दाऊ जी तूसी ग्रेट हो..✍️जितेंद्र शर्मा
शराब बंदी जनता की मांग है। कांग्रेस सिर्फ जनता के साथ खड़ी है। जहां मदद की जरूरत होगी, हमारे युवा साथी हर घड़ी साथ देंगे। इस लाइन को लेकर लोग जबरिया बवाल मचा रहे हैं। दरअसल यह बयान हमारे प्रदेश के आज के मुखिया भूपेश बघेल यानी दाऊ जी ने तब दिया था जब वे विपक्ष में थे। इसमें भी दो राय नहीं है कि विधानसभा चुनाव के दौरान अपने घोषणा पत्र में कांग्रेस ने यह दावा किया था कि प्रदेश में उनकी सरकार बनी तो यहां पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी जाएगी। इसके बाद छत्तीसगढ़ की जनता ने उनकी पार्टी को एकतरफा समर्थन दे दिया। सरकार कांग्रेस की बन गई। अब कुछ लोग दाऊ जी और उनकी सरकार के पीछे पड़ गए हैं। उन्हें बार बार उनका पुराना बयान याद दिलाकर दबाव बना रहे हैं कि प्रदेश में शराबबंदी की घोषणा करें। लेकिन सरकार ऐसा नहीं कर रही है। अब सवाल यह उठता है कि क्या कांग्रेस के घोषणा पत्र में यही एक बात थी? और भी बहुत से वादे थे न। तो आप कैसे कह सकते हैं इसी वादे के कारण कांग्रेस सत्ता में आई? दाऊ जी और उनकी पार्टी ने भीतरी सर्वेक्षण तो कराया ही होगा कि किन वादों के कारण उन्हें जीत मिली। और इसमें शराबबंदी का उल्लेख नहीं आया होगा। तो भला कैसे शराबबंदी कर दे। और यदि कर दिया तो किस मुंह से फिर जाएंगे जनता के पास वोट मांगने?
यह भी पढ़ें: बंकिम दृष्टि / गाल बजाते जनप्रतिनिधि और समस्याएं ✍️जितेंद्र शर्मा
अब अभी देखिए न, कुछ कथित बुद्धिमान और समूचा विपक्ष उठ खड़ा हुआ है छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ। कह रहे हैं कि लॉक डाउन अच्छा मौका था शराब बंदी के लिए। लोग पीने-पिलाने से दूर हो गए थे। यह उनकी आदत बन गई थी। मगर भाई साहब यह भी देखिए कि इस दौरान कई बार हमारी सरकार की ओर से यह जाहिर किया गया कि अवैध शराब की बिक्री यहां बढ़ गई है, तो भला कैसे लोगों ने शराब छोड़ दी थी। अब सरकार का तो काम ही है न कि गलत कुछ न होने दे, सो लॉक डाउन के बीच में एक बार प्रयास भी किया था दारू दुकानों को खोलने का लेकिन लोग हैं कि कोर्ट चले गए और मामला ठंडे बस्ते में चला गया। अब लॉक डाउन के तीसरे दौर में केंद्र की भाजपा सरकार ने ही जब शराब दुकान खोलने की इजाजत दे दी है तो प्रदेश की सरकार ने लंबे समय से बंद पड़ी दुकानों को खोलकर क्या गलत कर दिया। लोगों को तो दाऊ जी का अहसान मानना चाहिए कि केंद्र सरकार के गाइड लाइन में जो कमियां थी, दाऊ जी ने उसे दूर करते हुए यह व्यवस्था दी है कि लोगों के घरों तक शराब की बोतलें पहुंच सके। ऐसा करने के पीछे सरकार की मंशा पर संदेह नहीं करना चाहिए। क्योंकि केंद्र सरकार ने बार, रेस्टोरेंट और क्लब को तो खोलने की इजाजत नहीं दी है तो यहां बैठने वाले जाएंगे कहां? उनके साथ अन्याय नहीं होगा? फिर जब लोगों को घरों में ही आसानी से मदिरा मिलने लगेगी तो बाहर निकलने वालों की संख्या भी कम ही होगी। यह कोरोना महामारी को फैलने से रोकने में सहायक ही होगा। साथ ही डिलीवरी ब्वायों की बड़ी संख्या में नियुक्त कर सरकार युवाओं को रोजगार देने का महान कार्य भी तो कर रही है।
अब पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर जी को कौन समझाए जो घर बैठे ट्वीट कर रहे हैं कि दारू पीबो अऊ खाबो चखना, जुग जुग जियो कवासी लखमा। पढ़ई तुंहर दुआर के संग संग दारू तको तुंहर दुआर। बेहतर होगा चंद्राकर जी के साथ ही समूचा विपक्ष बाहर निकले और देखे कि जनता और समय की मांग क्या है? खाली जेब सरकार और पार्टी चलाना कितना कठिन है? दाऊ जी आप तो बढ़े चलो। जनता ने आपको पांच साल के लिए चुना है। आपकी सरकार कोई हिला तक नहीं सकता। तूसी ग्रेट हो दाऊ जी।
यह भी पढ़ें: नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने पूछा- ‘डिलीवरी ब्वॉय एक नंबर की दारू देंगे या दो नंबर की, पैसा खजाने में जाएगा या जेबें भरेंगी…’
यह भी पढ़ें: रायपुर में एक और कोरोना मरीज की पुष्टि की गई, अब कुल 22 एक्टिव केस
बंकिम दृष्टि / मंदी के दौर में करोड़पति बनाने आ रहे बिग बी ✍️जितेंद्र शर्मा
रागनीति के ताजा अपडेट के लिए फेसबुक पेज को लाइक करें और ट्वीटर पर हमें फालो करें।