×

Warning

JUser: :_load: Unable to load user with ID: 807

BJP शासन में संसदीय सचिवों के मुद्दे पर सियासी नौटंकी कर सरकार को बदनाम करने वाले Baghel अब माफ़ी मांगें : Munat

प्रदेश में संसदीय सचिवों की नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने के लिए पूर्व मंत्री मूणत का तीखा कटाक्ष

मूणत का सवाल : बघेल बताएँ, कोरोना के लिए पैसे नहीं हैं तो संसदीय सचिवों के लिए ख़जाने में पैसा कहाँ से आएगा?

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने प्रदेश में संसदीय सचिवों की नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने के लिए तीखा कटाक्ष कर कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पूर्ववर्ती भाजपा प्रदेश सरकार द्वारा की संसदीय सचिवों की नियुक्ति पर की गई सियासी नौटंकी और पूर्ववर्ती भाजपा सरकार को अकारण बदनाम करने के लिए अब पूरे प्रदेश से बिना शर्त माफ़ी मांगनी चाहिए। Also raed: शपथ ग्रहण के बाद संसदीय सभी सचिवों को मंत्रियों के साथ किया गया अटैच

श्री मूणत ने कहा कि संसदीय सचिवों की नियुक्तियों को लेकर विपक्ष में रहते हुए मुख्यमंत्री बघेल तत्कालीन भाजपा प्रदेश सरकार के ख़िलाफ़ कोर्ट तक चले गए थे, आज सत्ता में आने के बाद वही बघेल अपनी सरकार के कामकाज को लेकर कांग्रेस में ही मचे घमासान को शांत करने संसदीय सचिव नियुक्त करते हुए ज़रा भी शर्म महसूस नहीं कर रहे हैं। भाजपा नेता व पूर्व मंत्री श्री मूणत ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल की फ़ितरत ही यही हो चली है कि जिन कामों का विपक्ष में रहकर वे विरोध करते रहे, आज वही ससारे काम वे कर रहे हैं। शराबबंदी के वादे से मुकर जाने और घर-घर शराब पहुँचाने वाले मुख्यमंत्री बघेल ने अब संसदीय सचिवों की नियुक्ति करके साबित कर दिया है कि प्रदेश की राजनीति में उनके जैसा और कोई आडंबरवादी नहीं है जिनकी पूरी राजनीति सिर्फ़ और सिर्फ़ सत्तावादी अहंकार की लालसा की पोषक होकर रह गई है।

श्री मूणत ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बघेल के इस दोहरे आचरण ने यह भी साबित कर दिया है कि मुख्यमंत्री बघेल को न तो लोकतांत्रिक परंपराओं की समझ से कोई वास्ता है और न ही वे संसदीय प्रक्रियाओं की सूझबूझ रखते हैं; मुख्यमंत्री समेत प्रदेश सरकार के 13 मंत्रियों पर 15 संसदीय सचिव नियुक्त करने की यह कवायद इस बात की तस्दीक कर रही है। भाजपा नेता व पूर्व मंत्री श्री मूणत ने कहा कि पिछले 18 माह से प्रदेश सरकार को संसदीय सचिवों और निगम-मंडलों में नियुक्ति करने की सुध नहीं आई और उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। लेकिन मध्यप्रदेश के बाद अब राजस्थान की कांग्रेस सरकार की चलाचली की बेला में आनन-फानन ये नियुक्तियाँ करके प्रदेश में ‘वन मैन शो’ चला रहे मुख्यमंत्री बघेल सत्ता के विकेंद्रीकरण की पहल नहीं कर रहे हैं बल्कि अपनी सरकार की नाकामियों से अपने ही दल में पनप रहे असंतोष और गुटबाजी के चलते मचे सत्ता-संघर्ष से डरकर वे फौरी तौर पर इस अंतर्कलह पर पानी छींटने की एक नाकाम कोशिश भर कर रहे हैं। श्री मूणत ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल चाहे जितने जतन कर लें, उनकी सरकार का अपनी ही नाकामियों के बोझ में दब जाना अंतिम नियति है। मुख्यमंत्री बघेल का दलीय असंतोष से उपजा यह डर प्रदेश के लिए शुभ संकेत प्रतीत हो रहा है। Also read: रोका-छेका योजना प्रदेश सरकार की दीग़र योजनाओं की तरह super flop show साबित हो रही: BJP ...

BJP नेता व पूर्व मंत्री श्री मूणत ने कहा कि एक तरफ प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंतित हैं और प्रदेश सरकार से कोरोना प्रकरणों की टेस्टिंग के लिए पर्याप्त फंड मुहैया कराने की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार प्रदेश की माली हालत ख़राब होने का रोना रो रही है। कोरोना जैसी महामारी के प्रदेश में विस्फोटक स्तर तक पहुँच जाने के बावज़ूद प्रदेश सरकार विभिन्न मदों में करोड़ों रुपए का फंड होने के बावज़ूद जिस तरह अपनी ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है, वह तो बेहद शर्मनाक है ही, पर साथ ही सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि जब प्रदेश सरकार कोरोना के ख़िलाफ़ जारी जंग को पैसों की कमी का रोना रोकर कमज़ोर कर रही है तो फिर संसदीय सचिवों की नियुक्ति से प्रदेश पर जो अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा, उसके लिए मुख्यमंत्री को बताना होगा कि प्रदेश के ख़जाने में पैसा कहाँ से आएगा?

रागनीति के ताजा अपडेट के लिए फेसबुक पेज को लाइक करें और ट्वीटर पर हमें फालो करें या हमारे वाट्सएप ग्रुप व टेलीग्राम चैनल से जुड़ें।

Rate this item
(0 votes)
Last modified on Wednesday, 15 July 2020 12:29

Leave a comment

Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.