अभ्यारण्य में लाना है।
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इसके प्रथम चरण में एक नर तथा एक मादा वनभैंसा चालू माह अप्रैल के 18 तारीख को बारनवापारा में लाया जा चुका है। इसमें शेष 4 वनभैंसा को चालू वर्ष के अंत तक अथवा अगले वर्ष के मार्च माह के पहले तक लाए जाने की संभावना है।
वन मंत्री अकबर ने बैठक में समीक्षा करते हुए प्रदेश में वन विभाग के अंतर्गत कार्यरत सभी 14 चिकित्सकों को निश्चेतना संबंधी प्रशिक्षण देने का कार्य आगामी 15 मई तक पूर्ण करने के लिए निर्देशित किया। इससे जंगलों में विचरण कर रहे हाथियों के रेडियो कॉलरिंग की कार्रवाई में बहुत आसानी होगी। इस अवसर पर वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, अतुल कुमार शुक्ल तथा संजय शुक्ला, कैम्पा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व्ही. श्रीनिवास राव तथा अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री अरूण पाण्डेय सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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