00 लेटलतीफी निर्माण पूरा नहीं होने के कारण सुविधा मिलने में अधिक समय लग रहा
00 अधूरे कार्यों को नए सरपंचों को कराना चुनौती पूर्ण होगा
खैरागढ़. जनपद पंचायत खैरागढ़ अपनी लचर व्यवस्था के लेकर जानी जाती है। आम लोगों के शिकायत के बाद व उच्च अधिकारी के जांच आदेश देने के बाद अधिकारी अपने अड़ियल रवैया की वजह से जांच करने नही जाती। शिकायत व आदेश को अनदेखा कर दी जाती है। उसी प्रकार हितग्राहियों व गांव के विकास काम को भी पूरा कराने अधिकारी कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
नरेगा की अधिकारिक वेबसाइट अनुसार वित्तीय वर्ष 2020-21 से लेकर अब तक 1782 काम अधूरे पड़े हुए हैं। सरपंचों का कार्यकाल पूर्ण होने को हैं। इन अधूरे कार्यों को पूर्ण कराना जिला व जनपद अधिकारी की चुनौती पूर्ण होगी। क्योंकि प्रशासन के पास कोई विशेष तैयारी नहीं है। अधूरे कार्य को नए सरपंचों को कराना बहुत ही चुनौती पूर्ण होगा। क्योंकि अधूरे काम का मूल्यांकन के हिसाब से बिल निकल जाता है। बढ़ती मंहगाई में नवनिर्वाचित सरपंच पूर्व सरपंच के अधूरे काम को हाथ डालना उचित नहीं समझते हैं। गौरतलब है कि निर्माण कार्यों में लेटलतीफी को लेकर ग्रामीणों सहित जनप्रतिनिधियों ने आपत्ति जताई फिर भी अब तक कुछ नहीं हो पाया।
दपका में स्कूल भवन का छज्जा लेवल तक काम कराया
नरेगा के अलावा अन्य मद के कई काम अधूरा पड़े हुए हैं। हैं। जिसे पूरा नहीं कराया जा रहा है। कुछ काम तो पुराने सरपंच के कार्यकाल का है, जो अब तक पूर्ण नहीं हो सका है। अधूरा निर्माण सरकार व जनता का पूर्णता नुकसान है। खैरागढ़ ब्लाक की ग्राम पंचायत को दपका में वित्तीय वर्ष 2018-19 में
शासकीय माध्यमिक शाला में अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए शासन से 6 लाख 45 हजार रुपए स्वीकृत हुए थे। जिसे पूर्व सरपंच कुंती बाई देवांगन ने छज्जा लेवल तक काम कराया था। इसी दरमियान पंचायत चुनाव 2019-20 शुरू होने से कार्य पूर्ण नहीं हो सका।
दपका स्कूल के बच्चों को नहीं मिल रही कोई सुविधा
वर्ष 2019-20 में पंचायत चुनाव में सरपंच सुनीता बाई साहू ने जीत दर्ज कर पदभार ग्रहण किया, जिसके बाद उसे नियमतः मतः पुराने पुराने कार्यों कायों को व पूर्ण करना था। नई सरपंच ने पुराने सरपंच के कार्याकाल के काम को हाथ नहीं लगाया। आज तक निर्माण अधूरा है। दपका स्कूल के छात्र छात्राएं को सुविधा नहीं मिल रही है।
यह हाल: संबंधित अफसर को नोटिस देकर बैठ गए
सरपंच ने कार्य पूर्ण कराना उचित नहीं समझा। इधर जनपद भी छात्राओं की समस्या को नजर अंदाज करते हुए अब तक रिकवरी या अन्य कोई कार्रवाई नहीं की। जिससे सरपंच भी अधिकारी को नोटिस देकर चुप बैठ गए।
नरेगा के अंतर्गत गांवों में 94 काम अभी तक अधूरे हैं
नरेगा में वित्तीय वर्ष 2020-21 में 94 काम अभी तक अधूरे हैं। जिसे 4 वर्ष बाद भी पूरा नहीं कराया जा सका। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 219 काम, 2022-23 में 200 काम, 2023-24 1092 काम व 2024-25 में 177 काम अधूरे हैं। अनुभवी सरपंचों की मानें तो नरेगा में जो कार्य जिस पंचवर्षीय में मंजूर हुए उसी पंचवर्षीय में पूर्ण हो जाए तो बेहतर होता है। नए सरपंच पुराने सरपंच अधूरे काम को पूर्ण नहीं कराता, क्योंकि उसमें नुकसान होता है।
पीओ ज्यादा अच्छे से इसकी जानकारी दे पाएगा: सीईओ
खैरागढ़ जनपद सीईओ शिशिर शर्मा ने कहा कि पीओ ज्यादा अच्छे से जानकारी दे पाएगा। आप उनको फोन लगा लीजिए। खैरागढ़ जनपद के नए सीईओ नारायण बंजारा ने कहा कि मैं कलेक्टर में अपना उपस्थिति दिया हूं। अभी पदभार ग्रहण नहीं किया हूं।