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स्मरण पत्र के बाद भी नहीं दिया प्रतिवेदन
खैरागढ़. आला अधिकारियों के निर्देशों को जनपद पंचायत के अधिकारी कितनी गंभीरता से लेते हैं। इसकी बानगी जनपद पंचायत,खैरागढ़ के गाँवों में भ्रष्टाचार के मामलों के खुलासों के बाद सामने आई। दरअसल पचपेड़ी,टेकापाऱ,कलकसा,मरकामटोला,गांतापाऱ जंगल पंचायत के भ्रष्टाचार के पुष्ट मामले दैनिक भास्कर में प्रकाशित हुए। खबर संज्ञान में लेते हुए परियोजना निदेशक जिला ग्रामीण विकास प्रशासन जिला केसीजी ने जनपद सीईओ को 3 दिवस में जांच कर रिर्पोट मांगी गई थी। लेकिन माह भर बाद भी न जांच की गई और न ही प्रतिवेदन सौंपा गया है। इससे साफ तौर पर जाहिर होता है कि गाँवों में फैले भ्रष्टाचार के जाल जो जनपद से सीधा संरक्षण मिला हुआ है। इसलिए कार्यवाही तो दूर जाँच से भी गुरेज किया जा रहा है। तत्कालीन अवधि में जनपद के सीईओ शिशिर कुमार शर्मा रहे जिन्हें प्रतिवेदन के लिए निर्देशित किया गया। लेकिन प्रतिवेदन तो दूर इन मामलों की जाँच ही नहीं की गई। मामले में जनपद सीईओ जिला कार्यालय से मिले पत्रों को कितनी गंभीरता से लेते हैं,इसका उदाहरण भी देखने को मिला। जाँच के निर्देशों के बाद बकायदा स्मरण पत्र भी जनपद सीईओ को भेजा गया। फिर भी जाँच नहीं की गई।
प्रकरण क्रमांक 01: पचपेड़ी में गली मरम्मत के नाम पर फिर निकली राशि
ग्राम पंचायत पचपेड़ी में 272 ट्रिप जीरा गिट्टी डालने, पत्थर बेचने,अधिक कीमत पर स्ट्रीट लाईट खरीदने के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया। 21 अक्टूबर को जनपद सीईओ से 3 दिन में जांच कर रिर्पोट मांगा गया। लेकिन सीईओ ने उच्च अधिकारी के आदेश की अवेहलना करते हुए आज तक रिपोर्ट नही सौंपा। पंचायत में हाल ही के महीने में फिर गली मरम्मत के नाम पर 49000 से अधिक निकाली गई है।
प्रकरण क्रमांक 02: टेकापाऱ में फ़र्ज़ी भुगतान का है मामला
टेकापार कला में आपरेटर ओमप्रकाश के खाते में फर्जी मटेरियल भुगतान किया गया। पुष्टि प्राप्तकर्ता दुकानदार स्वयं कर रहा है। उसके बाद भी कार्यवाही नही किया जा रहा है। सचिव नवा लाल पटेल ने भास्कर को बताया की उनके द्वारा सही बिल का लगाया गया था और अकाउंट नंबर भी जिसका बिल लगाया था उसी का दिया गया था।
प्रकरण क्रमांक 03: कलकसा में सचिव ने किया अपने बेटे के खाते में भुगतान
कलकसा पंचायत में फर्जी पाइप लाईन विस्तार, एक लाख रूपए का कम्प्यूटर, सरपंच अपने भतीजे व सचिव अपने बेटे के खाते में फर्जी भुगतान की मामला सामने आने के बाद परियोजना निदेशक ने जांच कर तीन दिवस पर में प्रतिवेदन मांगा था। लेकिन अधिकारियों के आदेश को अनसुना करने की आदत से मजबूर सीईओ ने इस आदेश को अनसुना करके सचिव व सरपंच को भ्रष्टाचार की छुट दे दिया है। यह के ग्रामीण ने सरपंच-सचिव को सीईओ की छत्रछाया में भ्रष्टाचार को अंजाम देने का आरोप लगा रहा है।
प्रकरण क्रमांक 04: मरकामटोला में नाश्ते में 3 लाख खर्च
विकास के रूपए से तीन लाख रूपए की नाश्ता और मिठाई खाने वाले सरपंच जाच नही होने से और मिठाई खाने की तैयारी में जूट गए है। विभाग की पोल खोलने के लिए मरकामटोला सरपंच का खर्च विवरण ही काफी है। सीईओ की मेहरबानी से मिठाई की बिल फटाफटा पास हो रहा है। सरपंच दूसरे का बिल लगाकर अपने दम पर खुद ही अपने खाते में पैसा भुगतान करके निकाल लिए है। जिसकी पुष्ठि सरपंच खुद कर रहा है उसके बावजूद कोई कार्यवाही नही हो रहा है।
प्रकरण क्रमांक 05: गातापार जंगल में समतलीकरण के नाम पर लाखों का हेरफेर
जंगल गातापार में समलतलीकरण करने 11 लाख से अधिक रूपए का भुगतान किया गया है। लेकिन समतलीयकरण तो हुआ नही और रूपए सचिव-सरपंच बंदबांट कर गए। इतने रूपए भ्रष्टचार से संतुष्ट न होकर पुल निर्माण का पैसा 3 साल से निकालकर खा गए है।
अपर कलेक्टर प्रेम कुमार पटेल ने बताया की दैनिक भास्कर की खबर के आधार पर खैरागढ़ सीईओ को टीम गठित कर जांच कर तीन दिवस में प्रतिवेदन मांगा गया था लेकिन उनके द्वारा जांच प्रतिवेदन नहीं दिया गया जिसके बाद स्मरण पत्र भी जारी किया गया है, अंतिम स्मरण पत्र और जारी किया जाएगा उसके बाद जिला स्तरीय टीम गठित कर जांच कराई जाएगी।