एजेंसी. कोरोना वायरस के चलते देश-दुनिया में अर्थव्यवस्था में मंदी के हालात हैं और फिलहाल विश्व के ज्यादातर देश महामारी से उबरने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन पाकिस्तान में स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। कुछ दिन पहले सार्क कोविड-19 फंड से कोरोना के नाम पर पैसे मांगने वाले पाकिस्तान ने विश्व समुदाय से एक बार फिर मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान में कोरोना के चलते भुखमरी के हालात हैं।
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रविवार को एक वीडियो ट्वीट के जरिए उन्होंने अपील की है। उन्होंने कहा कि मेरा अपील अंतरराष्ट्रीय समुदाय, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से है कि कोविड-19 महामारी के चलते विकासशील देश जिस चुनौती का सामना कर रहे हैं, उनके साथ समारात्मक प्रतिक्रिया दें।
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इमरान ने कहा कि मैं आज वैश्विक समुदाय से कह रहा हूं कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में दो नीतियां अपनाई जा रही हैं। विकसित देश पहले अपने यहां पर लॉकडाउन कर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं उसके बाद वह उसके चलते पड़े आर्थिक प्रभाव की चुनौती से निपट रहे हैं। लेकिन, विकासशील देश में कोरोना वायरस को रोकने के साथ ही आर्थिक चुनौती के चलते सबसे बड़ी समस्या ये हैं कि लोग भूखे मर रहे हैं। इमरान ने कहा कि ऐसे में एक चुनौती ये हैं कि वायरस के चलते मरने से लोगों को रोका जाए और दूसरी तरफ जो लॉकडाउन के बाद हालत पैदा हुए हैं उसकी वजह से उन्हें भूख से मरने से भी बचाया जाए। पाकिस्तान के पीएम ने कहा कि अन्य समस्या जिसका विकासशील देश सामना कर रहे हैं वो है विकासशील और विकसित देशों के पास मौजूद संसाधन के बीच काफी असमानता है।
इमरान ने कहा कि विकासशील देशों के पास इतने पैसे नहीं है कि वह अब अतिरिक्त पैसों को स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च कर सकें और दूसरी तरफ लोगों को भूखमरी से रोक पाएं। इमरान खान ने कहा कि वह यूनाइटेड नेशंस के जनरल सेक्रेटरी से यह गुजारिश की है। कहा है कि विकसित देशों के लिए सहायता करें ताकि वह कोरोना वायरस की चुनौतियों से बाहर निकल सके।
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